रह़मान या रह़मान

रह़मान या रह़मान रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन है ये तेरा एहसान तू सब ही का दाता है, तू सब ही को देता है सदक़े में मुह़म्मद के तू झोलियाँ भरता है मेरा है ये ईमान रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान … Read more