Naats
Naats
दंग है सब देखकर आधा इधर आधा उधर
हो गया पल में क़मर आधा इधर आधा उधर
चांद किया आसमां को भी अगर केहते हुजूर
वोह भी गिरता टुटकर आधा इधर आधा उधर
आलाहजरत के गुलामों से उलझना छोडदो
फैंक डेंगे काट कर आधा इधर आधा उधर
जब रजा कि उठ गई तलवार तो फीर किया हूवा
यूं गया नजदी का सर आधा इधर आधा उधर
इक तरफ मक्के कि सरहद इक तरफ शहरे नबी
काश होता मेरा घर आधा इधर आधा उधर
दुश्मनाने मुस्तफा को देख लेना पूल सिरात
डाल देगा काट कर आधा इधर आधा उधर
आ गई जग दे विच बहार
बनके आया नूर वाला नबिया दा सरदार
नूर वाले जे ना ओंदा रब वी ना कोई चीज़ बनोंदा
सोहने दा ए सदका बन्या ए
सारा संसार
रब आखे तुन दिलबर मेरा
मेरा सब कुछ सोहनिया तेरा
मेरी हर शेई दा मेहबूब तू मालिक मुखतार
गुनेहगार ना गब्राओ रल मील खुशियां यार मनाओ
दुखिया दे दुख वंदा वाला आ गया रब दा यार
कियू ना गीत नबी दे गाई ए
कीयू कर ना मिलाद मनाई ए
कूल नबियां दा सरवर आया सुन्निया दा मंथार
चुमके जालियां सीने लायी ए
रोजा पाक दा दर्शन पायी ए
रल मिल चली ए शेहर मदिने आ जावे ओ यार
आहदा ए अश्फकी चल्ला जेह करना ए
फर्रा लेई फैर सोहने दा पल्ला जावें जिया पार
Ye kalam check kar lena
آگئی جگ دے وِچ بہار
بنکے نور والا نبیاں دا سردار
نور والے جے نا اوندا رب وینا کوئی چیز بنوندا
سوہنے دا اے صدقۃ اے سارا سنسار
رب اکھے تون دلبر میرا
میرا سب کُچھ سوہنیا تیرا
میرا ہر شے ای دا محبوب تُو مالک مختار
گنہگار نا گابھراؤ رل مل خوشیاں يار مناؤ
دُکھیا دے دکھ وندا والا آگیا رب دا یار
کیوں نا گیت نبی دے گائی
کیوں کر نا میلاد منائی اے
کُل نبياں دا سرور آیا سنیان دا من تھار
چومکے جالیاں سینے لائی اے
روضہ پاک دا درشن پائی اے
رل مل چلی اے شہر مدینے آ جاوے او یار
احدا ای اشفاقي چلا جہ کرنا ای راضی اللہ
فرّہ لیی فیئر سوہنے دا پلا لگ جاوے جیا پار
आज अश्क मेरे नात सुनाए तो अजब किया
सुनकर वोह मुझे पास बुलाए तो अजब किया
उन पर तो गुनेहगार का सब हाल खूला है
उस पर भी वोह दामन में छुपाए तो अजब किया
मुंह ढानप के रखना रखना के गुनेहगार बहुत है
मय्यत को मेरी देखने आए तो अजब किया
ना जादे सफर हे ना कोई काम भले है
फीर भी हमें सरकार बुलाएं तो अजब किया
दीदार के काबिल तो कहां मेरी नजर हे
लेकीन वोह कभी ख्वाब में आए तो अजब किया
यह निस्बते शाहे मदनी और यह आंसू
मेहशर में एक गम से शोराए तो अजब किया
मै ऐसा खतावार हूं कुछ हद नही जिसकी
फीर भी मेरे एबो कि छुपाए तो अजब किया
पाबंदे नवा तो नही फरियाद की रस्में
आंसू ही मेरा हाल सुनाए तो अजब किया
हासिल जिन्हें आका की गुलामी का शरफ हे
ठोकर से वोह मुरदे को जिलाए तो अजब किया
वोह हसने दो आलम है अदीब उनके क़दम से
सहरा में अगर फुल खिलाएं अजब किया
Panch naam lete hai
panjatan hamare hai
Unpe jite marte hai panjetan hamare hai
ali ali ali ali ali haidar
Le Liya hai jaano ko mustafa ne chadar me
Ahle bait aese hai panjetan hamare hai
Ali ali Ali ali haidar
Panch naam lete hai……
Fatima Muhammad aur shabbar o ali shabbir
Noor se chamakte hai panjetan hamare hai
Ali ali Ali ali haidar
Panch naam lete hai…..
