न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है NAAT LYRICS
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
नबी के सच्चे गुलाम बन कर कुफ़र की मुठ्ठी में बोले कंकर
ये कंकरों ने सबक पढ़ाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
मुनाफ़िक़ों को ख़बर नहीं है के आक़ा उन से बशर नहीं है
बशर की सूरत में नूर आया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
हुज़ूर तैय्यब, हुज़ूर ताहिर हुज़ूर अव्वल, हुज़ूर आखिर
मेरे नबी सा कोई न आया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
नबी से चाहत है शर्ते-ईमां हज़ार जानें नबी पे क़ुर्बां
सहाबियों ने यहीं बताया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
अजब समां था, अजब घड़ी थी हुज़ूर सिदरा को जा रहे थे
ख़ुदा ने अर्शे-बरी सजाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
खुदा के प्यारे हबीब आए दुखी दिलों के तबीब आए
हरम को भी आज वज्द आया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
विलादते-मुस्तफ़ा का चर्चा रहेगा जारी हमेशा कातिब
तमाम आलम में नूर छाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
ख़ुदा ने सब से जुदा बनाया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है