Ishq Mein Tere Koh e Gham Sar Pe Liya Jo Ho So Ho Lyrics in Hindi
इश्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो
इश्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो
ऐश व निशात-ए-जिंदगी छोड़ दिया, जो हो सो हो।
पूछो न मुझ ख़राब से यारों सलाह-ए-कार तुम
अपने तो अब रहे नहीं होश बजा, जो हो सो हो।
मुझसे मरीज़ को तबीब हाथ तू अपना मत लगा
इसको खुदा पे छोड़ दो बह्र-ए-ख़ुदा जो हो सो हो।
अक़्ल के मदरसे से उठ इश्क के मैय-कदे में आ
जाम ए फ़ना व बेख़ुदी अब तो पिया जो हो सो हो।
लाग की आग लगते ही पंबा नमत़ वह जल गया
रख़्त ए वजूद ए जान व तन कुछ ना बचा जो हो सो हो।
दीदा व दिल ब-हम हैं एक सूझ में और बूझ में
आंखों के सामने अयां दिल में बसा जो हो सो हो।
हिज्र की जो मुसीबतें अ़र्ज़ कीं उसके सामने
नाज़ व अदा से मुस्कुरा कहने लगा जो हो सो हो।
हस्ती की इस सराय में रात की रात जो बसे
सुब्ह-ए-अ़दम हुई नुमूद पांव उठा जो हो सो हो।
दुनिया के नेक-व-बद से काम हमको नियाज़ कुछ नहीं,
आप से जो गुज़र गया फिर उसे क्या! जो हो सो हो।