Imdad Kun Imdad Kun Ya Ghaus E Azam Dastageer Naat Lyrics

Imdad Kun Imdad Kun Ya Ghaus E Azam Dastageer Naat Lyrics

 

 

IMDAD KUN IMDAD KUN YA GHAUS E AZAM DASTAGHEER NAAT LYRICS
Imdad kun Imdad kun, imdad kun
Azaranj wa gham azad kun,
Dar deeno dunya shaad kun …2
Ya Ghaus e Azam dastagheer …2
Imdad kun Imdad kun, imdad kun,

Tere haath mein haath maine diya hai …2
Teray haath hai laaj Ya Ghaus e Azam

Nikala hai pehlay to doobay huoon ko …2
Aur ab doobtoon ko bacha Ghaus e Azam

Bhawar mein phansa hai safina hamara …2
Bacha Ghaus e Azam, Bacha Ghaus e Azam

Kasam hai ke mushkil ko mushkil na paya …2
Kaha hum nay jis waqt Ya Ghaus e Azam

Mureedoon ko khatra nahin bahr e ghum say …2
Kay beray ke hain na khuda Ghaus e Azam

Kahein kis say jakar Hassan apne dil ki …2
Sunne koun teray siwa Ghaus e Azam

 

 

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ रंज-ओ-ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

असीरों के मुश्किल-कुशा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !
फ़क़ीरों के हाजत-रवा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

गिरा है बलाओं में बंदा तुम्हारा
मदद के लिए आओ, या ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

तेरे हाथ में हाथ मैं ने दिया है
तेरे हाथ है लाज, या ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

निकाला है पहले तो डूबे हुओं को
और अब डूबतों को बचा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

भँवर में फँसा है सफ़ीना हमारा
बचा, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! बचा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

क़सम है कि मुश्किल को मुश्किल न पाया
कहा हम ने जिस वक़्त या ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

मुरीदों को ख़तरा नहीं बहर-ए-ग़म से
कि बेड़े के हैं ना-ख़ुदा ग़ौस-ए-आ’ज़म

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

तुम्हीं दुख सुनो अपने आफ़त-ज़दों का
तुम्हीं दर्द की दो दवा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

मेरी मुश्किलों को भी आसान कीजे
कि हैं आप मुश्किल-कुशा, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

कहे किस से जा कर हसन अपने दिल की
सुने कौन तेरे सिवा, ग़ौस-ए-आज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी
चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

नज़र आए मुझ को न सूरत अलम की
न देखूँ कभी रू-ए-ग़म, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर !

शायर:
मौलाना हसन रज़ा ख़ान बरेलवी

ना’त-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी
राओ हस्सान अली असद
मुहम्मद हस्सान रज़ा क़ादरी
मदनी रज़ा अत्तारी

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