Islamic Sawal Jawab
सवाल: सबसे पहला
बादशाह कौन है जिसने
सूली की सजा दी
और किसको दी ?…
जवाब: फ़िरऔन पहला
बादशाह है जिसने हाथ
पैर काटने और
सूली की सजा दी उन
जादूगरों को जो हज़रत
मूसा
अलैहिस्सलाम पर ईमान
लाए थे |
सवाल: सबसे पहले दुनियां
में कौनसा जानवर
बीमार हुआ ?
जवाब: सबसे पहला
जानवर “शेर” बीमार हुआ
|
जो कश्ती-ए-नूह में सवार
था ये शेर पहला जानवर है
जो दुनियां
में बीमार हुआ |
अबी इब्ने हातिम की
रिवायत है कि रसूल
अल्लाह सल्ल० ने
फ़रमाया: कि हज़रत नूह
अलैहिस्सलाम जब तमाम
जानवरों को
अपनी कश्ती में सवार कर
चुके तो लोगों ने कहा कि
शेर की
मौजूदगी में बाकी
जानवर कैसे आराम से रह
सकेंगे | तब अल्लाह
पाक ने शेर पर बुख़ार डाल
दिया जिससे वह चुपचाप
बैठा रहा
इससे पहले जमीन पर ये
बीमारी नहीं थी |
सवाल: रूह कब्ज करने के
लिए “मल्कुल मौत” कितने
फ़रिश्तों को
अपने साथ लेकर आते हैं ?
जवाब: मोमिन की रूह
कब्ज करने के लिए मल्कुल
मौत अपने
हमराह “रहमत” के छ: लाख
फ़रिश्तों को लेकर आते हैं
और काफिर
की रूह कब्ज करने के लिए
छ: लाख “अजाब” के फरिश्ते
उनके
साथ होते हैं |
सवाल: उस फरिश्ते का
क्या नाम है जो “कयामत”
के दिन
जमीन को बोरी की तरह
लपेट देगा ?
जवाब: उस फरिश्ते का
नाम “रियाफ़ील”
अलैहिस्सलाम है जो
कयामत के दिन तमाम
जमीन को बोरी की तरह
लपेट देगा |
सवाल: वह कौनसा
फरिश्ता है जिसके माथे
पर पूरा “कुरआन”
लिख दिया गया है?
जवाब: वह हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
हैं जिनकी पेशानी
पर पूरा कुरआन लिख
दिया गया है |
सवाल: वह कौनसा
फरिश्ता है जो कयामत के
दिन लोगों को
मैदाने महशर की तरफ
बुलाएगा ?
जवाब: वह हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
हैं बअज ने कहा है कि
निदा तो हज़रत
जिब्रील अलैहिस्सलाम
देंगे और सूर हज़रत
इस्राफील अलैहिस्सलाम
फूकेंगे |
सवाल: जन्नत के खजीन
फरिश्ते का क्या नाम है ?
जवाब: जन्नत के खजीन
फरिश्ते का नाम
“रिजवान”
अलैहिस्सलाम है |
सवाल: दोजख के खजीन
फरिश्ते का क्या नाम है ?
जवाब: दोजख के खजीन
फरिश्ते का नाम
“मालिक”
अलैहिस्सलाम है |
सवाल: कयामत के दिन यह
भी पूछा जायेगा कि
अपनी
उंगलियों के नाम बताओ ?
जवाब: अपने हाथ की
छोटी उंगली से शुरू करें —
(1) आमीन
(2) अमानत
(3) जन्नत
(4) शहादत
(5) फ़र्ज
पाँच जगहों पर हंसना
पच्चीस गुनाहों के
बराबर है —
(1) कब्रस्तान में
(2) जनाजे के पीछे
(3) मजलिस में
(4) तिलावत-ए-कुरआन में
(5) मस्जिद में
अच्छी बातों को फैलाना
सदका जारिया है —
तीस लाख नेकिया लिख
दी जाती हैं कयामत के
दिन तो
इन्सान एक-एक नेकी के
लिए तरसेगा जब तक यह
मैसेज आगे बढ़ता
रहेगा लोग इसे पढ़ते रहेंगे
तो भेजने वालों को
सवाब दारैन हासिल
होता रहेगा |
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