Bedam yahi to panch hai maqsude kainaat
Khairun nisa husain o hasan mustafa ali
Ali ali Ali ali haidar
Panch naam lete hai….
Shahe marda shere yazda quwwate parwar digaar
La fatah illa ali la saif illa zulfikar
Ali ali Ali ali haidar
Ali naal bugz rakhe aawe tu nikamme ae
Uththe tera hajj howe jithe ali jamme ae
Ali ali Ali ali haidar
Panch naam lete hai…
Ali ka naam na lun meri sans hi nahi aati
Ajeeb log hai kehte hai ya ali na kaho
Ye zaroori to nahi aag jalaye bashar ko
Bugze haidar bhi kaleje ko jala deta hai
Ali ali Ali ali haidar
Tha mubahila jis dam sath se ye panchon tan
Kon inke jaise hai panjatan hamare hai
Ali ali Ali ali haidar
Panch naam lete hai…
Jo bhi unka nokar hai har jaga ujaagar hai
Saare jag se unche hai panjatan hamare hai
Ali ali Ali ali haidar
Ali ali Ali ali haidar
[16:30, 23/06/2020] Hafiz Husain: Audio me panjetan bolta hai
Hindi me kiya likhun
Panjetan panjatan
पांच नाम लेते हैं
पंजेतन हमारे है
उनपे जिते मरते है
पंजेतन हमारे है
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
ले लिया है जानों को मुस्तफा ने चादर मे
अहले बैत ऐसे हैं पंजेतन हमारे है
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
फातिमा मुहम्मद ओर शब्बरो अली शब्बीर
नूर से चमकते हैं पंजेतन हमारे है
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
बेदम यही तो पांच है मक्सुदे कायनात
खैरून नीसा हुसैनो हसन मुस्तफा अली
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
शाहे मरदा शेरे यजदा कूव्वते परवर दीगार
ला फतह इल्ला अली ला सैफ इला ज़ुल्फ़िकार
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
अली नाल बुगझ रखें आवे तु निकम्मे ए
उथथे तेरा हज्ज होवे जिथथे अली जम्मे ए
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
अली का नाम लुं मेरी सांस ही नहीं आती
अजीब लोग है कहते है या अली ना कहो
ये जरूरी तो नहीं आग जलाए बशर को
बुगझे हैदर भी कलेजे को जला देता हे
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
था मुबाहिला जिस दम साथ से ये पांचों तन
कोन इनके जैसे है पंजेतन हमारे है
अली अली अली हैदर
पांच नाम लेते हैं
پانچ نام لیتے ہیں
پنجتن ہمارے ہیں
ان پے مرتے جیتے ہیں
پنجتن ہمارے ہیں
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
لے لیا ہے جانوں کو مصطفیٰ نے چادر میں
اہلِ بیت ایسے ہیں پنجتن ہمارے ہیں
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
فاطمہ محمد اور شبّر و علی شبّیر
نور سے چمکتے ہیں پنجتن ہمارے ہیں
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
بے دم یہی تو پانچ ہیں مقصودِ کائنات
خیرالنسا حسین و حسن مصطفیٰ علی
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
شاہ مردا شیر یزداں قوتِ پرور دگار
لا فتح الا علی لا سیف الا ذوالفقار
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
علی نال بغض رکھے آوے تُو نکمّے
اتھ تھے تیرا حجّ ہووے جتھتھے
علی جمّے اے
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
علی کا نام نا لوں میری سانس ہی نہیں آتی
عجیب لوگ ہیں کہتے ہیں یا علی نا کہو
یہ ضروری تو نہی آگ جلائے بشر کو
