naate paak lyrics in hindi

Naate Paak Lyrics in Hindi

 

siddiq e akbar mere lyrics

सिद्दीक़-ए-अकबर मेरे, सिद्दीक़-ए-अकबर मेरे
सिद्दीक़-ए-अकबर मेरे, सिद्दीक़-ए-अकबर मेरे

पहला ख़लीफ़ा, सालार-ए-सहाबा
आक़ा का प्यारा, सिद्दीक़ हमारा

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

बयां हो किस ज़बां से मर्तबा सिद्दीक़-ए-अकबर का
है यार-ए-ग़ार-ए-महबूब-ए-ख़ुदा सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

वाह ! तेरी सदाक़त, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी खिलाफत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी इमामत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी करामत, सिद्दीक़-ए-अकबर

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

रुसूल और अम्बिया के बाद जो अफ़ज़ल हो आलम से
ये आलम में है किस का मर्तबा ! सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

अली हैं उस के दुश्मन और वो दुश्मन अली का है
वो दुश्मन अक़्ल का, दुश्मन हुवा सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

इलाही रहम फरमा, ख़ादिम-ए-सिद्दीक़-ए-अकबर हूँ
तेरी रहमत के सदक़े, वासिता सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

वाह ! तेरी सदाक़त, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी खिलाफत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी इमामत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी करामत, सिद्दीक़-ए-अकबर

हुवे फ़ारूक़-ओ-उस्मान-ओ-अली जब दाख़िल-ए-बैअत
बना फ़ख़्र-ए-सलासिल सिलसिला सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

लुटाया राह-ए-हक़ में घर कई बार इस मुहब्बत से
की लूट लूट कर हसन घर बन गया सिद्दीक़-ए-अकबर का

नबी की आँख के तारे मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं
सहाबा में बहुत प्यारे, मेरे सिद्दीक़-ए-अकबर हैं

वाह ! तेरी सदाक़त, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी खिलाफत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी इमामत, सिद्दीक़-ए-अकबर
वाह ! तेरी करामत, सिद्दीक़-ए-अकबर

शायर:
मौलाना हसन रज़ा खान

नातख्वां:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी और हाफिज अहसन क़ादरी

Ali nu Yaad Karo Lyrics

अली नूं याद करो
रल के फ़रियाद करो
है ग़रीबां दा एहो आसरा

क्यूँ अक़ीदत से न मेरा दिल पुकारे या अली !
जिस के हैं मौला मुहम्मद उस के हैं मौला अली

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
अली मौला, अली मौला, अली दम दम

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
लख ते करोड़ वारी आखो जम जम

अली नाल बुग्ज़ रखे एवे तू निकम्मेया
उत्ते तेरा हज होवे जिते अली जमेया

अली मौला, अली मौला, अली दम दम

अली दी पेहचाण ऐ रब दी पेहचाण
अली दियां ताकतां नूं जाणदा जहाण

अली मौला, अली मौला, अली मौला, अली अली

रब दा ए शेर, उच्चीयांनी दियां शान
‘कुल्ले ईमान अली’ नबी दा एलान

अली मौला, अली मौला, अली मौला, अली अली

हैदर-ए-क़रार, बू-तुराब अली अली
हाश्मी चराग़, ला-जवाब अली अली

जिना दा ना कोई अली उना दा भरम

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
अली मौला, अली मौला, अली दम दम

मंज़र फ़िज़ा-ए-दहर में सारा अली का है
जिस सम्त देखता हूँ नज़ारा अली का है

तुम दखल दे रहे हो अक़ीदत के बाब में
देखो ये मामला तो हमारा अली का है

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
अली मौला, अली मौला, अली दम दम

बग़ैर हुब्ब-ए-अली मुदआ’ नहीं मिलता
इबादतों का भी हरगिज़ सिला नहीं मिलता
ख़ुदा के बन्दों ! सुनो गौर से ख़ुदा की क़सम
जिसे अली नहीं मिलते, ख़ुदा नहीं मिलता

