How to Transfer Loan From One Bank to Another Bank
मनी डॉट कॉम के यूट्यूब चैनल पे
आप सभी का स्वागत है। मेरा नाम
है प्रेरणा। मैं आज आपसे
ट्रांसफर ऑफ लोन्स के बारे में
बात करने वाली हूँ। तो ट्रांसफर
ऑफ लोन हम क्यों करते हैं या
क्यों करना चाहिए इसके बारे में
आज हम आपसे बात करेंगे। अह तो
बहुत समय ऐसा होता है कि आप ने
कोई लोन ले रखा है। already आपने
कोई लोन ले रखा है, हाउस लोन अह
हो गया या फिर कोई और लोन हो
गया। मान लीजिए आपने अह लोन एक
पर्टिकुलर रेट ऑफ इंटरेस्ट पे
खरीदा है। और आपको ये पता चलता
है, आपने अह में लोन ले लिया या
किसी और वजह से आपने ज्यादा
research नहीं किया और बाद में
कुछ दिनों के बाद आपको पता चलता
है कि अह market में जो है वही
same loan with all the same
features कम अह interest rate पे
जो है मिल रहा है। तो आपको उस
समय बड़ा regret होता है और होना
भी चाहिए क्योंकि अह काफी हद तक
अह ये हो सकता था कि आप काफी हद
तक पैसे बचा सकते थे। तो अह ऐसी
situation में ऐसे अह में आप
क्या कर सकते हैं? तो ये एक
ऑप्शन है हमारे पास लोन को
transfer करने का आपके existing
बैंक से दूसरे बैंक में जहाँ पर
आपको पता चला है कि अह कम rate
of interest पे लोन दिया जा रहा
है same लोन तो इस situation में
दो चीजें हैं जो आप कर सकते हैं
तो अह पहली चीज ये कि आप ने जिस
बैंक से लोन ले रखा है आपके
existing बैंक के साथ ही आप
negotiate कर सकते हैं, आप उनको
जाकर ये कह सकते हैं कि अह बैंक
में इस रेट of इंटरेस्ट पे मुझे
यही लोन मिल रहा है। तो मैं इस
बैंक से पूरा अह पूरा जो amount
है वो इस अह बैंक में लोन को मैं
close करके मैं दूसरे बैंक से
लेना चाहता हूँ ये आप उनको जाकर
कह सकते हैं और बहुत सारे बैंक्स
और बहुत अह अह maximum situation
maximum टाइम्स ये होता है। कि
जो existing बैंक है वो बैंक मान
जाते हैं, इस बात को negotiation
में आकर वो इस बात को हैं कि वो
आपका rate of interest को जो है
market के हिसाब से दूसरे बैंक
के हिसाब से वो reduce कर देते
हैं। लेकिन अह of course हाँ,
उनका जो अह processing फी होगा,
जो processing फी आपको बाहर भी
देना पड़ेगा, दूसरे बैंक में भी
देना पड़ेगा। वहीं same कुछ अह
पॉइंट two five परसेंट से ले के
one परसेंट तक का नॉर्मल range
होता है। तो उस range का जो अह
processing फी है, उस amount का
अह वो आपको अह इस बैंक को ही
देना पड़ेगा और वो आपका rate of
interest जो है लोन पे reduce
करके आपको दोबारा से लोन अ आपका
जो अ लोन है उसको दोबारा से वो
activate कर देंगे। तो ये एक अ
situation है कि आप अपने
existing बैंक से ही जाकर
negotiate करें और वो मान जाए इस
चीज को वो एक processing फी अ
चार्ज करें आपसे और आपके अ लोन
का जो interest rate है उसको कम
करके आपको अ बै का जो लोन है
उसको दोबारा से चालू कर दे। तो
ये फर्स्ट situation हो गया और
दूसरा situation ये है कि आपने
अह लोन जो है बकायदा actually
में actual situation में आपने
existing बैंक से किसी दूसरे
बैंक में आपने शिफ्ट कर दिया।
अगर मान लीजिए आप negotiate करते