بغضِ حیدر بھی کلیجے کو جلا دیتا ہے
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
تھا مباہلہ جس دم ساتھ سے یہ پانچوں تن
کون اِنکے جیسے ہیں پنجتن ہمارے ہیں
علی علی علی علی حیدر
پانچ نام لیتے ہیں
आज मुहम्मद आए मोरे घर
सल्ले अला की धूम है घर घर
आंखो में माजागल का सूरमा
सर पर ताज वरफाना का
हुसने मुजस्सम अल्लाहु अकबर
सुबह अज्जल हे मुखड़ा उनका
शामे अवद हे जुल्फ का साया
उनसे हुंवा हर कलब मुनव्वर
मेहंदी लगाओ घर को सजाओ
मए आगन में नाचो गाओ
तन मन वारो उनके चरण पर
आओ दीवानो मिल कर गाए
अपने पिया का जशन मनाएं
सल्ले अला की धूम हे घर घर
रिम झिम बरसे नूर की बरखा
अाए है मेराज के दूल्हा
धरती और आकाश से बेहतर
डोश पे यूं गेसु लहराएं
भीनी भीनी खुशबू अाए
रंगों निघत सारा मंज़र
आमेना बी का राज दुलारा
कितना अनोखा कितना पियारा
चांद उतर आया है ज़मीं पर
बनके शबे मेराज में दूल्हा
पहुंचे जब अफलाक पे आका
नगमा था हर इक की ज़ुबां पर
टल जाएगी सारी मुसीबत
आ जायेगा दौरे रहमत
अब तो मुझे देखेंगे नज़र भर
अंजुम बे कस आप का मंगता
दिजिए बख्शीश जग के दाता
बूंद हूं में और आप समंदर
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
खतम रोज़े हुवे रमज़ान चल दिया
छोड़कर रहनुमा कारवां चल दिया
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
मस्जिदों में वोह नूरे चरागाह कहां
साल भर यह मेहमान कहां और हम कहां
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
खतम रोज़े हुवे रमज़ान चल दिया
छोड़कर रहनुमा कारवां चल दिया
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
मस्जिदों में वोह रोनाक ना जब पाएंगे
गमजुदा मोझकर दिल को रह जाएंगे
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
खतम रोज़े हुवे रमज़ान चल दिया
छोड़कर रहनुमा कारवां चल दिया
आज मुस्लिम तेरा मेहमान चल दिया
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
उनके हाथ में हर कूंजी हे रब ने उन्हें मुखतार किया
हमको उनका मंगता बनाया और उन्हें सरकार किया
जो सरकार के दर का गदा हे वोह खुद है मुखतार
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
किया कहना दरबारे नबी का उसकी शान ही आला हे
हरगिज ना महरूम वोह लौटा उस दर का जो सवाली है
आवो चले अब सुए मदीना चोड के सब दरबार
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
आलाहजरत ने यारों सबक हमें सिखाया है
जो गुस्ताख खुदा व नबी हे अपना नहीं वोह पीयारा है
हां ऐसे गस्ताखों पर मोला की हे फटकार
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
कियु गमगीन है ए तु सैयद दर पर वोह बुलवाएंगे
रंजो गम सब दूर करेंगे
और भी कोई उनके सिवा है दुखियों का गम खंवार
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
अपनी तो पहचान यही है अपनी तो शान यही हे
दामन में कुछ और नही है दिल में हे अरमान यही
इतनी पडु में उनकी नाते राज़ी हो सरकार
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
यादे नबी में तु ए रजवी उनकी मीदहत करता है
दीवानों का दिल भर आएं झुम के नातें पड़ता जा
आका को पुकार बंदे आका को पुकार
इन शा अल्लाह हो जायेगा तेरा बेड़ा पार
आखरी उमर में किया रोनके दुनिया देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखुं
रूबरू रोजाए सरकार के महफ़िले नात