नबी दा पियारा अली नूर अला नूर
अली दा ए अल्लाह अल्लाह काअबे चे ज़हूर

अली मौला, अली मौला, अली मौला, अली अली

अली मौला औने जें दे मौला ने हुज़ूर
अली पीर पीरांदा एं दिलां दा सुरूर

अली मौला, अली मौला, अली मौला, अली अली

वलियाँ दे सिरां दा ए ताज अली अली
मोमिनां दी बस ए मेअराज अली अली

गिण गिण दसां की वें अली दे करम

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
अली मौला, अली मौला, अली दम दम

हुसैनी जज़्बा उभारता है अली के नाम का नारा
यज़ीदियों को पछाड़ता है अली के नाम का नारा

अली है मुस्तफ़ा की जान सुनो
अली है मुस्तफ़ा की जान सुनो

अली मौला, अली मौला, अली दम दम
अली मौला, अली मौला, अली दम दम

नातख्वां:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी और हाफ़िज़ अहसन क़ादरी

 

Nabi Ka Lab Par Jo Zikr Hai Be-Misaal Aaya, Kamaal Aaya

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया ! /

पैकर-ए-दिलरुबा बन के आया, रूह-ए-अर्ज़-ओ-समा बन के आया
सब रसूल-ए-ख़ुदा बन के आए, वो हबीब-ए-ख़ुदा बन के आया

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !
जो हिज्र-ए-तयबा में याद बन कर ख़याल आया, कमाल आया !

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !

तेरी दुआओं ही की बदौलत अज़ाब-ए-रब से बचे हुवे हैं
जो हक़ में उम्मत के तेरे लब पर सवाल आया, कमाल आया !

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !

ग़ुरूर हूरों का तोड़ डाला लगा के माथे पे तिल ख़ुदा ने
जो काले रंग का ग़ुलाम तेरा बिलाल आया, कमाल आया !

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !

उमर की जुर्रत पे जाऊं क़ुरबाँ, थे क़ैसर-ओ-किस्रा जिन से लरज़ाँ
उमर के आने से कुफ्र पर जो ज़वाल आया, कमाल आया !

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !

नबी तो साइम सभी हैं आ’ला, हैं रुत्बे सब के अज़ीम-ओ-बाला
मगर जो आख़िर में आमेना का वो लाल आया, कमाल आया !

नबी का लब पर जो ज़िक्र है बे-मिसाल आया, कमाल आया !

शायर:
अल्लामा साइम चिश्ती

 

Allah Aur Rasool Ke Pyare Muaawiya Lyrics

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया /

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

ताज-ए-सहाबियत ने बड़ाई है उन की शान
सौंपी हसन ने उन को ख़िलाफ़त की आन-बान
होगा न कम किसी से वक़ार-ए-मुआविया

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

‘असहाबी कन-नुजूम’ है ऐलान-ए-मुस्तफ़ा
सब से वफ़ा करो ये है फ़रमान-ए-मुस्तफ़ा
है इस लिये हमारे तुम्हारे मुआविया

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

बज़्म-ए-सहाबियत के वो दोनों सिराज हैं
उन के निशान-ए-पा सर-ए-मोमिन के ताज हैं
बेशक अली हमारे, हमारे मुआविया

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

आक़ा ने उन को महदी-ओ-हादी की दी दुआ
ता हश्र जगमगाएगा वो जल्वा-ए-हुदा
है रहबरी पे अब भी मीनारे मुआविया

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

मिल्लत को अज़मतों की सहर बक़्श दीजिए
ऐ शाह! अपना फैज़-ए-नज़र बक़्श दीजिए
दामन फ़रीद भी है पसारे, मुआविया !

अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

हैं आसमान-ए-रुश्द के तारे मुआविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मुआविया

नातख्वां:
सबतर अख़्तरी

 

 

Shayad Huzoor Ham Se Khafa Hain Mana Ke La

 

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

जा ज़िंदगी मदीने से झोंके हवा के ला
शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

सजदों में गिड़गिड़ा के मुहम्मद के पांव पर
जा और जल्द रहमत-ए-हक़ को बुला के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

कुछ हम भी अपना चेहरा-ए-बातिन संवार लें
बू-बक्र से कुछ आईनें इश्क़-ओ-वफ़ा के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

दुनिया बहुत ही तंग मुसलमां पे हो गई
फ़ारूक़ के ज़माने का नक़्शा उठा के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

बातिल से दब रही है फिर उम्मत रसूल की
मंज़र ज़रा हुसैन से फिर करबला के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

