Haq Hussain Mola Hussain Lyrics
Lyrics for Haq Hussain Mola Hussain by Saleem Altaf
Aalap…
Mehsahrme azme jawa dundh rhe hai
Sajdo ke liye haq ka makaam dhundh rhe hai.
Jannat me ye kah ke chale jaayenge mathur
Shabbir ke kadmo ke nishan dhundh rhe hai – (2 -para)
Safar madine se jab she ne karbala ka kiya
Udaas tha nakaf ashraf udaas tha taiba
Libaas pahne hue the darkth maatm kaa
Har patte se rah rah kar aati thi ye sada
Haq hussain moula hussain-6
Pyare nabi ke aankh ke taare -(3 -line)
Din ke rah bar khuda ke pyare -(3 -line)
Jaane ali zehara ke chain
Haq hussain moula hussain-6
Hussain jo islaam per kurbaan na hota,
Aaj koi jamane me muslmaan na hota
Haq hussain moula hussain-6
Paidaishi khuddaar tha khuddar hi rha,
Jis baat se inkaar tha inkaar hi rha,
Sar de diya yazid ko lekin diya a haath,
Jis baat se inkaar tha inkaar hi rha,
Haq hussain moula hussain-6
Teeron ke mussalee uper aapki namaz hai – (2 -line)
Aapki ibadat ka juda andaaz, aapki to zaat aaka aise beniaz hai,
Sabre hussain per to allah ko bhi naaz hai,
Haq hussain moula hussain-6
Fareb kufurmes,
Fareb kufurmes har sahibo mehraab aa jaata – (2 -line)
Jo tu pyasa na rahta din jere aab aa jata,
Bahaye jitne aasu tere gum me nasle insaan
Ikkathe kar liye jaate to ek selab aa jaata
Haq hussain moula hussain-6
Noore-narjar ali ke ho zehara ke laal ho -(2 -line)
Shabbir tum khuda ki kasam bemisaal ho
Aulaado khandaan ka vo kya kare kahayal
Ummad ka nana jaan ki jisko khayal ho
Haq hussain moula hussain-6
Sar deke kufur dur kiya hai hussain ne
Baatil ko chur chur kiya hai hussain ne – (2 -para)
Jaa de ke laa ilahi ka jalwa dikha diya,
Kar vo bala ko vo dur kiya hai hussain ne,
Haq hussain moula hussain-6
Khune shabbir ki wafa ki kasam -(2 -line)
Saari unmad shahid ho jaati – (2 para)
Sar katate naib na to sab ki mitti palid ho jaati.
Haq hussain moula hussain-6
Darde hussain dard ke maaro se puchiye
Bachsam tarfarad ke daaro se puche,
Hum kya bata sakenge kisi tishna lab ka haal
Pyaso ki pyas pyas ke maaro se puchiye,
Aagaz ro vo shab ka hai khune hussain hai,
Range ufat ke surkh najaro se puchiye,
Kya ajmato uruje hussaini ka hai makaam
Firdos ke hassin najaro se puchiye
Moze farat sar ko patakti hai aaj bhi
Tishna tahan ka haal kinaro se puchiye
Haq hussain moula hussain-6
Pyare nabi ke aankh ke taare -(3 -line)
Din ke rah bar khuda ke pyare -(3 -line)
Jaane ali zehara ke chain
Haq hussain moula hussain-6
Maulaa hussain… 5 aalaap
Haq hussain moula hussain-6
हक़ हुसैन मौला हुसैन Manqabat Lyrics
हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
तीरों के मुसल्ले ऊपर आप की नमाज़ है
आपकी इबादत का जुदा अंदाज़ है
आपकी तो ज़ात आक़ा ऐसी बेनियाज़ है
कि सब्र-ए-हुसैन पर तो अल्लाह को भी नाज़ है
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
पैदाइशी खुद्दार था खुद्दार ही रहा
वो दीन का सरदार था सरदार ही रहा
सर दे दिया यज़ीद को लेकिन दिया ना हाथ
जिस बात से इनकार था इनकार ही रहा
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
फ़रेब ओ कुफ्र में हर साहिब ओ मेहराब आ जाता
जो तू प्यासा ना रहता तो दीन ज़ेरे आब आ जाता
बहाये जितने आंसू तेरे ग़म में नस्ल-ए-ईसा ने
इकट्ठा कर लिए जाते तो एक सैलाब आ जाता