काश तैयबा हसीं ऐसा जमाना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
सायिले दर को शहंशाहे जमाना करदे
शाहे तैयबा का वोह अंदाजे शाहाना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
सजदाए सर में करूं काबे की अजमत के लिए
सजदाए दिल के लिए काबे का काबा देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
उनके दरबार में कुछ हमको मिले एयसी अता
आेज पर अपने मुकद्दर का सितारा देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
या नबी करदो मेरे दिल को सभी जंग से पाक
वस्ल की रात को में दिल का चमकना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
सदकाए आले नबी हमको मिले आजकी शब
गुलशने ज़हरह का रंगीन नज़ारा देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
मालो जर पास नहीं और ना पर है मेरे
बड़ा मुश्किल है के में जाके मदिना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
साबिर चिश्ती तड़प दिल में यूं करले पैदा
आंख जो बंद करूं पियारा मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
यूं तो इस वक़्त भी आंखों में हे रोज़ा तेरा
और वहीं शान से में जान का जाना देखूं
अब तो बस एक ही धुन हे के मदीना देखूं
आलाहजरत का तराना जब सुनाएगा दीवाना
सुनके सुन्नी मचलता रहेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
जब गुलामें रजा कि सवारी चले देवबंदी के सीने पे आरी चले
जब वोह बनके रजा की कटारी
सांस भी देवबंदी की भारी चले
आलाहजरत का तराना जब सुनाएगा दीवाना
सुनके सुन्नी मचलता रहेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
आलाहजरत का मस्ताना जो रजा का हे दीवाना
दुश्मनों से वोह डट कर कहेगा
आला हजरत का डंका बजेगा
आलाहजरत का तराना जब सुनाएगा दीवाना
सुनके सुन्नी मचलता रहेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
ले के नामे रजा मुस्कुराते रहो
आलाहजरत का नगमा सुनाते रहो
नाराए आलाहजरत लगाते रहो
जलने वालों को हर दाम जलाते रहो
सुन्नी इसका गम ना करना हर दम आगे बड़ते रहना
जलने वाला हमेशा जलेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
आलाहजरत का तराना जब सुनाएगा दीवाना
सुनके सुन्नी मचलता रहेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
इल्मो हिक्मत का उसको खज़ाना मीला
जिसको अहमद रजा का ज़माना मीला
देखो ऐसा नक़ी का घराना मीला
खुलद का जिस जगह से ठिकाना मीला
ये ज़माने को सुनादो
सारी दुनियां को बतादो
अब तो रजवी ही सिक्का चलेगा
आलाहजरत का तराना जब सुनाएगा दीवाना
सुनके सुन्नी मचलता रहेगा
आलाहजरत का डंका बजेगा
आमाल नहीं कुछ भी ये हाल हमारा है
बस आपकी रहमत का सरकार सहारा है
डूबा हूं गुनाहों में सरकार करम करना
रहमत भी तुम्हारी हे बंदा भी तुम्हारा है
ए मौत ज़रा रूक जा किया इतनी भी जल्दी है
आंखो में अभी मेरी तैयबा का नज़ारा है
चाहें ये जहां छूटे चाहें ये जहां रूठे
टूटे ना शहा तुमसे रिश्ता जो हमारा है
हे पस्त अगर किस्मत घभराना अमीं आसी
वोह जीत गया महशर दुनियां में जो हारा है
तोफिक मुझे दी हे दुनिया में जो नातों की
मेहशर में भी कह देना फुरकान हमारा हे
आने वालों ये तो बताओ शहर मदीना कैसा है
सर उनके कदमों में रख कर झुक कर जीना कैसा है
गुंबदे खजरा के साए में बैठ के तुम तो अाए हो
इस साये में रब के आगे सजदा करना कैसा है
दिल आंखे और रूह तुम्हारी लगती है सेहराब मुझे
