Top 10 Reasons Why You Should Invest in Mutual Funds | Mutual Funds Details in Hindi

Top 10 Reasons Why You Should Invest in Mutual Funds

 

 

बोला जाता है कि never depend on one इनकम and make investment to create सेकंड source लेकिन कई बार निवेश करना बहुत ज्यादा

complicated भी लग सकता है.

आज अगर आपको कहीं निवेश करना है तो हजारों ऐसे investment options
आपके सामने आ जाते हैं.

  • जैसे कि आप stocks में invest कर सकते हैं.
  • आप corporate bones में invest कर सकते हैं.
  • गवर्नमेंट सिक्योरिटी में invest कर सकते हैं.
  • real estate में
  • या फिर gold में invest कर सकते हैं

पर ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है मैं ऐसे कौन से instrument में निवेश करूँ जो ज्यादा risky भी ना हो और साथ ही मुझे अच्छे returns भी देता हो तो अगर आप भी first time investor है और आपको भी ये confusion है कि किसमें निवेश करना चाहिए तो मैं आपको बता दूँ आपको mutual funds में invest करना चाहिए क्यों जानेंगे इस post में.


 

हेलो दोस्तों मेरा नाम है Salams और आप सभी का इस Blog में स्वागत है और आज इस Post में मैं आपको बताने जा रही हूँ टॉप ten ऐसे reasons की
आपको क्यों mutual funds में निवेश करना चाहिए और साथ ही हम ये समझेंगे कि mutual fund investment क्या आपके लिए safe है या आपके लिए सही है तो चलिए शुरू करते है.

 


 

बता दूँ कि म्यूच्यूअल फंड्स हमेशा से बहुत निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प रहे हैं। कई निवेशक अपने फाइनेंसियल goals को पूरा करने के लिए म्यूच्यूअल
फंड्स स्कीम्स में इन्वेस्ट करते हैं।


 

 

म्यूच्यूअल फंड्स आखिर क्या होते हैं

 

तो ये म्यूच्यूअल फंड्स आखिर क्या होते हैं और ये कैसे काम करते हैं ये जान लेते हैं। इसे हमें छोटे से एग्जांपल से समझते हैं। मान लेते हैं कि आपको
पॉइंट ए से लेकर पॉइंट बी तक पहुँचना है।

यहाँ पे आपके पास दो विकल्प है।

  1. पहला विकल्प ये है कि आप खुद ड्राइव करके पॉइंट ए से पॉइंट बी तक यहाँ पे आपको है कि आपको पॉइंट ए से पॉइंट बी तक कितना टाइम लगेगा, कौन सा रास्ता चुनना है और कितने घंटे में आप वहां तक पहुंच सकते हैं यानी कि अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं।
  2. दूसरा विकल्प आपके सामने ये है कि आप एक प्रोफेशनल को हायर करें, जिन्हें एक्सपीटीज है और आपको पहुंचा सकता है safely आपके destination तक यानी कि उस expert को पता है कि कितना टाइम लगने वाला है, कौन सा रास्ता चुनना है et cetera, so उसके पास सारी knowledge है कि कैसे आपको वो पॉइंट से पॉइंट बी तक safely पहुंचा सकता है।

 

तो यही एक मेजर difference है जब हम stocks और mutual funds की बात करें तो अगर आप खुद expert है आपको पता है कि आपको कौन सा decision लेना है when it comes to investment तब आप stocks में invest करते हैं।

वहीं दूसरी और अगर आप एक first टाइम investor हैं जहाँ पे आपको market knowledge उतनी ज्यादा नहीं है आप एक expert नहीं है इस field में तब आप ऑप्शन बी को choose करते हैं जो कि है buses investing through mutual funds.

तो यहाँ पे अपने financial goal को कैसे पाना चाहते हैं? किसके माध्यम, किस माध्यम से आप पाना चाहते हैं, उस पर डिपेंड करता है। तो यहाँ पे अगर आप सेकंड category में belong करते हैं, जहाँ पे आपको इतनी expertise नहीं है, तब आप Mutual Funds में invest करते हैं।

तो ये Mutual Funds आखिर होता क्या है?

