TUMHARE SAJDE KO KABA SALAM KEHTA HAI NAAT LYRICS

TUMHARE SAJDE KO KABA SALAM KEHTA HAI NAAT LYRICS

 

 

 

Tumhare Sajde Ko Kaba Salam Kehta Hai
Jalal E Qubba E Khazra Salam Kehta Hai
Chaman Ka Har Gul O Ghuncha Salam Kehta Hai
Husain Tum Ko Zamana Salam Kehta Hai

Chirag O Masjid O Mimbar Salam Kehta Hain
Nabi O Rasul O Payambar Salam Kehta Hain
Ali O Fatima Shabbar Salam Kehta Hain
Khuda Gawah H K Nana Salam Kehta Hain

Khuda Ki Rah Main Sar Ko Kata Diya Tumne
Nabi K Deen Par Ghar Ko Luta Diya Tumne
Nishan E Kufr Ko Yaksar Mita Diya Tumne
Tumhe Khuda Bhi Tumhara Salam Kehta Hai

Falak K Sitare Salam Kahte Hain,
Tmhe Quran K Pare Salam Kahte Hain
Tmhe Haram K Minare Salam Kahte Hain
Imam Tum Ko Madina Salam Kehta Hai

Sana Tumhari Wazifah Hai Mera Aabai
Tumhari Madha To Shewa Hai Mera Maulai
Bas Ek Nazar Ho Mujhpar Jo Meri Ban Aayi
Tumhara Syed E Shaidah Salam Kehta Hai

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है / Husain Tum Ko Zamana Salam Kehta Hai
तुम्हारे सज्दे को का’बा सलाम कहता है
जलाल-ए-क़ुब्बा-ए-ख़ज़रा सलाम कहता है
चमन को हर गुल-ओ-ग़ुंचा सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

चराग़-ए-मस्जिद-ओ-मिम्बर सलाम कहते हैं
नबी, रसूल, पयम्बर सलाम कहते हैं
अली-ओ-फ़ातिमा, शब्बर सलाम कहते हैं
ख़ुदा गवाह है के नाना सलाम कहते हैं

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

मेरे हुसैन तुझे सलाम, मेरे हुसैन तुझे सलाम
अस्सलाम या हुसैन, अस्सलाम या हुसैन

जिस ने हक़ करबला में अदा कर दिया
अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया
सब कुछ उम्मत की खातिर फ़िदा कर दिया
घर का घर सब सुपुर्दे-ख़ुदा कर दिया
उस हुसैन इब्ने हैदर पे लाखो सलाम

अस्सलाम या हुसैन, अस्सलाम या हुसैन
अस्सलाम या हुसैन, अस्सलाम या हुसैन

ख़ुदा की राह में सर को कटा दिया तुमने
नबी के दीन पे घर को लुटा दिया तुमने
निशान-ए-कुफ्र को यक-सर मिटा दिया तुमने
तुम्हें ख़ुदा भी तुम्हारा सलाम कहता है

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

तुम्हें फ़लक के सितारे सलाम कहते हैं
तुम्हें क़ुरआन के पारे सलाम कहते हैं
तुम्हें हरम के मिनारे सलाम कहते हैं
इमाम तुम को मदीना सलाम कहता है

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

फ़ना के बाद फिर मुझे नई हयात मिल गई
अज़ाब से इ’ताब से मुझे निजात मिल गई

सवाल जब किया गया
है कौन तेरा पेशवा
तो मैंने कह दिया हुसैन है

हाँ ! हुसैन है
मेरा बादशाह हुसैन है
मेरा बादशाह हुसैन है

ये बात किस कदर हसीं
जो कह गए मोईनुद्दीं
के दीन की पनाह हुसैन है

हाँ ! हुसैन है
मेरा बादशाह हुसैन है
मेरा बादशाह हुसैन है

सना तुम्हारी वज़ीफ़ा है मेरा आबाई
तुम्हारी मद्ह तो शेवा है मेरा मौलाई
बस इक नज़र हो जो मुझ पर तो मेरी बन आई
तुम्हारा सय्यिद-ए-शैदा सलाम कहता है

हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है
हुसैन तुम को ज़माना सलाम कहता है

अस्सलाम या हुसैन, अस्सलाम या हुसैन
अस्सलाम या हुसैन, अस्सलाम या हुसैन

नातख्वां:
हाफ़िज़ बिलाल क़ादरी

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