अल्लाह एक है

अल्लाह एक है

दस्ते-नबुव्वत से वह़दत का
सब को छलकता जाम मिला
आदम से ले कर आक़ा तक
सब ने यही पैग़ाम दियाअल्लाह एक है… एक है… एक है
अल्लाह एक है… एक है… एक हैहै जिस्म रेत पर तो सीने पे गर्म पत्थर
फिर भी बिलाल का है तेवर अल्लाहु अकबर

इस आलम में भी आशिक़ ने
नारा लगाकर ये है कहा

अल्लाह एक है… एक है… एक है
अल्लाह एक है… एक है… एक है

वाहिद है ज़ात तेरी, क़ुरआं है बात तेरी
तू है जहां का ख़ालिक़, है काएनात तेरी

सूरज, चंदा, तारे, जुगनू
सब के माथे पे है लिखा

अल्लाह एक है… एक है… एक है
अल्लाह एक है… एक है… एक है

बारिश की नर्म बूंदें एलान कर रही हैं
दुनियाँ की सारी चीज़े कुन से बनी हुई हैं

रिमझिम रिमझिम बादल बरसा
और बरस कर उसने कहा

अल्लाह एक है… एक है… एक है
अल्लाह एक है… एक है… एक है

Sharing Is Caring:

Leave a Comment