मैं यहाँ पे आपको बता दूँ, Mutual Funds basically कोई भी investor जो अपने पैसे लगाता है, यहाँ पे एक in the cool of say hundred people सौ लोग ऐसे होते हैं, जो Mutual Funds में invest करते हैं, people like you and me.

यहाँ पे एक Mutual Funds manager है जिसे हम कहते हैं ऐएमसी यानी कि asset management companies जो आपके पैसे को further reinvest करता है। तो यहाँ पे एएमसी जो है वो एक्सपर्ट है जो आपके पैसे को इन्वेस्ट करता है अलगअलग कंपनीज में depending on कि आपका investment goal क्या है और आपका रिस्क appetite क्या है?

यहाँ पे for example आपके रिस्क appetite के हिसाब से वो जो फंड मैनेजर आपके पास है जो फंड मैनेजर आपका पैसा यहाँ पे मैनेज कर रहा है वो या तो फिर

  • डेट म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट कर सकता
  • म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकता है,
  • बैलेंस म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकता है।
  • या फिर इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट कर सकता है।

 

आपको  कौन से म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहिए

 

यहाँ पे बहुत सारे options मिलते हैं आपको कि कौन से म्यूच्यूअल फंड में आपको इन्वेस्ट करना चाहिए। तो यहाँ पे आपका जो फंड मैनेजर है वो आपको गाइड करेगा कि कैसे किस रास्ते से आपको अपने डेस्टिनेशन तक पहुँचाया जाए।


म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट आखिर काम कैसे करता है?

 

तो वहीं अगर हम बात करें कि ये म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टमेंट आखिर काम कैसे करता है? तो यहाँ पे मैं आपको बता दूँ जो एएमसी है वो further आपका
पैसा reinvest करती है और यहाँ पे आपको जो मिलता है एएमसी आपके साथ शेयर करती है for example अगर आप किसी कंपनी में invest
करते हैं आगे चल के वो कंपनी बढ़ जाती है बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमाती है तो यहाँ पे आपको profit मिलता है वो शेयर आपको मिलता है in the form of a capital gains मिलता है आपको या फिर आपको dividends मिलता है तो ये इन दो तरीकों से आपको profit gain करने का मौका मिलता है when your

investing in mutual funds तो
यहाँ पे जो एएमसी है इसका काम

क्या है यानी कि ये फ्री of cost
तो बिल्कुल नहीं करने वाला है।

तो यहाँ पे आपका difference ये
आएगा अब जब म्यूच्यूअल फंड एएमसी

के through invest करते हैं तो
यहाँ पे आपको थोड़ा फीस या फिर

expense ratio or usually
expense ratio companies

different usually % ratio
आपको pay करना पड़ता है

basically एक charge होता है एक
फी होता है जो आप अपने फंड

manager को देते हैं ताकि वो
आपका पैसा सही जगह invest कर

सके। तो अब जब हमने जान लिया है
कि mutual fund investment आखिर

होता क्या है और ये कैसे काम
करता है? जान लेते हैं कि कौन से

ऐसे top ten reasons हैं, कारण
है जिसकी वजह से आपको Mutual

Funds में invest करना चाहिए।

 


 

liquidity

 

तो सबसे पहला reason में आपको ये

दूंगी, यहाँ पे आपको liquidity
मिलता है। यानि कि जब भी आप

Mutual Funds में invest करते
हैं या किसी भी investment में

invest करते हैं, liquidity पर
depend करता है, कि आपको पैसा कब

मिलेगा? इसका simple मतलब ये है,
कि जब भी आप Mutual Funds में

invest करते हैं, तो आपके पास ये
flexibility होती है, कि आप कभी

भी अपना पैसा ले सकते हैं
withdraw कर सकते हैं तो यहाँ पे

for example अगर आपने किसी भी
investment instrument में

invest किया है for example आपने
fix deposit में invest किया है

तो minimum आपको पाँच साल तक
invested रहना है यानी कि पाँच

साल के पहले आप अपना पैसा नहीं
निकाल सकते Why on the other

hand अगर यही हम Mutual Funds से
compare करें तो Mutual Fund

आपको liquidity प्रदान करता है
यानी कि आप कभी भी अपना पैसा

withdraw आसानी से कर सकते हैं।
पर यहाँ पे खासा ध्यान आपको ये

रखना होगा कि जो pre exit load
है और जो exit penalty आपको लगता

है इन दोनों चीज का आपको खासा
ध्यान रखना चाहिए। साथ ही ये बता

दूँ जब भी आप mutual funds में
invest कर रहे हैं although ये

facility आपको मिलती है कि आप
कभी भी अपना पैसा redeem कर सकते

हैं यानी कि पैसे आप withdraw कर
सकते हैं इसका मतलब ये नहीं कि

आप एक साल के अंदर ही अपने पैसे
withdraw कर लें। हमेशा

recommended यही रहता है कि आप
लंबे समय तक mutual funds में

invest करते रहें।


 

diversification

 

