अब्रे करम गेसुए मुहम्मद
अब्रे करम गेसुए मुहम्मद
दोनों हरम आब्रुए मुहम्मद
सब की नजर है सुये काबा
काबा तके है रुए मुहम्मद
काबे को किसने बनाया क़िब्ला
काबे का काबा रूए मुहम्मद
सजदाए सर है सुए काबा
सज्दाए दिल है सूए मुहम्मद
सारे चमन में किस की खुशबु
खुशबु है खुशबु एं मुहम्मद
धारे चले हर उंगली से उनकी
देखो वो निकली जुए मुहम्मद
किस की चमक है पैकरे गुल में
गुल में खिला है रूए मुहम्मद
सब से अनोखा मूए मुहम्मद
सब से निराली कुए मुहम्मद
ज़िंदा है वल्लाह ज़िंदा है वल्लाह
जाने दो आलम रुए मुहम्मद
भीनी भीनी खुशबू लहकी
खिल गए जब गेसुऐ मुहम्मद
ये राह महकी वो राह महकी
खिल गए जब गेसूऐ मुहम्मद
अख्तरे खस्ता चल दे जीना को
बागे जीना है कूए मुहम्मद