समझना यह नहीं आसां कि क्या अख्तर रजा तुम हो
समझना यह नहीं आसां कि क्या अख्तर रजा तुम हो समझ में बस यही आया सुन्नियों के पेशवा तुम हो तुम्हें इस वक्त हो कायम मकामे मुफ्तीए आजम बिला शक जानशीने मुस्तफा, अख्तर रजा तुम हो रजा का हुज्जतुल इस्लाम का मुफ़्तीए आजम का है जिनमें अक्स उनसबका …