दूसरा कारण है diversification आपने definitely

ये face सुना होगा कि never keep
your eggs in the यही सेम रीज़न

हम म्यूच्यूअल फंड्स में अप्लाई
करते हैं जहाँ आप जो

इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं वो
अलगअलग एसिड एलोकेशन में करें

यानी कि अलगअलग सेक्टर्स में
आपको यहाँ पे इन्वेस्ट करने का

मौका मिलता है अगर आप म्यूच्यूअल
फंड में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो

अगर आप स्टॉक्स की बात करें तो
यहाँ पे आप एक पर्टिकुलर कंपनी

का स्टॉक खरीदते हैं ऑन द अदर
हैंड अगर आप म्यूच्यूअल फंड्स

में इन्वेस्ट करते हैं तो यहाँ
पे आपको आपका जो इन्वेस्टमेंट है

पोर्टफोलियो है वो हो जाता है
यानी कि आप को ये मौका मिलता है

कि different सेक्टर्स में
invest करें, different

companies में invest करें और
asset classes में invest करें।

तो ये एक बहुत ही बड़ा benefit
है जब आप mutual fund में invest

करते हैं तो साथ ही मैं आपको ये
बता दूँ यहाँ पे आप different

capitalization various
capitalization और पैन सेक्टर

में invest कर सकते हैं। इसका
मतलब ये है कि आप छोटे से छोटे

कंपनी में भी इन्वेस्ट कर सकते
हैं, उसका स्टॉक खरीद सकते हैं,

शेयर खरीद सकते हैं या फिर बड़े
से बड़े कंपनी का भी कर सकते

हैं। तो यहाँ पे आपको ऑप्शन
मिलता है कि स्मॉल कैप, मिडकैप

और साथ ही लार्ज कैप कंपनीज में
एक साथ इन्वेस्ट कर सकते हैं,

निवेश कर सकते हैं।


रिस्क

 

थर्ड पॉइंट
मैं आपको दूंगी, थर्ड रीजन ये

आपको दूंगी कि ये आपका रिस्क जो
है वो मैनेज करता है, वो बैलेंस

करता है। वो ऐसे कि जब आपका जो
इन्वेस्टमेंट है वो डाइवर्सिफाई

हो जाता है, अलगअलग सेक्टर्स
में डिवाइड हो जाता है, तो यहाँ

पे आपका रिस्क इस तरह मैनेज हो
जाता है कि मान लेते हैं आपने इस

एक कंपनी में इन्वेस्ट किया है।
या फिर चलो चार कंपनीज में आपने

इन्वेस्ट किया है। तो यहाँ पे
अगर कंपनी drub भी रही है। एक

कंपनी का जो performance है उतना
नहीं है, आपको उतना profit नहीं

मिल रहा है, एक कंपनी से तो ये
दूसरी कंपनी से rebalance हो

जाता है। दूसरी कंपनी में आप कवर
अप कर सकते हैं basically for

example अगर आपने मान लेते हैं
लार्ज कंपनीज में invest किया है

पर आगे चल के वो लार्ज कंपनी जो
है अच्छे से perform नहीं कर रही

है for short period of टाइम। पर
वहीं ऑन the other hand से small

जो कंपनी है छोटीछोटी जो कंपनी
है स्टार्टअप है वो बहुत ही

अच्छा perform कर रहे हैं और
उसका stock और शेयर के पास भी है

तो इसका प्रॉफिट जो है यहाँ पे
बैलेंस आउट हो जाता है। तो यहाँ

अगर आप पैसे नहीं भी बना रहे तो
यहाँ definitely आप बनाएंगे। तो

जब आपका पैसा different
companies और सेक्टर्स में

डिवाइडेड है तो यहाँ पे आपका जो
रिस्क है वो मिनिममल हो जाता है।

 