किस मुँह से पेश होगा मुज़फ़्फ़र हुज़ूर-ए-हक़
इस को शहीद उस्वा-ए-आक़ा बना के ला

शायद हुज़ूर हम से ख़फ़ा हैं मना के ला

शायर:
मुज़फ्फर वारसी

Mitha Mitha ere Muhammad Ka Naam

मीठा मीठा मेरे मुहम्मद का नाम
प्यारा प्यारा मेरे मुहम्मद का नाम

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

दौलत जो चाहो दोनों जहां की
कर लो वज़ीफ़ा नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

अल्लाहु अकबर ! रब्बुल-उला ने
हर शय पे लिखा नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

पाई मुरादें दोनों जहां में
जिस ने पुकारा नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

पूछेगा मौला, लाया है क्या क्या ?
मैं ये कहूंगा, नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

अपने रज़ा के क़ुरबान जाऊं
जिस ने सिखाया नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

अपने जमील-ए-रज़वी के दिल में
आजा समा जा नाम-ए-मुहम्मद

आँखों का तारा नाम-ए-मुहम्मद
दिल का उजाला नाम-ए-मुहम्मद

नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है
नाम-ए-नबी से प्यार है, दिल से ये इक़रार है

मीठा मीठा मेरे मुहम्मद का नाम
प्यारा प्यारा मेरे मुहम्मद का नाम

शायर:
जमील-उर-रेहमान क़ादरी

is karam ka karu shukr kaise ada

इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा
जो करम मुझ पे मेरे नबी कर दिया
मैं सजाता हूँ सरकार की मेहफ़िलें
मुझ को हर ग़म से रब ने बरी कर दिया

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते

तेरे इश्क़ की बदौलत मुझे ज़िन्दगी मिली है
मुझे मौत आए आक़ा ! तेरा ज़िक्र करते करते

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते

मेरे सूने सूने घर में कभी रौनक़ें अता हो

सुना है आप हर आशिक़ के घर तशरीफ़ लाते हैं
मेरे घर में भी हो जाए चराग़ाँ या रसूलल्लाह

मेरे सूने सूने घर में कभी रौनक़ें अता हो
मैं दीवाना हो ही जाऊं तेरी राह तकते तकते

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते

किसी चीज़ की तलब है न है आरज़ू भी कोई
तूने इतना भर दिया है कश्कोल भरते भरते

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते

मेरी ऐसी हाज़री हो के कभी न वापसी हो
मिले सदक़ा पंजतन का तेरी नात पड़ते पड़ते

मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
तेरे शहर में मैं आऊं तेरी नात पड़ते पड़ते

अली अली अली मौला, अली अली अली मौला
अली अली अली मौला, अली अली अली मौला

अहल-ए-नज़र की आँख का तारा अली अली
अहल-ए-वफ़ा के दिल का सहारा अली अली

रहमत ने ले लिया मुझे आग़ोश-ए-नूर में
मैंने कभी जो रो के पुकारा अली अली

अहल-ए-नज़र की आँख का तारा अली अली
अहल-ए-वफ़ा के दिल का सहारा अली अली

अली अली अली मौला, अली अली अली मौला
अली अली अली मौला, अली अली अली मौला

एक कैफ, एक सुरूर सा रहता है रात दिन
जब से हुवा है विर्द हमारा अली अली

अहल-ए-नज़र की आँख का तारा अली अली
अहल-ए-वफ़ा के दिल का सहारा अली अली

अली अली अली मौला, अली अली अली मौला
अली अली अली मौला, अली अली अली मौला

दुनिया में सब से आ’ली घराने के नूर हो
इस वास्ते है नाम तुम्हारा अली अली

अहल-ए-नज़र की आँख का तारा अली अली
अहल-ए-वफ़ा के दिल का सहारा अली अली

अली अली अली मौला, अली अली अली मौला
अली अली अली मौला, अली अली अली मौला

आज़म ये मग़फ़िरत की सनद है हमारे पास
हम हैं अली के और हमारा अली अली

अहल-ए-नज़र की आँख का तारा अली अली
अहल-ए-वफ़ा के दिल का सहारा अली अली

अली अली अली मौला, अली अली अली मौला
अली अली अली मौला, अली अली अली मौला

joly me bhar do

झोली को मेरी भर दो, ए आमेना बी के प्यारे
झोली को मेरी भर दो, ए आमेना बी के प्यारे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

