Khana Khane ka Sunnat Tarika

Khana Khane ka Sunnat Tarika

 

अल्लाह ता’अला ने दुनिया में बहुत सी चीज़े खाने और पिने को दिया है मगर क्या आपको मालूम है इस्लाम में Khana Khane ka Sunnat Tarika क्या है।

लेकिन आज मै आपको इस्लाम में Khana Khane ka Sunnat Tarika के बारे में बताऊंगा की खाना किस तरह खाया जाए और खाना खाने से पहले क्या पढ़ना चाहिए और खाने के बाद क्या पढ़ना चाहिए।

और अगर खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल गए तो क्या करे आज सभी के बारे में इस पोस्ट में बाते करेंगे तो चलिए शुरू करते है।

Khana Khane ki Sunnat Tarika
खाना अल्लाह ताला की बहुत लज़ीज़ नेअमत है। अगर खाना अहमद-ए- मुज्तबा की सुन्नतों के मुताबिक़ खाया जाये तो हमें पेट भरने के साथ साथ सवाब भी हासिल होगा। इस लिए हमें चाहिए कि सुन्नत के मुताबिक़ खाना खाने की आदत डालें।

जैसे हर चीज को करने का एक तरीक़ा होता है उसी तरह खाने का भी एक तरीक़ा है अगर हम उस तरीक़ा पर अमल ना करें तो डॉक्टरों के चक्कर लगाना पड़ता है।यानी पेट खराब, बदहज़मी, कब्ज वगैरह की शिकायत रहती है।

पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही तरीक़ा सबसे बेहतीन और काबिले फख्र है और वो तरीक़ा है हमारे प्यारे नबी जनाबे मेहतरम फख्र दो आलम मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का है।

खाना खाने से पहले दस्तरखान बिछाना –
खाना दस्तरखान पर ही खाना चाहिए क्योंकि एक तो हमारे नबी करीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है और दूसरी अगर khane का लुकमा गिरे तो दस्तरखान से उठा कर खा सके।

हाथ धोना –
खाना खाने से पहले और बाद में दोनों हाथ गिट्टों तक धोए, सिर्फ़ एक हाथ या सिर्फ़ उंग्लियां ही न धोए कि इस से सुन्नत अदा न होगी।

इस बात का ख़याल रखे कि खाने से पहले हाथ धो कर पोंछना नही चाहिये और खाने के बाद हाथ धो कर तौलिया या रूमाल से पोंछ लेना चाहिये ताकि खाने का असर बाकी़ न रहे।


डॉक्टरों का कहना है के, ज्यादा तो पेट दर्द की वजह खाने से पहले हाथ का ना धोना है। माशाल्लाह, ये सब हमारे नबी का तरीक़ा है अब बताइए अगर हम नबी की सुन्नतों पे चलते हैं तो कितनी बीमारियों से बच सकते हैं।

फर्श पर बैठ कर खाना –
अफसोस फर्श पर बैठ कर खाना खाने की सुन्नत खत्म होती जा रही है शादियों और पार्टियों में एक नया फितना बरपा है जिससे बफ (buff system) कहा जाता है आप सबसे से गुज़ारिश है बैठ कर खाने की सुन्नत को ज़िंदा करें।

खाना खाने से पहले दुआ पढ़े –
खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह पढना चाहिए और khana khane se pahle ki dua भी पढ़ सकते है।

खाना बैठ कर खाना –
खाते वक्त जो बैठेने का सुन्नती तरीक़ा है वो यह है कि बाया पैर(left leg) बिछा दें, और दाहिना पैर (Right leg) खड़ा रखें। खाते वक्त ज्यादा बातें ना करें, कुछ अहम मसले पर बात कर सकते है। पर ज्यादा दुनियादारी कि बातें नहीं करनी चाहिए।

खाने में ऐब नहीं निकलना चाहिए
खाने में कभी भी ऐब नहीं निकलना चाहिए मतलब खाने को ख़राब नहीं बोलना चाहिए। हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कभी खाने में आयेब नहीं निकालते थे, अगर पसंद होता तो खा लेते नहीं तो खामोश रहते।

हाथ से लुकमा गिर जाए तो उठाकर साफ़ करके खाएं –
हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की प्यारी सुन्नत है के अगर खाना दस्तरखान पे गिर जाता तो आप उठा कर खा लेते। आजकल हम शर्म की वजह से नीचे गिरा हुआ खाना नहीं खाते। अजिजों हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का तरीक़ा अहम है ना कि दूसरों के सामने शर्म के वजह से एक सुन्नत को तर्क करना।