 

flexibility investment

 

 

अगला है flexibility investment
इसका basically मतलब ये है कि जब

भी आप invest करते हैं for
example अगर आप fix deposit में

invest करते हैं तो यहाँ पर भी
आपको मिनिमम पाँच हजार किसी भी

बैंक में आप इन्वेस्ट करते हैं
अगर अपना एफडी खोलते हैं तो पांच

हजार आपको इन्वेस्ट करना ही
पड़ेगा। अगर हम म्यूच्यूअल फंड्स

की बात करें, तो म्यूच्यूअल फंड
आपको ये opportunity देता है कि

आपके पास जितना पैसा हो आप उतना
ही इन्वेस्ट करें, आपके पास कम

है तो आप कम इन्वेस्ट करें,
ज्यादा है ज्यादा इन्वेस्ट करें।

तो यहाँ पे आप एसआईटी यानी कि
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान

के जरिए आप अपना हर महीने छोटा
कॉन्ट्रिब्यूशन कर सकते हैं। for

example मैं अगर अपनी बात करूं
तो मैं हर महीने पांच सौ रुपए

म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट
करती हूं जो कि मिनिमम है। तो

इससे मुझे ये मिलती है कि अगले
महीने may be मेरे पास ज्यादा

पैसे हो तो मैं हजार रुपए का एक
यूनिट खरीद सकती हूँ, दो हजार का

खरीद सकती हूँ तो ऐसे में मुझे
किसी तरह का amount नहीं भरना

पड़ेगा और जितना मेरे अंदर मेरी
क्षमता में है मेरी capacity

जितनी है मैं उतना ही pay
करुँगी। अगला कारण है wealth

creation जी हाँ, जब भी आप
mutual funds में invest करते

हैं, specially खासकर के आप अगर
equally mutual funds में invest

करते हैं यहाँ पे आपको ज्यादा से
ज्यादा returns मिल सकते हैं, ये

eight परसेंट का हो सकता है, ten
परसेंट का हो सकता है। उससे

ज्यादा का भी return आपको मिल
सकता है। depending ऑन किस कंपनी

में आपने इन्वेस्ट किया है। यहाँ
पे मैं आपको बता दूँ ये

inflation बीटिंग रिटर्न भी आपको
देता है। इसका मतलब ये है कि

जैसा भी economy perform कर रहा
है, country का जैसा भी economy

है, बहुत ही ज्यादा inflation
है, महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई

है, तब भी अगर मार्किट अच्छा
perform कर रहा है, तो आपको

अच्छे returns मिल सकते हैं। अगर
आपको long term financial goals

achieve करना है, तब मैं आपको
करूंगी कि आप equity mutual

funds में invest करें। हालाँकि
ये थोड़ा risk year होगा जी हाँ

पर आपको ज्यादा returns भी मिलते
हैं। तो यहाँ पे मैं आपको ये

suggest करूंगी कि अगर आप एक
beginner हैं, आपने अभीअभी शुरू

किया है, आपकी उम्र बहुत कम है
और आप risk ले सकते हैं अपने

investment में तब जा के आप
equity mutual funds में

definitely invest करें और लंबे
समय तक अपना investment रखें।

अगला कारण कि क्यों आपको
investment करना चाहिए mutual

fund में क्योंकि आपको products
में variety मिलती का मतलब ये है

कि आप एक ही mutual fund में
investment करना जरूरी नहीं है

आपके लिए यानी कि अगर आपको लगता
है कि equity mutual funds बहुत

ज्यादा risky है तो on the other
hand आप safe investment कर सकते

हैं for example आप hybrid funds
में invest कर सकते हैं आप debt

funds में कर सकते हैं liquid
funds में कर सकते हैं जो बहुत

ही short period का होता है या
फिर आप टैक्स saving schemes में

भी invest कर सकते हैं तो यहाँ
पे सबसे बड़ा benefit आपको ये

मिलता है कि based ऑन your
specific needs आपका goal क्या

है? Investment goal क्या है?
आपका risk appetite क्या है उस

हिसाब से आप किसी भी mutual fund
products में invest कर सकते

हैं।

 


power of compounding

 