हैं और negotiation successful
नहीं होता है या किसी और कारणवश
आप negotiate करना भी नहीं चाहते
हैं, आपने अह अपने बैंक dealing
close कर दी लोन close कर दिया।
और आपने जो है लोन को शिफ्ट कर
दिया दूसरे बैंक में। ये भी आप
कर सकते हैं। लेकिन हम आपको अह
यह सलाह देंगे, यह टिप्स देंगे
कि आप एक कॉस्ट बेनिफिट analysis
जरूर कर लें और अह एक बात का
ध्यान रखें कि जो पहला साल है
आपके लोन का जो first year है उस
first year को आप disturb ना
करें first year में आप अह कुछ
भी चेंज करें first year में आप
लोन शिफ्ट करने की बात अह
बिल्कुल ना सोचें क्योंकि अह
बहुत अह सारे अह instances में
हम ये देखते हैं कि अह एक साल के
बाद next year या subsequent
years में बैंक खुद ही जो है
इंटरेस्ट rate को revise कर देती
है अगर अह मार्किट अह के रेट के
अनुसार अगर मार्केट का रेट कुछ
और चल रहा है तो बहुत
probability इस चीज की हाई होती
है। कि जो existing बैंक है वो
भी अह साल या उसके अगले साल एक
आद दो साल के अंदर वो भी अपने जो
interest rate को है वो revise
कर देती है और वो दूसरे banks के
साथ industry के साथ मैच करने की
कोशिश करती है। तो इन चीजों का
आप ध्यान रखें कि आप एक cost
benefit analysis कर लें कि आप
existing बैंक से जब लोन हटा रहे
हैं और दूसरे बैंक में डाल रहे
हैं अह दूसरे बैंक से लोन ले रहे
हैं। तो आपका rate of interest
में फर्क कितना पड़ रहा है। और
जब आप ये calculate कर रहे होंगे
कि आपका कितना फर्क आ रहा है। तो
आपको जो processing फी है उसको
ध्यान में रखकर चलना होगा। आपको
कैलकुलेशन करना होगा एडिशन
subtraction करना होगा देखना
होगा कि आप अह कितना बचा पा रहे
हैं और long run में आप कितना
बचा पा रहे हैं। इसीलिए ये भी
जरूरी है कि अगर अह जैसे कि
मैंने पहले कहा कि एक साल आप अगर
शिफ्ट कर भी रहे हैं लोन तो पहला
साल आप डिस्टर्ब ना करें क्योंकि
ये होते हैं कि नेक्स्ट ईयर जो
है वो रेट खुदबखुद बैंक ने
रिवाइज कर दिया तो आपको कोई
टेंशन नहीं है कोई लोन को चेंज
करने की जरूरत नहीं है कोई अह
झमेले में पड़ने की आपको जरूरत
नहीं है। लेकिन अगर वो नहीं कर
रहे हैं और आप मजबूर हो रहे हैं
अपने लोन को दूसरे बैंक में
शिफ्ट करने में तो आप एक अह जो
कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस जो आप
करेंगे वो आप कम से कम अह कुछ
पांच साल दस साल एक लॉन्ग टर्म
पीरियड लेकर आप एक long term
period लेकर आप calculate करें
ताकि आपको अह एक proper figure
आपको एक decent अह figure समझ
में आए कि हाँ इतने दिनों अह के
basis पे इतना फर्क मुझे पड़ रहा
है। आप एक छोटा टाइम period लेकर
अगर calculation करते हैं तो
chances ये है कि आपके कैलकुलेशन
गलत direction में जा सकते हैं।
और हो सकता है कि आपका जो ये
डीलिंग है अह इस बैंक से उस बैंक
शिफ्ट करने का ये आपका आपके अह
लिए फायदेमंद ना साबित हो। और जो
आपका purpose है, जो आपका
intention है कि अह rate of
interest बचा लेना पैसे थोड़े
बचा लेना वो शायद successful ना
हो। तो बहुत जरूरी है कि आप जो
है ये analysis या कैलकुलेशन एक