मुझे ईदी में अपना ग़म अता कर दे मेरे आक़ा
बना दे अपना ही हुब्दार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे शाहा ! हूँ जैसा भी मगर मैं आप ही का हूँ
मेरा भी कर दे बेड़ा पार, मुझे ईदी अता कर दे

पहुंचे पहुँचने वाले तो मंज़िल मगर शहा !
इन की जो थक के बैठे सर-ए-राह ले ख़बर

मेरा भी कर दे बेड़ा पार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरी आँखें तो इस क़ाबिल नहीं हैं या नबी फिर भी
अता हो आप का दीदार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

मैं इक टूटा सा दिल ले कर तुम्हारे पास आया हूँ
न ठुकराना मेरे दिलदार ! मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

नहीं जाता तुम्हारे आस्ताने से कोई ख़ाली
सभी के आप हो ग़मख़्वार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

तमन्ना-ए-दिल-ए-अहमद नहीं कुछ भी सिवा इस के
शहा ! आऊं यहाँ हर बार, मुझे ईदी अता कर दे

मेरे आक़ा, मेरे सरकार ! मुझे ईदी अता कर दे
मैं आया हूँ तेरे दरबार, मुझे ईदी अता कर दे

नातख्वां:
असद रज़ा अत्तारी

 

Zamane Me agar dekhi to shane qadri dekhi

ज़माने में अगर देखी तो शाने-क़ादरी देखी
नुबुव्वत के गुलिस्तां में विलायत की कली देखी
हक़ीक़त खुल गई जब सरज़मीं बग़दाद की देखी
तजल्ली ही तजल्ली, रौशनी ही रौशनी देखी

दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी
दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी

शहे-बग़दाद ने जिस पर करम की इक नज़र डाली
बना हर काम उसका, हो गई सब दूर बदहाली
मेरे ग़ौसुल-वरा की शान है क्या शान है आली
सुवाली आप के दर से कभी लौटा नहीं ख़ाली
शहंशाहो से भी बढ़कर सख़ावत आपकी देखी

दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी
दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी

निदा देगा मुनादी हश्र में यूँ क़ादरीयों को
कहाँ हैं क़ादरी कर लें नज़ारा ग़ौसे-आज़म का

दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी
दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी

फ़रिश्तो रोकते क्यूँ हो मुझे जन्नत में जाने से
ये देखो हाथ में दामन है किसका? ग़ौसे-आज़म का

दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी
दयारे-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी

या ग़ौस अल मदद, या ग़ौस अल मदद
पीराने-पीर अल मदद, रोशन ज़मीर अल मदद
या शाहे-जीलां अल मदद, या पीरे-पीरां अल मदद
या मीरे-मीरां अल मदद, या ग़ौसे-आज़म अल मदद
या ग़ौस अल मदद, या ग़ौस अल मदद

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ रंजो-ग़म आज़ाद कुन
दर दीनो-दुनिया शाद कुन, या ग़ौसे-आज़म दस्तगीर

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

तेरे हाथ में हाथ मैंने दिया है
तेरे हाथ है लाज या ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

निकाला था पेहले तो डूबे हुवों को
और अब डूबतों को बचा ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

मेरी मुश्क़िलों को भी आसान कीजे
की हैं आप मुश्क़िल-कुशा ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

मेरे चाँद ! मैं सदक़े आ जा इधर भी
चमक उठे दिल की कली ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

नज़र आये मुझ को न सूरत अलम की
न देखूं कभी रूए-ग़म ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

कहे किस से जाकर हसन अपने दिल की
सुने कौन तेरे सिवा ग़ौसे-आज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ रंजो-ग़म आज़ाद कुन
दर दीनो-दुनिया शाद कुन, या ग़ौसे-आज़म दस्तगीर

इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन, इमदाद कुन

या ग़ौस अल मदद, या ग़ौस अल मदद
पीराने-पीर अल मदद, रोशन ज़मीर अल मदद
या शाहे-जीलां अल मदद, या पीरे-पीरां अल मदद
या मीरे-मीरां अल मदद, या ग़ौसे-आज़म अल मदद
या ग़ौस अल मदद, या ग़ौस अल मदद