अगला है power of
compounding यानी कि ये ऐसे

investors लोगों के लिए बनाई गई
है जो लंबे समय तक यानी कि say

for example twenty years तक
thirty years तक अपना investment

बनाए रखते हैं तो उन लोगों के
लिए specially ये एक बहुत ही

बड़ा benefit है। अगर आप ऐसे
investor हैं जिनको say for

example एक लाख रुपए आपके पास
एक्स्ट्रा है। तो उस एक लाख रुपए

को आप किसी भी instrument में
invest कर हैं तो ऐसे में अगर आप

ये एक लाख रूपए सिर्फ example
आपको दस साल के लिए नहीं चाहिए,

बीस साल के लिए नहीं चाहिए,
जरूरत नहीं है तो आप power of

compounding का जो लाभ है वो उठा
सकते हैं ये तो वही एक लाख रूपए

आपका एक करोड़ में बदल सकता है
with the help of compounding

interest जो आपको मिलता है। अब
ये compounding interest

basically होता ये है कि जहाँ
आपको जो investment है उसमें जो

आप returns पाते हैं उस returns
को आप reinvest करते हैं तो उसे

हम compounding interest कहते
हैं, जहाँ पे आप जितना returns

आपको मिल रहा है यहाँ पे
interest जितना आपको मिल रहा है

वो आप नहीं लेते वो आप redeem
नहीं करते बल्कि उसे वापस invest

कर देते है तो ऐसेऐसे करके आपका
जो corpus है वो बेस बढ़ जाता है

साथ ही अगर आपको indetail जानना
है कि power of compounding क्या

है कैसे काम करता है तो मैंने
already एक post बनाया है वो

post आप जरूर देखकर समझ सकते
हैं कि power of compounding

basically काम कैसे करता है?


टैक्स efficient

 

 

