अल्लाह मेरा दहर में आला मकाम हो
अल्लाह मेरा दहर में आला मकाम हो
सरकार के गुलामों में मेरा भी नाम हो
मरने से पहले देख लूं सुबहे दयारे पाक
सरकार हाजरी का कोई इंतेज़ाम हो
सांसे महकती हो दमे आखिर गुलाब से
दर्दे ज़बान हुज़ूरे गरामी का नाम हो
जिस वक़्त मेरी रूह जसद छोड़ने लगे
आंखों के सामने मेरे माहे तमाम हो
इस मुश्त खाक की हो सभी हसरतें तमाम
महबूब की गली में जो किस्सा तमाम हो
नस नस में नशा ऐसा समा जाए नात का
सरकार लब पे नात मेरे सुबहो शाम हो
सैराब ता हयात हूं में तिशनगीए इश्क़
खुद्दामे मुस्तफा में उजागर कलाम हो