दर पर उनके बैठ के यारों जम ज़म पीना कैसा है
दीवानों आंखों से तुम्हारी इतना पूछ तो लेने दो
वकते दुआ रोज़े पर उनके आंसू बहाना कैसा है
वकते रुखसत दिल को अपने छोड़ वहा तुम अाए हो
ये बतलाओ अशरफ उनके दर से बिछड़ना कैसा है
आंखे रो रो के सुजाने वाले
जाने वाले नहीं आने वाले
कोई दिन में ये सरा औजड है
अरे ओ छावनी छाने वाले
जबह होते है वतन से बिछड़े
डाले कियू गाते हैं गाने वाले
अरे बद फाल बुरी होती है
डाले का जुंगला सुनाने वाले
सुन ले आदा में बिगड़ने का नहीं
वोह सलामत है बनाने वाले
आंखे कुछ कहती है तुझसे पैग़ाम
ओ दरे यार के जाने वाले
फीर ना करवट ली मदीने की तरफ
अरे चल झूठे बहाने वाले
नफस में खाक हुआ तो ना मिटा
हे मेरी जान के खाने वाले
जिते किया देख के है ए हुरो
तैबा से खुल्द में आने वाले
हुस्न तेरा सा ना देखा ना सुना
लेहते है अगले ज़माने वाले
वही धूम उनकी हे माशा अल्लाह
मिट गए आप मिटाने वाले
साथ ले लो मुझे में मुजरिम हूं
राह में पड़ते है थाने वाले
कियू रजा आज गली सुनी हे
उठ मेरे धूम मचाने वाले
आंखे पुर नूर करूं देख के चेहरा तेरा
गर अता हो दमे आखिर मुझे जलवा तेरा
मैने माना के सियाह कार हूं में
लाज रख ले मेरे मोला के हूं शैदा तेरा
रोज़े मेहशर की तमाजत से बचाएगा मुझे
मैरी बख्शीश का जरिया है ये जलसा तेरा
देख लो अहले जहां मेरे नबी की उल्फत
चूमा है अहले सिद्रह ने भी तलवा तेरा
कियू भला फिकर करूं रोज़े कियामत की तमीम
खुल्द ले जायेगा मुझको भी वसिला तेरा
आंखो का तारा नामे मुहम्मद दिल का उजाला नामे मुहम्मद
अल्लाहु अकबर रब्बुल उला ने
हर शै पे लिखा नामे मुहम्मद
दौलत जो चाहो दोनो जहां की
करलो वजीफा नामे मुहम्मद
शैदा ना कियू हो उस पर मुसलमां
रब को है पियारा नामे मुहम्मद
अल्लाह वाला दम में बनादे
अल्लाह वाला नामे मुहम्मद
सल्ले अला का सेहरा सजा कर
दूल्हा बनाया नामे मुहम्मद
नुहो खालिलो मूसा व इसा
सब का हे आका नामे मुहम्मद
सारे चमन में लाखों गुलो में
गुल हे हजारा नामे मुहम्मद
पायी मुरादे दोनों जहां में
जिस ने पुकारा नामे मुहम्मद
मोमिन को कियू हो खतरा कहीं पर
दिल पर हे कंदा नामे मुहम्मद
पड़ती दुरूदे दौड़ेगी हुरें
ला शा जो लेगा नामे मुहम्मद
रोज़े कियामत मिज़ानो पुल पर
देगा सहारा नामे मुहम्मद
गम की घटाएं छाई हे सर पर
करदे इशारा नामे मुहम्मद
रंजो अलम में हे नाम लेवा
द करदे इशारा नामे मुहम्मद
बेड़ा तबाही में आ गया है
दे दे सहारा नामे मुहम्मद
ज़ख्मी जिगर पर मजरूह दिल पर
मरहम लगा जा नामे मुहम्मद
दिल में अदावत खर के भरी हे
नकदी ना लेगा नामे मुहम्मद
अपने रजा पर कुर्बान जाऊं
जिस ने सिखाया नामे मुहम्मद
आओ अहले शरीयत बताए तुम्हें
आप अहले मंज़र सुनाए तुम्हें
वक़्त हो जाएगा दम निकल जायेगा
उमर थम जाएगी सांस रूक जाएगी
कबर में नफसी नफसी करेगा जहां
कोइ ना किसी का मा नु स रहेगा वहा
आओ अहले शरीयत बताए तुम्हें
आप अहले मंज़र सुनाए तुम्हें
एक ये दिन हे कल वोह दिन भि आएगा
दुनिया जैसी की तैसी पलट जाएगी
उसकी आगोश में जाकर होंश आएगा
मुंकर नकिर आ जाएंगे कबर हिल जाएगी
आओ अहले शरीयत बताए तुम्हें
आप अहले मंज़र सुनाए तुम्हें
हो जो मोमिन तो फिर किया बात हे
करेगा नूरे रसूल में पार पूल सीरात
आओ अहले शरीयत बताए तुम्हें
आप अहले मंज़र सुनाए तुम्हें
उम्मते रसूल को होगी वहां
नूर ही नूर उस पर होगा वहां
आओ अहले शरीयत बताए तुम्हें
