लम याति नज़ीरुक फ़ी नज़रिन

लम याति नज़ीरुक फ़ी नज़रिन लम याति नज़ीरुक फ़ी नज़रिन, मिस्ले तो न शुद पैदा जाना जग राज को ताज तोरे सर सो, है तुझ को शहे दो सरा जानाअल-बह़रू अ़ला वल-मौजु त़गा, मन बे कसो तू़फ़ां होशरुबा मंजधार में हूं बिगड़ी है हवा, मोरी नय्या पार लगा जाना या शम्शू नज़रति इला लैली, चू ब त़यबा रसी … Read more