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
प्यारे नबी की आंख के तारे
दीन के रहबर ख़ुदा के प्यारे
जान-ए-अली ज़हरा के चैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
नूरे नज़र अली के हो ज़हरा के लाल हो
शब्बीर तुम ख़ुदा की क़सम बेमिसाल हो
औलाद ओ खानदान का वो क्या करें ख्याल
उम्मत का नाना जान की जिसको ख्याल हो
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
सर दे के कुफ्र दूर किया है हुसैन ने
बातिल को चूर चूर किया है हुसैन में
जां दे के ला-इलाहा का जल्वा दिखा दिया
कर्बोबला को तूर किया है हुसैन ने
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
खूने शब्बीर की वफ़ा की क़सम
सारी उम्मत शहीद हो जाती
सर कटाते ना इब्ने हैदर जो
सब की मिट्टी पलीत हो जाती
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
दर्दे हुसैन दर्द के मारों से पूछिए
बा चश्मे तर फ़रात के धारों से पूछिए
हम क्या बता सकेंगे किसी तिश्ना लब का हाल
प्यासों की प्यास, प्यास के मारों से पूछिए
आग़ाज़ रोज़-ओ-शब का है खूने हुसैन से
रंगे उफ़्क़ के शुर्ख़ नज़ारों से पूछिए
क्या अज़मत ओ उरूज़ ए हुसैनी का है मक़ाम
ये फ़िरदौस के हसीन नज़ारों से पूछिए
मौज-ए-फुरात सर को पटती है आज भी
तश्ना दहन का हाल किनारों से पूछिए
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
ऐ हुसैन इब्ने अली तुर्रा ए दस्तार ए दीन
तेरी बुनियादों पे है ठहरी हुई दीवारे दीन
नब्ज़े कानून ए ख़ुदा धड़की तेरे ईसार से
तूने बादल की रगें काटीं लहू के धार से
इल्म बालों को शहादत का सबक़ तूने दिया
मर के भी ज़िन्दा रहें इंसां को हक़ तूने दिया
सूख जाएं वक़्त की शाखें तरोताज़ा है तू
तिल ए इस्लाम का दरवाज़ा है तू
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
प्यारे नबी की आंख के तारे
दीन के रहबर ख़ुदा के प्यारे
जान-ए-अली ज़हरा के चैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हुसैन दर्द को दिल को दुआ को कहते हैं
हुसैन अस्ल में दीने ख़ुदा को कहते हैं
हुसैन हौसला ए इंकलाब देता है
हुसैन शम्मा नहीं आफ़ताब देता है
हुसैन हुस्ने पयम्बर की ज़ौ को कहते हैं
हुसैन सीना-ए-हैदर की लौ को कहते हैं
सहर की धूप उतारी हर आशियाने में
लहू से जिसने उजाला किया जमाने में
हुसैन सिलसिला-ए-ज़ाबिदा है रह़मत का
हुसैन नुक्ता ए मेराज है रिसालत का
हुसैन अज़म को जब ताब नाक करता है
जला के खिरमने बातिल को ख़ाक करता है
हुसैन सइये तजल्ली में कामयाब हुआ
लहू में डूब के उभरा तो आफ़ताब हुआ
हुसैन सुबह जहां ताब की अलामत है
हुसैन ही को भुला दें ये क्या कयामत है
तिले हुसैन की गर्मी से दिल मचलते हैं
इस एक चराग़ से लाखों चराग़ जलते हैं
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
नाम शब्बीर का होठों पे सजा रक्खा है
प्यास को मरकज़ ए एहसास बना रक्खा है
ये और बात के सोतों को जगाती है नमाज़
तेरे सजदों ने नमाज़ों को जगा रक्खा है
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
अपने अल्लाह का फ़रमान पढ़ा करते हैं
नोक ए नेज़े से बसद शाम पढ़ा करते हैं
मौत आती ही नहीं हक़ के शहीदों को कभी
क़त्ल के बाद भी कुरआन पढ़ा करते हैैं
प्यारे नबी की आंख के तारे
दीन के रहबर ख़ुदा के प्यारे
जान-ए-अली ज़हरा के चैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
जिहाद ए ह़क़ में शहादत की आरज़ू कर के
पकाए दीने मोहम्मद की जुस्तजू कर के
हुसैन तेरे सिवा किस में इतनी हिम्मत है
नमाज़ ए अस्र पढ़ें खून से वुज़ू कर के
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
हक़ हुसैन मौला हुसैन, हक़ हुसैन मौला हुसैन
Haq Hussain Mola Hussain Manqabat Lyrics