आप अहले मंज़र सुनाए तुम्हें
आमदे मुस्तफा से हे फूला फला चमन चमन
अाई बहार हर तरफ खिलने लगा चमन चमन
शादी है हर मकाम में नखल में सब कियाम है
डालिया है सलाम में सर हे झुका झुका चमन
ठंडी हवाएं आती है कलिया भी मुस्कुराती है
बुल बुल चेह चहाती है
खिलने लगा चमन चमन
झूमते है शजर शजर ताजा हुुवा फूल फूल
सब्ज़ह हुई रवीश रवीश घुल से भरा चमन चमन
कलिया तमाम खिल गई शाखें खुशी से हिल गई
बुल बुल घुल से मिल गई हसने लगा चमन चमन
नात में कीलो काल हो मिदहते जुल जलाल हो
अकबर खुश मकाल हो नगमा सारा चमन चमन
आओ नबी की शान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
हबीब प्यारा नजर उठाए
हो मोला किब्ला बदल दे
कहीं ये चाहत कहीं ये केहना
ए मूंसा आना संभल के
खुदा हे उन्पे मेहरबान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
नबी का सजदा हुवा है लंबा
हुसैन पुश्त पर बैठे
तेरे नवासे के जिनके जोडे
खुदा ने खुल्द से भेजे
है जिब्राइल भी दरबान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
नमाजे दी थी पचास रब ने
नबी ने पांच कराई
हे देखो कितना खयाले उम्मत
नबी ने बात बनाई
वही है अर्श का मेहमान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
नबी के आशिक़ बिलाले हब्शी
है जिनके अर्श पे चर्चे
बिलाल जब भी अज़ान देते
सहाबा इश्क में रोते
बिलाले हब्श की अज़ान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
नबी की अजमत पे पेहरा देना
रजा ने हमको सिखाया
नबी का दुश्मन हे अपना दुश्मन
रजा ने हमको बताया
रजाए इश्क़ की पहचान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
हुसैनी जज्बा उभारता है
अली के नाम का नारा
यजीदियों को पछाड़ता है
एली के नाम का नारा
अली हे मुस्तफा की शान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
नबी की नज़रें रहे उजागर
इसी पे अपना गुज़ारा
नबी का साया रहे सलामत
यही हे अपना सहारा
नबी का कितना हे एहसान सुनो
नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
जैसे मेरे सरकार है ऐसा नहीं कोई
तुमसा तो हंसी आंखे ने देखा नहीं कोई
ये शाने लताफत हे के साया नहीं कोई
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
ए जरफे नजर देख मगर डेख अदब से
सरकार का जलवा है तमाशा नहीं कोई
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
होता है जहा जीकर मुहम्मद के करम का
इस बज़्म में महरूमें तमन्ना नहीं कोई
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
एजाज ये हासिल हे तो हासिल हे ज़मीं को
अफ्लाक पे तो गुंबदे खजरा नहीं कोई
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
सरकार की रहमत ने मगर खूब नवाजा
ये सच है की खालिद सा निकम्मा नहीं कोई
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
आये आका मदनी आका
प्यारे प्यारे प्यारे आका
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
आमैना बी बी के गुलशन में अाई हे ताजा बहार
पड़ते है सल्लल्लाहू व सल्लम आज दरो दीवार मदनी
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
बारह रबीउल अव्वल को आया वो दुर्रे यतीम
माहे नबुव्वत महरे रिसालत
साहिबे खुलके अज़ीम
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
नूरी सूरत हंसता चेहरा
मुंह से झड़ते फुल
नूर सरापा चांद सा चेहरा
हक का प्यारा रसूल अरबी
