बड़ी शान वाला मदीने का वाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली
बड़े से बड़ा जिनके दर का सवाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

फ़रिश्ते भी मेरी ज़बीं चूमते हैं
मैं जब चूम लूँ उनके रोज़े की जाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

जहां में अनोखा है उनका मदीना
ज़माने में है उनकी चौखट निराली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

मिले उनकी रहमत की ख़ैरात सब को
गया कोई भी उनके दर से न खाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

कहाँ ये हुज़ूरी, कहाँ मैं ज़हूरी
मैं अदना से अदना, वो आली से आली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली
बड़े से बड़ा जिनके दर का सवाली

बड़ी शान वाला मदीने का वाली

शायर:
मुहम्मद अली ज़हूरी क़सूरी

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