Dare Sarkaar Pe Ja Kar Khataen Bhool Jaati Hain

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

मदीना… मदीना…
मदीना… मदीना…

आ जाओ गुनहगारो, बे-ख़ौफ़ चले आओ
सरकार की रहमत तो है आम मदीने में

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
हसीं दुनिया के सब मंज़र निग़ाहें भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

मिले जो भीक आक़ा के दरे दौलत से मंगतों को
तो शाहाने ज़माना की सखाएँ भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

जो साइल मोहसिने आज़म के एहसां याद रखते हैं
उन्हें सब ताजदारों की अताएँ भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

जो चूमे नक़्शे पा उनके सुरूरे क़ल्ब मिलता है
हो निकली दर्द में जितनी वो आहें भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

छुपा लेते हैं जिस को भी मेरे सरकार दामन में
उन्हें आग़ोशे मादर की पनाहें भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं
दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती हैं

बसा हो नज़र में जिस की रुखे महबूब का जल्वा
उसे शम्सो क़मर की सब ज़ियाएँ भूल जाती हैं

दरे सरकार पे जा कर ख़ताएँ भूल जाती ह…

mera mera mera nabi hai lyrics

मेरा मेरा मेरा नबी है

बच्चा भी बोले नबी नबी
बूढ़ा भी बोले नबी नबी
ताक़त ही ताक़त नबी नबी
क़ुव्वत ही क़ुव्वत नबी नबी
मैदाने-बदर और ख़न्दक में
गज़वा-ए-ओहद के लश्कर में
ये सारे सहाबा केहते थे
जीने का सहारा नबी नबी
मैं मर जाऊं तो नबी नबी
मेरे कफ़न पे लिखना नबी नबी
मेरी क़बर पे लिखना नबी नबी
मेहशर में बोलू नबी नबी
हो मेरी शफ़ाअत नबी नबी
मीज़ाने-अमल पे नबी नबी
जब पुल से गुज़रूँ नबी नबी
तो पार लगा दे नबी नबी
फिर झूम के बोलूं नबी नबी
जन्नत में चलाऊं नबी नबी

मेरा मेरा मेरा नबी है

मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मेरे सिध्धिको-उमर, उस्मां-अली
चारों ही हक़ पर हैं याराने-नबी
चार यारों का यहीं नारा रहा
मेरा तो सब कुछ है बस मेरा नबी
हर सहाबी का यहीं ऐलान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मुस्तफ़ा की आँख का तारा अली
जानों-दिल से है हमें प्यारा अली
अहले-हक़ की मेहफ़िलों में आज भी
गूंजता है हर तरफ नारा अली
मुरतज़ा तो मुस्तफ़ा की जान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

आँख से अश्के-वफ़ा बेहते रहे
ज़ालिमों के ज़ुल्म भी सेहते रहे
मुस्तफ़ा के इश्क़ में हज़रत बिलाल
या नबी, या मुस्तफ़ा केहते रहे
ये बिलाली इश्क़ का फरमान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

 

मेरा मेरा मेरा नबी है

अल्लाह का प्यारा नबी नबी
काअबे का काअबा नबी नबी
मेरा एक ही नारा नबी नबी
मेरा लहू पुकारा नबी नबी
सिध्धिके अकबर ने बोला
फ़ारूक़े-आज़म का नारा
उस्माने-गनी, हैदर मौला
सब ने ही पुकारा नबी नबी
ज़हरा के बाबा नबी नबी
हसनैन के नाना नबी नबी
करबल की ज़मीं पर
अकबर की सदा थी नबी नबी

मेरा मेरा मेरा नबी है

इश्क़ यूं अपना लिया सिध्धिक ने
मुस्तफ़ा को पा लिया सिध्धिक ने
आंच न आए नबी पर इस लिये
सांप से डसवा लिया सिध्धिक ने
आशिक़े-सादिक़ की ये पेहचान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

ख़्वाबे-आसारे-तरक्की तोड़िये
चाँद पर जाने की बातें छोड़िये
चाँद जिनके एक इशारे पर चले
उस नबी से अपना रिश्ता जोड़िये
चाँद भी इस चाँद पर क़ुर्बान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

