Meeran Waliyon Ke Imam Lyrics

Meeran Waliyon Ke Imam Lyrics

 

 

Meeran Waliyon Ke Imam Lyrics

Meeran Waliyon Ke Imam Manqabat By Javeriya Abdul

मीरां वलियों के इमाम मनक़बत लिरिक्स हिन्दी में

 

 

Ya Ghous
Ya Ghous

Imdaad Kun Imdaad Kun
Aj Bande Gham Aazad Kun
Darey Deen-o-Duniya Shad Kun
Ya Ghous-e-Azam Dastgeer

Ya Ghous-e-Azam Dastgeer

 

Meeran Waliyon Ke Imam ×3
De Do Panjtan Ke Naam
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

Mere Meeran
Maine Jholi Hai Failaai Der se

Meeran Waliyon Ke Imam ×3

 

Daalo Nazre Karam Sarkar
Apne Mangton Par Ik Baar
Hamne Aas Hai Lagaai Badi Der Se

Mere Meeran
Hamne Aas Hai Lagaai Badi Der Se

Meeran Waliyon Ke Imam ×3

 

Tera Rutba Ala Na Kyon Ho Ke Moula
Tu Hai Ibne Ali Ghouse Aazam

Meera(n) Waliyon Ke Imam ×3
De Do Panjtan Ke Naam
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

Mere Meeran
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

 

Tum Jo Banao Baat Banegi
Dono Jahan Me Laaj Rahegi
Laaj Rahegi …

Lajpal Karam Ab Kar Do
Mangton Ki Jholi Bhar Do

Bhar Do Kaasa Panjtani Khair Se
Mere Meeran

Meera(n) Waliyon Ke Imam ×3
De Do Panjtan Ke Naam
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

Mere Meeran
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

 

Qadam Ghardan-e-Auliya Par Hai Tera
Tu Hai Rab Ka Aisa Wali Ghouse Aazam

Meera(n) Waliyon Ke Imam ×3
De Do Panjtan Ke Naam
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

Mere Meeran
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

 

Mushkil Jab Bhi Sar Par Aai
Teri Rahmat Aade Aai
Jab Maine Tumhe Pukara
Kaam Aaya Tera Sahara
Chalta Aasi Ka Guzara Teri Khair Se

Meera(n) Waliyon Ke Imam ×2
De Do Panjtan Ke Naam
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

Mere Meeran
Maine Jholi Hai Failaai Badi Der Se

 

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मीराँ ! वलियों के इमाम !

 

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से
डालो नज़र-ए-करम, सरकार !
अपने मँगतों पर इक बार
हम ने आस है लगाई बड़ी देर से

मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी
चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को
तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तेरा रुत्बा आ’ला न क्यूँ हो, कि मौला !
तू है इब्न-ए-मौला-‘अली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

क़दम गर्दन-ए-औलिया पर है तेरा
तू है रब का ऐसा वली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तुम जो बनाओ, बात बनेगी
दोनों जहाँ में लाज रहेगी
लजपाल ! करम अब कर दो
मँगतों की झोली भर दो
भर दो कासा सब का पंज-तनी ख़ैर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

कहा हम ने ‘या ग़ौस अग़िसनी’ तो दम में
हर आई मुसीबत टली, ग़ौस-ए-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

दिल की कली मेरी आज खिली है
आप आए हैं, ख़बर मिली है
ज़रा मेरे घर भी आओ
लिल्लाह ! करम फ़रमाओ
हम ने महफ़िल है सजाई बड़ी देर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

दिल की कली मेरी आज खिली है
आप आए हैं, ख़बर मिली है
ज़रा मेरे घर भी आओ
लिल्लाह ! करम फ़रमाओ
मैं ने कुटिया है सजाई बड़ी देर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

रोते रोते ‘उम्र गुज़ारी
कब आएगी अपनी बारी
ज़रा जल्वा मुझे दिखा दो
मेरे दिल की कली खिला दो
मैं ने बिपता है सुनाई बड़ी देर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

क़ल्ब-ओ-नज़र में नूर समाया
एक सुरूर सा ज़हन पे छाया
जब मीराँ लगे पिलाने
मेरे होश लगे ठिकाने
ऐसी पी है मैं ने मय दस्त-गीर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

मुश्किल जब भी सर पर आई
तेरी रहमत आड़े आई
जब मैं ने तुम्हें पुकारा
काम आया तेरा सहारा
चलता ‘आसी का गुज़ारा तेरी ख़ैर से

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

फ़िदा तुम पे हो जाए नूरी-ए-मुज़्तर
ये है इस की ख़्वाहिश-दिली, ग़ौसे-आ’ज़म !

मीराँ ! वलियों के इमाम !
दे दो पंज-तन के नाम
हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से

ना’त-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी
मुहम्मद मुबश्शिर हसन क़ादरी
जवेरिआ सलीम
मुहम्मद हस्सान रज़ा क़ादरी

 

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