मुस्तफ़ा-ए-ज़ाते-यकता आप हैं
मुस्तफ़ा-ए-ज़ाते-यकता आप हैं
यक ने जिस को यक बनाया आप हैं
यक ने जिस को यक बनाया आप हैं
आप जैसा कोई हो सकता नहीं
अपनी हर ख़ूबी में तन्हा आप हैं
आबो-गिल में नूर की पहली किरन
जाने-आदम जाने-हव्वा आप हैं
हुस्ने-अव्वल की नमूदे-अव्वलीन
बज़्मे-आख़िर का उजाला आप हैं
ला मकां तक जिस की फ़ैली रौशनी
वो चराग़े-आ़लम-आरा आप हैं
आप की त़लअ़त ख़ुदा का आईना
जिस में चमके हक़ का जलवा आप हैं
आप को रब ने किया अपना हबीब
सारी ख़लक़त का खुलासा आप हैं
आप की ख़ातिर बनाए दो जहां
अपनी ख़ातिर जो बनाया आप हैं
आप से ख़ुद आप का साइल हूँ मैं
जाने-जां मेरी तमन्ना आप हैं
आप की त़लअ़त को देखा जान दी
क़ब्र में पहुंचा तो देखा आप हैं
बर दरत आमद गदा बेहरे-सवाल
हो भला अख़्तर का दाता आप हैं