बरतन और उंगलियों को चाटना
कुछ लोग बरतन और उंगलियों को चाटने को बहुत बुरी निगाहों से देखते हैं यह बहुत बुरी बात है यह सुन्नत है और किसी सुनन्त को बुरा जानना तो बहुत दूर की बात है बल्कि उसका हल्का जानना भी ईमान की कमज़ोरी का सबब है। खाने वाले भी इस बात का ख़्याल रखें के जहाँ यह अन्देशा हो कि ऐसे लोग मौजूद हैं जो इससे बुरी नज़र से देखेंगें तो वहाँ आख़िरी निवाले से प्लेट साफ़ कर ले ताकि लोग सुन्नत की तौहीन से बचें।

बरतन अपने चाटने वालों के लिए दुआ करता है कि ऐ अल्लाह जिस तरह इसने मुझे शैतान से बचाया है तू इसे जहन्नम से बचा ले। साईंस ने भी साबित कर दिया है कि विटामिन भारी होने की वजह से बरतन में नीचे बैठे होते है लिहाज़ा बरतन चाटने के फ़ायदे साईंस ने भी बताये।

खाना खाते वक़्त चुप रहना
खाना खाते में चुप रहना मजूसियों का तरीक़ा है बीच बीच में जाइज़ बातें करते रहना चाहिए।

खाने को फूँक कर खाना
कुछ लोग खाने में फूँक कर खाते हैं यह ग़लत है। खाने को थोड़ा ठंडा करके खाना चाहिए इसमें बरकत है लेकिन खाने या पीने की चीज़ों को फूँक कर खाना नहीं चाहिए। साईंस के ऐतबार से भी यह ग़लत है कि डाक्टर इसे मना करते हैं और जिगर व मेदे के लिए बहुत गर्म खाना नुक़सानदेह है।

खाना खाने के बाद की दुआ
अगर आप पूरी तरह से खाना खा ले और पानी पि ले और ये dua पढ़े:

खाना खाने के बारे में कुछ हदीस –
चलिए अब जानते है Khana Khane ka Tarika के बारे में कुछ हदीस जो निचे दिया गया है:

खाना खाने बैठो तो जूते उतार लो , इस में तुम्हारे लिए राहत है।

जिस खाने पर बिस्मिल्लाहन पढ़ी जाये इस खाने को शैतान अपने लिए हलाल समझता है ।

जो यह पसंद करे कि अल्लाह ताला उस के घर में बरकतज़्यादा करे तो उसे चाहिए कि जब खानाहाज़िरकिया  जाये तो वुज़ू करे और जब उठाया जाये तब भी वुज़ू करे। उलमा के मुताबिक इस हदीस शरीफ़ में वुज़ू से मुराद हाथ और मुँह की सफ़ाई करना है यानि हाथ धोना और कुल्ली करना।

जब तुम में से कोई खाना खाए तो उसे चाहिए कि पहले बिस्मिल्लाह पढ़े ।अगर शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल जाये तो यह कहे बिस्मिल्लाहि अव्वलुहू  वा आख़िरुहु।

जब तुम में से कोई खाना खाये तोसीधे हाथ से खाए और जब पिए तो सीधे हाथ से पिये कि शैतान उल्टे हाथ से खाता पीता है ।

हर शख़्स बर्तन के उसी जानिब से खाए जो उस के सामने हो।

इकठ्ठे होकर खाना खाओ और बिस्मिल्लाह पढ़ो तुम्हारे लिये इसमें बरकत होगी।

खाने को ठंडा कर लिया करो कि गरम खाने में बरकत नहीं।

जब दस्तरख़्वान चुना जाये तो कोई शख़्स दस्तरख़्वान से न उठे जब तक दस्तरख़्वान न उठा लिया जाये और खाने से हाथ न खींचे अगर्चे खाना खा चुका हो जब तक सब लोग फ़ारिग़ न हो जायें और अगर हाथ खींचना ही चाहता है तो मआज़रत पेश करे।

क्योंकि अगर बग़ैर मआज़रत किये हाथ रोक लेगा तो उसके साथ जो दूसरा शख़्स खा रहा है शर्मिन्दा होगा और वह भी हाथ रोक लेगा और शायद उसके खाने की हाजत अभी बाक़ी हो।

 

 

 

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