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
जिब्रिइल अाये झुला झुलाने
लोरी दे जी शान
सोजा सोजा रहमते आलम
दो जग के सुल्तान मदनी
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अव्वलो आखिर सब कुछ जाने
देखे बईदो करीब
गैब की खबरें देने वाला
अल्लाह का वो हबीब मदनी
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
हमिदो महमूद और मुहम्मद
दो जग के सरदार
जान से प्यारा राज दुलारा
रहमत की सरकार मदनी
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अहमद रजा का ताजा गुलिस्तां हे आज भी
खुर्शीद इल्म उनका दरखशां हे आज भी
अरसा हुवा वो मर्दे मुजाहिद चला गया
सुन्नियों मे एक सोजिशे पिन्हां हे आज भी
ईमान पा रहा हे हलावत की नेमतें
ओर कुफ्र तेरे नाम से लरजां हे आज भी
किस तरह इतने इल्म के दरिया बहा दिये
उलमाए हक की अक्ल तो हैरां हे आज भी
मग्मुम अहले इल्म ना हो कियू तेरे लिए
जब इल्म खुद ही सर ब गिरेबा आज भी
भर दी दिलों में अजमतों उल्फत रसूल की
जो मखजने हलावते ईमां हे आज भी
तुम किया गये के रोनके महफ़िल चली गई
शेरो अदब की जुल्फ परेशां आज भी
आलिम की मौत कहते है आलम की मौत हे
अपने किये पे मोत परेशां हे आज भी
वाबस्गान कियू हो परेशान उनपे जब
लूटफो करम उनका दामां हे आज भी
लिल्लाह अपने फ़ैज से अब काम लीजिए
फितनो से सर उठाने का इमकां हे आज भी
तैबा में उसकी ज़ात सलामत रहे के जो
तेरी अमानतों का निगेहबां आज भी
मिर्ज़ा सरे नियाज़ झुकाता हे इस लिये
इल्म अदब पे आप का एहसां हे आज भी
आया रमज़ान का महीना काफिला चला सूए मदीना
मुझे भी दो इज्न मदीने आने की सरकारे मदीना
मुझे ना आया बुलावा दिल में कितनी हे तमन्ना
काश आका मै देख लेता बहारे रमज़ाने मदीना
मेरी किस्मत को भी खुदारा तुम सजाना
हसनैन के सदके में दिखाना बार बार मदीना
कहां जाऊं कहां दामन पसारुं
मै मालिके मदीना
आस लगाई हमने तुम्हारे दर से ऐ शहंशाहे मदीना
कहीं ऐसा ना हो सीने में दफन कर के गमे मदीना
में दुनिया से चला जाऊं बिन देखे ही मदीना
गमो के सैलाब में डूबा जा रहा हूं
सुलताने मदीना
लिल्लाह इमदाद को आवों मेरी सरवरे मदीना
इस साल ज़रूर मुझ आसी को सरकार बुलाना
रोजा ए अनवर और गुंबदे खजरा दिखाना
चमका कर मेरी आंखों को जलवा दिखा देना
देख लूं आंख भर के तुमको शाहे मदीना
दुनिया की मोहब्बत दिल से निकल जाये आकाये मदीना
राहें चश्मे नम दिल में बस गमें मदीना
माना के काबिल नहीं हूं जो देखूं तुम्हारा मदीना
फिर लाऊं कहा से वो आमाल मै सरकारे मदीना
नहीं जाबिर के पास कोई जर जो देखे प्यारा मदीना
इतना तो हो करम ख्वाबों मे उसे दिखा दो मदीना
नहीं मालो ज़र तो किया हे में गरीब हूं यहीं ना
मेरे इश्क़ मुझको ले चल मुझे जानीबे मदीना
अहले सिरात रूहे अमी को खबर करें
जाती हे उम्मते नबवी फर्श पर करें
इन फितनाहाए हश्र से कह दो हजर करें
नाजो के पाले आते है रह से गुजर करें
बद है तो आप के है भले है तो आप के
टुकडों से तो यहां के पले रुख किधर करें
सरकार हम कमीनो के अतवार पर ना जाए
आका हुजूर अपने करम पर नजर करे
उन की हरम के खार कशीदा है किस लिये
आंखों में आएं सर पे रहें दिल मे घर करें
जालों पे जाल पड़ गए लिल्लाह वकत है
मुश्किल कुशाई आप के नाखुन अगर करें
मन्जिल कड़ी है शाने तबस्सुम करम करें
तारों की छाठं नूर के तड़के सफर करें
किलके रजा है खंजरे खूंखार बरक बार
आदा से केहदो खैर मनाएं ना शर करें