गदा-ए-ग़ौस-ए-आज़म हूँ

गदा-ए-ग़ौस-ए-आज़म हूँ ग़ौस-ए-आ’ज़म ! पीर-ए-पीराँ मीर-ए-मीराँ ! ग़ौस-ए-आ’ज़म ! गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ, गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ, गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया ग़ौस-ए-आ’ज़म का हमें दोनों जहाँ में है सहारा ग़ौस-ए-आ’ज़म का गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ, गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ, गदा-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म हूँ ‘मुरीदी ला-तख़फ़’ कह कर तसल्ली दी ग़ुलामों को क़यामत तक रहे बे-ख़ौफ … Read more