पीरे-कामिल मुर्शिदी अत्तार ने
दावते-इस्लामी का तोहफा दिया
मदनी चैनल देखते ही देखते
घर का घर सारा नमाज़ी बन गया
आक़ा की सुन्नत का ये फैज़ान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

माँ ने बचपन में हमें सिखला दिया
आक़ा की सुन्नत कभी ना छोड़ना
कोई ग़म हो कैसे ही हालात हों
बारवी और ग्यारवी ना छोड़ना
इनके सदक़े ज़िन्दगी आसान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

हो सदाक़त का हुनर गुफ़्तार में
रोशनी पैदा करो क़िरदार में
हो चमक ईमान में कातिब वहीं
जो चमक थी हैदरी तलवार में
मुस्तफ़ाई की यहीं पेहचान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

मुस्तफ़ा की सब से ऊँची शान है
मेरा नबी मेरा ईमान है

नातख्वां:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी

tu shahe khuban

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा
न बन सकी है, न बन सकेगा, मिसाल तेरी, जवाब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

फिरे ज़माने में चारो जानिब, निग़ाहे-यक्ता तुम्हीं को देखा
हसीन देखे, जमील देखे, बस एक तुमसा तुम्हीं को देखा

तू सब से अव्वल, तू सब से आख़िर, मिला है हुस्ने-दवाम तुझको
है उम्र लाखों बरस की तेरी मगर है ताज़ा शबाब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

सब से औला व आ’ला हमारा नबी, सब से बाला व वाला हमारा नबी
अपने मौला का प्यारा हमारा नबी, दोनों अ़ालम का दूल्हा हमारा नबी

ख़ुदा की कुदरत ने डाल रखे हैं तुझ पे सत्तर हज़ार पर्दे
जहाँ में लाखों ही तूर बनते जो एक भी उठा हिज़ाब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

मैं तेरे हुस्नो-बयां के सदक़े, मैं तेरी मीठी ज़ुबां के सदक़े
ब-रंगे-खुश्बू दिलों पे उतरा, है कितना दिलकश ख़िताब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

व अह़्सनो मिन्क लम तरक़त्तु अ़यनी, व अजमलू मिनक लम तलिदि-न्निसाउ
खु़लिक्त़ मुबर्र अ-म्मिन कुल्ले अ़य्बीन, कअन्नक क़द खु़लिक्त़ कमा तशाउ

हो मुश्क़ो-अम्बर, या बू-ए-जन्नत, नज़र में उसकी है बे-हक़ीक़त
मिला है जिसको, मला है जिसने, पसीना रश्के-गुलाब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

है तू भी साइम अजीब इन्सां, जो ख़ौफ़े-मेहशर से है हिरासां
अरे! तू जिनकी है नात पड़ता वोही तो लेंगे हिसाब तेरा

तू शाहे-खूबाँ, तू जाने-जानां, है चेहरा उम्मुल-किताब तेरा

शायर:
अल्लामा साइम चिश्ती

 

Madine Ke Waali Madine Bulalo

 

मदीने के वाली ! मदीने बुलालो

मदीने के वाली ! मदीने बुलालो
ये पैग़ाम ले जा सबा जाते जाते
पैग़ाम लाना मेरी हाजरी का
बराह-ए-करम मेहरबाँ आते आते

तेरे दर पे आऊं मैं बन कर सवाली
रहे सामने तेरे रोज़े की जाली
ग़रीबों के मौला, यतीमों के वाली
बड़ी देर कर दी बुलाते बुलाते

मैं तेरी सख़ावत पे क़ुर्बान जाऊं
मैं क्यूँ ना तेरे दर पे दामन बिछाऊं
तेरे हाथ थकते नहीं कमली वाले
करम के ख़ज़ानें लुटाते लुटाते

कभी ख़ाना-ए-दिल में तशरीफ़ लाएं
बड़ी देर से मुन्तज़िर हैं निग़ाहें
बड़ा साथ मेरा दिया आँसुओं ने
मेरे दिल का आँगन सजाते सजाते

निग़ाहों में हो सब्ज़-गुम्बद के जल्वे
लबों पर हो तेरी इनायत के नग़्मे
शब-ओ-रोज़ गुज़रे नियाज़ी के आक़ा
तेरा ज़िक्र-ए-अनवर सुनाते सुनाते