अगला है टैक्स efficient इसका

मतलब ये है कि जब भी आप mutual
funds में invest करते हैं तो

यहाँ पे आपको दो तरीके के टैक्स
भरने पड़ते हैं one in the form

of long term gains जो आपको मिले
हैं, second in the form of

short term gains जो आपको मिलता
है। long term के लिए आपको ten

percent का टैक्स भरना पड़ेगा और
short term के लिए आपको fifteen

percent का टैक्स भरना पड़ेगा।
पर यहाँ पे अच्छी बात ये है कि

यहाँ पे एक लाख तक का अगर आपको
long term gains होता है, अपने

mutual funds को redeem करने पर
तब आपको किसी भी तरह का टैक्स

नहीं भरना पड़ेगा। साथ ही मैं
आपको ये बता दूँ, ऐसे mutual

funds भी हैं, जहाँ पे आपको
टैक्स benefits मिलते हैं। for

example आप ELSS यानी कि equity
link sim schemes में invest कर

सकते हैं जहाँ पर आपको एक साल
में एक financial year में one

point five लाख तक का टैक्स
exemption मिलता है under सेक्शन

eighty सी of इनकम टैक्स act
अगला है variety of investment

objectives इसका मतलब ये है कि
अपने investment objective के

हिसाब से आप mutual funds में
invest कर सकते हैं for example

अगर आपका उद्देश्य investment का
उद्देश्य ये है कि आप capital

appreciation कर सकते हैं या फिर
इनकम generate कर सकें उस हिसाब

से आप mutual fund invest कर
सकते हैं। यहाँ पे मैं आपको बता

दूँ अगर आपका उद्देश्य ये है कि
आप long term में wealth create

कर सकें तो आप equity mutual
funds में invest करें। अगर आपको

short term financial goals पूरा
करना है for example buying ए

कार आपको कार खरीदनी है तो इसके
लिए आप hybrid mutual funds में

invest करें और short term में
ही अच्छे लाभ कमाएं। और आखरी

reason आखिरी कारण है verity of
mode of investment इसका मतलब ये

है कि यहाँ पे आपको बहुत ज्यादा
flexibility मिल जाती है when it

comes to investment as well as
जब भी आपको निवेश करना हो साथ ही

आपको पैसे निकालने हैं तो mutual
fund एक ऐसा investment ऑप्शन है

जहाँ आपको दोनों ही मिलते हैं।
यहाँ पे आपको बता दूँ चार मोड

मिलते हैं आपको investment के
पहला मोड ये है कि आप लमसम ट्राई

कर सकते हैं यानी कि मान लेते
हैं कि all of the sudden आपको

एक लाख का बोनस मिला है आप अपने
कंपनी की तरफ से आपने बहुत अच्छा

perform किया आपको एक लाख का
बोनस मिला है। अब इस एक लाख का

आप क्या करेंगे तो ऐसे में आपको
ये ऑप्शन मिलता है कि आप एक साथ

सारे के सारे पैसे आप mutual
funds में invest इसी को हम

बोलते है lump sum investment
जहाँ आप ज्यादा amount जो है

भारी amount जो है आप एक साथ उसे
invest कर सकते है दूसरा option

है आप SIP कर सकते है यानी की
systematic investment प्लान कर

सकते है जहाँ पे हर महीने आपको
एक fixed amount जमा करने होंगे

यानी की mutual funds में invest
करना होगा जैसा कि मैंने कहा मैं

हर महीने पाँच सौ रुपए mutual
funds में invest करते हो तो ऐसी

तरह अगर आपके पास एक regular
source of income है हर महीने

आपको salary मिलती है तो ऐसे आप
एसआईपी मोड choose कर सकते हैं।

यहाँ पे मैं और एक बात बता दूँ
कि एसआईपी अगर आप choose करते

हैं तो long term में आपको अच्छे
returns मिलने के ज्यादा chances

हैं। तीसरा mode of investment
यहाँ पे आपको ये मिलता है कि आप

एसटीपी choose कर सकते हैं यानी
कि systematic transfer प्लान

choose कर सकते हैं। इसका मतलब
ये है कि मान लेते हैं आपने debt

mutual funds में invest किया है
और यहाँ पे आपको उतना ज्यादा

profit नहीं दिख रहा है और आपको
switch करना है। तो ऐसे में आप

एसटीपी choose कर सकते हैं जहाँ
आपका जो डेथ म्यूच्यूअल फंड

इन्वेस्टमेंट है gradually
धीरेधीरे करके वो दूसरे यानी कि

equity funds में आप transfer ले
सकते हैं। तो यहाँ पे आपको twin

advantage मिलता है in the form
of a कि आपने already डेट फंड

में इन्वेस्ट किया तो यहाँ पे भी
आपको रिटर्न्स मिलेगा और साथ ही

जब आप शिफ्ट हो जाते हैं इक्विटी
फंड्स में तो यहाँ पे आपको दुगना

एडवांटेज भी मिलता है और चौथा
मोड ऑफ इन्वेस्टमेंट यहाँ पे

म्यूच्यूअल फंड्स में आपको ये
मिलता है कि आप सिस्टमैटिक

विद्रोल प्लान भी use कर सकते
हैं इसका इस्तेमाल कर सकते हैं

एक तरह का बेनिफिट है जो आपको
मिलता है जब आप म्यूच्यूअल फंड्स

में इन्वेस्ट करते हैं तो
basically एसडब्ल्यूपी में आप जब

चाहें विदड्रॉल कर सकते हैं और
साथ ही अगर आपको हर महीने एक

पर्टिकुलर amount निकालना है
withdraw करना है तब आप वो भी

choose कर सकते हैं तो ऐसे में
एसडब्ल्यूपीए आपको एक रेगुलर

सोर्स ऑफ इनकम भी देता है। तो ये
थे कुछ टॉप ten reasons कि आपको

म्यूच्यूअल फंड्स में क्यों
इन्वेस्ट करना चाहिए। उम्मीद

करती हूँ कि आपको इन डिटेल समझ आ
गया होगा कि आपको क्या

म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्ट
करना चाहिए और आपके लिए ये

फायदेमंद है अगर इन detail आपको
जानना है कि कैसे आप explore कर

सकते हैं और investment options
कैसे आप stocks में invest कर

सकते हैं या फिर अन्य investment
options के बारे में या फिर

बिजनेस के बारे में आपको जानना
है या फिर आपको farming के भी

बारे में जानना है तो उसके लिए
आप डाउनलोड कर सकते हैं फ्रीडम

ऐप तो डाउनलोड करें फ्रीडम एप्प,
प्ले स्टोर या एप्प स्टोर से,

साथ ही लिंक भी दिया गया हुआ है
नीचे description बॉक्स में अगर

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