Khushbu Hai Do Aalam Mein Teri Naat Lyrics
Khushbu hai Do Aalam mein Teri Aye Gule Chida Lyrics
Khushbu hai Do Aalam mein Teri Aye Gule Chida
Kis Munh se bayan ho Tere Osaf-e-Hamida
(Jab Naat Padhi Meine to Hamsaye Hamare
Khushbu se Mahekta Mera Ghar dekhne aaye)
Khushbu hai Do Aalam mein Teri Aye Gule Chida
Kis Munh se bayan ho Tere Osaf-e-Hamida
Tujsa Koi aaya hai na Aayega Jahan mein
Deta hai Gawahi yehi Aalam ka Jardia
Khairat Mujhe Apni Mahobbat ki ata kar
Aaya hun Tere Dar pe Panamane Darida
Yun Door hun Taeeb mein Hareeme Nabwi se
Sehra mein hun Jis Tar hai koi Shakhe Burida
Khushbu hai Do Aalam mein Teri Aye Gule Chida
ख़ुशबू है दो-आलम में तेरी, ए गुल-ए-चीदा !
किस मुँह से बयाँ हों तेरे औसाफ़-ए-हमीदा !
सीरत है तेरी जौहर-ए-आईना-ए-तहज़ीब
रौशन तेरे जल्वों से जहान-ए-दिल-ओ-दीदा
तू रूह-ए-ज़मन, रंग-ए-चमन, अब्र-ए-बहाराँ
तू हुस्न-ए-सुख़न, शान-ए-अदब, जान-ए-क़सीदा
तुझ सा कोई आया है न आएगा जहाँ में
देता है गवाही यही आलम का जरीदा
मुज़्मर तेरी तक़लीद में आलम की भलाई
मेरा यही ईमाँ है, यही मेरा अक़ीदा
ए हादी-ए-बर-हक़ ! तेरी हर बात है सच्ची
दीदा से भी बढ़ कर है तेरे लब से शुनीदा
ए रहमत-ए-आलम ! तेरी यादों की बदौलत
किस दर्जा सुकूँ में है मेरा क़ल्ब-ए-तपीदा
है तालिब-ए-अल्ताफ़ मेरा हाल-ए-परेशाँ
मोहताज-ए-इनायत है मेरा रंग-ए-परीदा
ख़ैरात मुझे अपनी मोहब्बत की अता कर
आया हूँ तेरे दर पे ब-दामान-ए-दरीदा
यूँ दूर हूँ, ताइब ! मैं हरीम-ए-नबवी से
सहरा में हूँ जिस तरह कोई शाख़-ए-बुरीदा
शायर:
हफ़ीज़ ताइब
नात-ख़्वाँ:
सरवर हुसैन नक़्शबंदी – सय्यिद ज़बीब मसूद