मदीने के वाली ! मदीने बुलालो
ये पैग़ाम ले जा सबा जाते जाते
पैग़ाम लाना मेरी हाजरी का
बराह-ए-करम मेहरबाँ आते आते

शायर:
मौलाना अब्दुल सत्तार नियाज़ी

नातख्वां:
मीलाद रज़ा क़ादरी

 

Madina Chhod Aae Hain

मदीना छोड़ आए हैं /

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए, अपनी दुनियाँ छोड़ आए हैं
हमारे पास जितना था असासा छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

ख़ुदा का घर भी छूटा और नबी का आस्ताना भी
लगा है दोहरा ग़म आक़ा ! मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

अभी तक दिल वहीँ पर है, अभी तक जां वहीँ पर है
दिल-ओ-जां को वहां रोता बिलकता छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीने के दर-ओ-दीवार रस्ते सब महकते हैं
ज़रा सा इत्र ले कर मुश्क-ए-नाफ़ा छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

ख़ुदा जाने वो कैसी नूर और किरनों की बस्ती थी
अँधेरा है यहाँ पर हम उजाला छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

अभी तक याद आती है मज़ार-ए-हम्ज़ा की रौनक
भला क्यूँ सय्यिदु-श्शुहदा का खित्ता छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

जहाँ से सारी दुनियां में उजागर फैज़ जारी है
बक़ी-ए-पाक में ज़हरा का रोज़ा छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं
मदीना छोड़ आए हैं, मदीना छोड़ आए हैं

शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर

नातख्वां:
हाफ़िज़ ग़ुलाम-ए-मुस्तफ़ा क़ादरी

 

Haidar Maula Ali Ali, Ali Ali Maula

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला /

शाहे-मर्दां, शेरे-यज़दां, क़ुव्वते-परवरदिगार
शाहे-मर्दां, शेरे-यज़दां, क़ुव्वते-परवरदिगार

मैदां में आ गए हो तो फिर खुल के बात हो
मैं तो अली के साथ हूँ तुम किस के साथ हो

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

पंज नारा पंजतनी, सवा लख नारा हैदरी

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

नादे-अली जो आ गया मेरी ज़बान पर
जिब्रील मुस्कुराने लगे आसमान पर
मुनकिर की क्या मजाल मेरे घर में आ सके
नादे-अली जो लिखा है मेरे मकान पर

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

मेरी जान अली, ईमान अली, पहचान अली, है मेरी शान अली
मेरी जान अली, ईमान अली, पहचान अली, है मेरी शान अली

बेशक अली, नबी के घराने की लाज है
मुश्किलकुशा है, फ़ातिमा के सर का ताज है
वो आबरू-ए-दीने-रिसालत-मआब है
अल्लाह के हबीब का वो इंतिख़ाब है
प्यारे नबी ने चुन के इन्हें काएनात में
बेटी का हाथ दे दिया हैदर के हाथ में

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

अली इमामे-मनस्तो मनम ग़ुलामे-अली
हज़ार जाने-गिरामी फ़िदा ब-नामे-अली

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

उनकी कोई मिसाल न कोई जवाब है
मौला-ए-काएनात अली का ख़िताब है
इस वास्ते लक़ब तेरा मौला अली हुवा
जिस पर निग़ाह डाल दी वो भी वली हुवा

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

अली का इश्क़ मुक़द्दर संवार देता है
अली का बुग्ज़ तो चेहरा बिगाड़ देता है
अली के ज़िक्र को अदना न समझ ऐ मुन्किर
अली एक हाथ से ख़ैबर उखाड़ देता है

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

कैसा नसीब देखिये मौला अली का है
आँखें खुली तो सामने चेहरा नबी का है
एक नाम चार यारों में शेरे-ख़ुदा का है
एक नाम पंजतन में भी मुश्किलकुशा का है

हैदर मौला अली अली, अली अली मौला
हैदर मौला अली अली, अली अली मौला

मेरी जान अली, ईमान अली, पहचान अली, है मेरी शान अली
मेरी जान अली, ईमान अली, पहचान अली, है मेरी शान अली

नातख्वां:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी और हाफ़िज़ अहसन क़ादरी

Muharram Naat Lyrics – Shahidi Kalam –
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