Woh Raza Mera Raza Lyrics
वो रज़ा मेरा रज़ा मेरा रज़ा मेरा रज़ा है / Wo Raza Mera Raza Mera Raza Mera Raza Hai
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो इमाम ‘इश्क़-ओ-मोहब्बत है बरेली का रज़ा
जिस ने कोई न किया काम है सुन्नत के सिवा
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वाज़ेह सभी पे आयत-ए-क़ुरआन कर गया
महफूज़ सुन्नियों का जो ईमान कर गया
एहसान का न जिस के कोई भी हिसाब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
उठा क़लम तो ‘इल्म के दरिया बहा दिए
घर घर नबी के ज़िक्र के जल्से सजा दिए
सर-ता-पा ‘इल्म-ए-दीन का जो आफ़ताब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
जिस की हयात ‘इश्क़-ए-नबी की किताब है
जिस का वुजूद वक़्फ़-ए-रिसालत-मआब है
जिस में नबी की ख़ुश्बू है ऐसा ग़ुलाब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
हर दम चमकता और दमकता रहेगा वो
दुनिया-ए-सुन्नियत में महकता रहेगा वो
जिस में नबी की ख़ुश्बू है ऐसा ग़ुलाब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
गुस्ताख़ी-ए-रसूल का नश्शा उतार दें
हम चाहें तो इसी से वहाबी को मार दें
अहमद रज़ा के नाम में वो आब-ओ-ताब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
उर्दू अदब की जान है और शान है रज़ा
ना’त-ए-नबी का हिन्द में हस्सान है रज़ा
नग़्मों में जिस के हुब्ब-ए-नबी की शराब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
अहमद रज़ा ने कंज़-उल-ईमान है दिया
हम को रसूल-ए-पाक का फ़ैज़ान है दिया
जो मस्लक-ए-रज़ा पे चले, कामियाब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
अख़्तर रज़ा का दामन-ए-शफ़क़त न छोड़िये
कुछ भी हो दस्त-ए-ताज-ए-शरी’अत न छोड़िये
वल्लाह ! फ़ख़्र-ए-अज़हरी ‘इज़्ज़त-मआब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
होता है जिस का ज़िक्र ज़माने में कू-ब-कू
शोहरत है जिस के फ़त्वे की, तक़्वे की चार-सू
सज्जाद ! हर इमाम का वो इंतिख़ाब है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
वो रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा, मेरा रज़ा है
शायर:
सज्जाद निज़ामी
ना’त-ख़्वाँ:
सज्जाद निज़ामी
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo imaam ‘ishq-o-mohabbat hai bareli ka raza
jis ne koi na kiya kaam hai sunnat ke siwa
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
waazeh sabhi pe aayat-e-qur.aan kar gaya
mahfooz sunniyo.n ka jo imaan kar gaya
ehsaan ka na jis ke koi bhi hisaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
uTha qalam to ‘ilm ke dariya baha diye
ghar ghar nabi ke zikr ke jalse saja diye
sar-ta-pa ‘ilm-e-deen ka jo aaftaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
jis ki hayaat ‘ishq-e-nabi ki kitaab hai
jis ka wujood waqf-e-risaalat-ma.aab hai
jis me.n nabi ki KHushboo hai aisa Gulaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
har dam chamakta aur damakta rahega wo
duniya-e-sunniyat me.n chamakta rahega wo
jis me.n nabi ki KHushboo hai aisa Gulaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
gustaaKHi-e-rasool ka nashsha utaar de.n
ham chaahe.n to isi se wahaabi ko maar de.n
ahmad raza ke naam me.n wo aab-o-taab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
urdu adab ki jaan hai aur shaan hai raza
naa’t-e-nabi ka hind me.n hassaan hai raza
naGmo.n me.n jis ke hubb-e-nabi ki sharaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
ahmad raza ne kanz-ul-imaan hai diya
ham ko rasool-e-paak ka faizaan hai diya
jo maslak-e-raza pe chale, kaamiyaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
aKHtar raza ka daaman-e-shafqat na chho.Diye
kuchh bhi ho dast-e-taaj-e-sharee’at na chho.Diye
wallah ! faKHr-e-azhari ‘izzat-ma.aab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
hota hai jis ka zikr zamaane me.n koo-ba-koo
shohrat hai jis ke fatwe ki, taqwe ki chaar-soo
Sajjaad ! har imaam ka wo intiKHaab hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
wo raza, mera raza, mera raza, mera raza hai
Poet:
Sajjad Nizami
Naat-Khwaan:
Sajjad Nizami
हिन्दी
ENG