Shah Dulha Bana Aj Ki Raat Ha – शाह दूल्हा बना आज की रात है
नबी हमारे बने हैं दूल्हाशाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
बाग़े-आलम में बाद-ए-बहारी चली
सरवरे-अम्बिया की सवारी चली
ये सवारी सूए-ज़ाते-बारी चली
अब्रे-रहमत उठा आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
तूर चोटी को अपनी झुकाने लगा
चाँदनी चाँद हर-सू दिखाने लगा
अर्श से फ़र्श तक झगमगाने लगा
रश्के-सुब्हे-सफ़ा आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
इत्रे-रहमत फ़रिश्ते छिड़कते चले
जिस की ख़ुश्बू से रस्ते महकते चले
चाँद-तारे जिलो में चमकते चले
कहकशाँ ज़ेरे-पा आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
तूर पर रिफ़अते-ला-मकानी कहाँ
लन-तरानी कहाँ, म-र्रआनी कहाँ
जिस का साया नहीं उसका सानी कहाँ
उनका इक मो’जिज़ा आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
जज़्बे-हुस्ने-तलब हर क़दम साथ है
दाएं बाएं फरिश्तों की बारात है
सर पे नूरानी सेहरे की क्या बात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
शाह दूल्हा बना आज की रात है
नबी हमारे बने हैं दूल्हा
नबी हमारे बने हैं दूल्हा