Tu Sham-e-Risalat Hai Aalam Tera Parvana Hindi Lyrics
तू शम-ए-रिसालत है, आलम तेरा परवाना
तू माह-ए-नुबुव्वत है, ऐ जल्वा-ए-जानाना
तू माह-ए-नुबुव्वत है, ऐ जल्वा-ए-जानाना
जो साक़ी-ए-कौसर के चेहरे से निक़ाब उठे
हर दिल बने मयख़ाना, हर आँख हो पैमाना
दिल अपना चमक उठे ईमान की तलअत से
कर आँखें भी नूरानी ऐ जल्वा-ए-जानाना
सरशार मुझे कर दे एक जाम-ए-लबालब से
ता हश्र रहे साक़ी ! आबाद ये मयख़ाना
हर फूल में बू तेरी, हर शम्अ ज़ू तेरी
बुलबुल है तेरा बुलबुल, परवाना है परवाना
पीते हैं तेरे दर का, खाते हैं तेरे दर का
पानी है तेरा पानी, दाना है तेरा दाना
संगे-दरे-जानां पर करता हूं जबीं साई
सजदा न समझ नजदी, सर देता हूं नज़राना
गिर-पड़ के यहां पहुंचा, मर मर के इसे पाया
छूटे न इलाही अब संगे-दरे-जानाना
आबाद इसे फरमा वीरां है दिल-ए-नूरी
जल्वे तेरे बस जाएं, आबाद हो वीराना
सरकार के जल्वों से रोशन है दिल-ए-नूरी
ता हश्र रहे रोशन नूरी का ये काशाना
शायर:
मुस्तफ़ा रज़ा खान