long टर्म पीरियड का सोच के करें
और processing फी का आप जरूर
ध्यान रखें, उसके बाद ही आप
देखें कि आप कितना बचा पा रहे
हैं। और जैसा कि मैंने पहले कहा
तो अह पहला जो पॉइंट है उस पे
ज्यादा ध्यान दें। पहले आप
negotiate करने की कोशिश करें
ताकि बैंक मान जाए। और एक
processing फी लेकर आपको अपने अह
खुद का जो rate of interest है
उसको market के हिसाब से वो भी
कम कर दे standardize कर दे। और
एक पॉइंट और है जो मैं बताना
चाहती हूँ वो ये है कि अगर आप
लोन ट्रांसफर करते ही हैं।
finally आप ये decision लेते हैं
कि आपको लोन ट्रांसफर करना ही है
इस बैंक से उस बैंक तो आपको
पेपर्स जो है आपको ध्यान रखना
पड़ेगा कि आपको अह जो
डाक्यूमेंट्स है, जो पेपर्स है
वो सारे आपको दोबारा से ये नया,
नए, नई जो बैंक है जो नया बैंक
है अह वो आपको दोबारा से सारे
पेपर्स मांगेगी। तो आपको सारे
पेपर्स intact रखने होंगे, सारे
डाक्यूमेंट्स intact रखने होंगे।
infact वो ये भी पूछेंगे कि
पुराने बैंक से वो receipt
मंगवाएंगे। कि पुराने बैंक ने जो
आपको लोन ग्रांट किया था, लोन
पास किया था। वो किस बेसिस पे
किया था, उनके पास भी सारे
डॉक्यूमेंट्स थे या नहीं थे। तो
इस बात का वेरिफिकेशन इस बात को
भी वो चेक जरूर करेंगे। तो ये
बहुत एक डॉक्यूमेंटेशन जो एक
एरिया है, ये बहुत इंपॉर्टेंट
रखता है और आपको इसको भी लेकर
चलना पड़ेगा, इस बात का आपको
ध्यान रखना पड़ेगा। कि आपके सारे
डॉक्यूमेंट्स जो है, वो प्रॉपर
हो, अगर आपको अह नए बैंक में
जाना है, तो नए सिरे से सारे
डॉक्यूमेंट देने ही पड़ेंगे प्लस
वो पुराने बैंक से भी एक
confirmation मंगवाएंगे। नए बैंक
वाले एक रसीट मंगवाएंगे जिसमें
ये confirm करना पड़ेगा existing
बैंक वालों को कि उनके पास पूरे
जो डाक्यूमेंट्स हैं पूरे जो
कागजात हैं जो भी आपकी
credentials हैं वो सारे उनके
पास मौजूद हैं। तो ये एक प्रूफ
होता है जो नए बैंक को चाहिए
होता है वो confirm होना चाहते
हैं कि पिछले बैंक ने क्या देखकर
अह और ठीक तरीके वेरीफाई करके
आपको लोन दिया है कि नहीं तो ये
सारी अह इम्पोर्टेन्ट बातें थी
महत्वपूर्ण बातें थी अह लोन
ट्रांसफर के बारे में अगर आपको
अह अपना कोई लोन है, कार लोन,
होम लोन कोई भी लोन है जिसको कि
आप ट्रांसफर करने का सोच रहे
हैं, आपको अगर उसके बारे में कोई
एडवाइस चाहिए, सजेशन चाहिए कि ये
लोन आपको ट्रांसफर करना चाहिए या
नहीं या आपको कितना इससे नुकसान
या फायदा हो रहा है अगर आपको
समझना है या फिर आपको कोई और
तरीका का तरीके का financial
advice चाहिए तो आप हमारे अह
free educational टोल फ्री नंबर
पर सिर्फ एक मिस कॉल करें। हमारा
नंबर है ज़ीरो टू, टू सिक्स, वन,
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करें। और हमारे वेल्थ डॉक्टर्स
आपको फोन करके आपको आपके लोन के
बारे में या जो भी आपकी query है
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उसके बारे में आपको सारी देंगे
सारा अ information देंगे सब कुछ
detail में समझाकर आपकी पूरी मदद
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अमीर बनें, थैंक यू