आख़री ‘उम्र में क्या रौनक़-ए-दुनिया देखूँ
आख़री ‘उम्र में क्या रौनक़-ए-दुनिया देखूँ अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूँ अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूँ आख़री ‘उम्र में क्या रौनक़-ए-दुनिया देखूँ अब तो बस एक ही धुन है कि मदीना देखूँ आख़री वक़्त में क्या रौनक़-ए-दुनिया देखूँ अब तो बस … Read more