Hamare Hain Hussain Manqabat Lyrics

Hamare Hain Hussain Manqabat Lyrics

 

 

 

Naat Khwan: Hafiz Tahir Qadri, Hafiz Ahsan Qadri

 

हुसैन या हुसैन
हुसैन या हुसैन
हुसैन या हुसैन
हुसैन या हुसैन

दिल से पुकारो उसे दिल से पुकारो हुसैन

इंसान को बेदार तुम हो लेने दो
इंसान को बेदार तुम हो लेने दो

हर क़ौम पुकारेगी हर क़ौम पुकारेगी

हमारे हैं हुसैन ×6

 

दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का
दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का

 

इंसानियत को काफ़ी है ख़ुत्बा हुसैन का
शब्बीर तेरे कांधों पे दीन ए रसूल है
शब्बीर तेरे कांधों पे दीन ए रसूल है

इस्लाम को है अब भी सहारा हुसैन का
इस्लाम को है अब भी सहारा हुसैन का

हमारे हैं हुसैन ×6

 

तलवार है हुसैन की ललकार है हुसैन की

सरकार का अमामा है सर पर हुसैन के
और हमज़ा की सिपर है बदन पर हुसैन के

के हाथों में लिए आ रहा शब्बीर ज़ुल्फ़िक़ार
ये शेर है अली का पलट कर करेगा बार

ये फ़ातिमा के लाल का परचम है अल्लाबार
अल्लाह रे जलाल का आ़लम है अल्लाबार

किस क़हर का है सामना चमकी है ज़ुल्फ़िक़ार
दो नीम करने सूरमा चमकी है ज़ुल्फ़िक़ार

खा-खा गई सफ़ों की सफ़े आज ज़ुल्फ़िक़ार
किस की मजाल है कि करे सामने से वार

 

देखो यज़ीदियों ज़रा शब्बीर का मिजाज़
तुम सारे मारे जाओगे लड़ते रहे जो आज

लेकिन रज़ा-ए-मौला में झुकता है अब हुसैन
सजदे में सर झुकाने को रुकता है अब हुसैन

 

दीन-ए-मतीन के लिए सब कुछ लुटा दिया
मेरे हुसैन तुमने घराना लुटा दिया
करबो-बला का देख लो फ़ाते हुसैन है
इस्लाम ज़िन्दा है तो फिर ज़िन्दा हुसैन है

हुसैन ज़िन्दाबाद ×8

हमारे हैं हुसैन ×6

 

दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का
दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का

इंसानियत को काफ़ी है ख़ुत्बा हुसैन का

 

जज़बात ग़ाज़ियों के मरेंगे नहीं कभी
जज़बात ग़ाज़ियों के मरेंगे नहीं कभी
ज़िन्दा हमें जो रखता है जज़बा हुसैन का
ज़िन्दा हमें जो रखता है जज़बा हुसैन का

हमारे हैं हुसैन ×6

 

दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का
दुनिया में गूंजता है तराना हुसैन का

इंसानियत को काफ़ी है ख़ुत्बा हुसैन का

 

न आसमां न किसी शां नशी से निकलेगा
अ़ली के इश्क़ का सूरज जबीं से निकलेगा

जहाँ जहाँ पे भी पहरे बिठाए जायेंगे
जहाँ जहाँ पे भी पहरे बिठाए जायेंगे

 

जुलूस-ए-इ़श्क़-ए-हुसैनी वहीं से निकलेगा
ये कर्बला है देख लो इसे जहां वालो

यज़ीदियत का जनाज़ा यहीं से निकलेगा
यज़ीदियत का जनाज़ा यहीं से निकलेगा

 

करबो बला से उठ्ठेगी मय्यत यज़ीद की
करबो बला से उठ्ठेगी मय्यत यज़ीद की

लेकिन हमेशा चमकेगा रौज़ा हुसैन का
लेकिन हमेशा चमकेगा रौज़ा हुसैन का

हमारे हैं हुसैन ×6

 

कोई अता-पता नहीं नस्ले यज़ीद का
कोई अता-पता नहीं नस्ले यज़ीद का

सारे जहान में है घराना हुसैन का
सारे जहान में है घराना हुसैन का

हमारे हैं हुसैन ×6

 

तुझको हमेशा देगी उजागर नबी की आल
तुझको हमेशा देगी उजागर नबी की आल

तू कामयाब हो गया बन्दा हुसैन का
तू कामयाब हो गया बन्दा हुसैन का

हमारे हैं हुसैन ×6

Hamare Hain Hussain Manqabat

Hamare Hain Hussain Manqabat

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