रबी’उन्नूर आया है रबी’उन्नूर आया है

रबी’उन्नूर आया है रबी’उन्नूर आया है

रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है
रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है

रहें हाथों में झंडियाँ, चलो बाँटे मिठाईयाँ
जलाओ मोम-बत्तियाँ, सजे दरवाज़े खिड़कियाँ
गिराओ जलने वालों के दिलों पर आज बिजलियाँ
ज़मीं महकी, फ़लक चमका है, का’बा मुस्कुराया है

रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है
रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है

फ़रिश्ते झंडे लहराते हैं अब्दुल्लाह की छत पर
लगी हैं सारी हूरें आमिना बीबी की ख़िदमत पर
ख़ुदा ने लिख दिया ख़त्मुर्रुसूल बाब-ए-रिसालत पर
नबी-ए-आख़िरी से आज ‘आलम जगमगाया है

रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है
रबी’उन्नूर आया है, रबी’उन्नूर आया है

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