Sad Shayari In Hindi
फिर वही दिल की गुज़ारिश फिर वही उनका ग़ुरूर, |
फिर वही उनकी शरारत फिर वही मेरा कुसूर। |
सैड शायरी इन हिंदी इमेजेस |
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का, |
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता। |
मेरे हाथों से मेरी तकदीर भी वो ले गया, |
आज अपनी आखिरी तस्वीर भी वो ले गया। |
न करना भरोसा इस दुनिया में किसी पर, |
मुझे तबाह करने वाला मेरा बड़ा अजीज़ था। |
तुम भी कर के देख लो मोहब्बत किसी से, |
जान जाओगे कि हम मुस्कुराना क्यों भूल गए। |
फर्क चेहरे की हँसी पर सिर्फ इतना सा पाते है, |
पहले आती थी अब लाते है। |
चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नहीं, |
मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी तकलीफ देती है। |
जिस क़दर उसकी क़दर की, |
उस क़दर बेक़दर हुये हम। |
मैंने तड़पकर कहा बहुत याद आते हो, |
तुम वो मुस्कुरा कर बोले तुम्हे और आता ही क्या है। |
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था, |
बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था। |
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता, |
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता। |
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में, |
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता। |
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गई, |
वफादारी की आदत थी हमें अब शायद वो भी छूट गई। |
क्या-क्या नहीं किया मैंने तेरी एक मुस्कान के लिए, |
फिर भी अकेला छोड़ दिया उस अनजान के लिए। |
जब मैं डूबा तो समुन्दर को भी हैरत हुयी, |
अजीब शख्स है किसी को पुकारता भी नहीं। |
मैं फिर से निकलूंगा तलाश ए-जिन्दगी में, |
दुआ करना दोस्तो इस बार किसी से इश्क ना हो। |
दिल अमीर था और मुकद्दर गरीब था, |
अच्छे थे हम मगर बुरा नसीब था। |
लाख कोशिश कर के भी कुछ ना कर सके हम, |
घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था। |
सादगी इतनी भी नहीं है अब बाकी मुझमें, |
कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं। |
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई |
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई। |
लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में, |
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई। |
मैंने कभी किसी को आज़माया नही, |
जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही। |
किसी को हमारी भी कमी महसूस हो, |
शायद खूदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं। |
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है, |
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है। |
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, |
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है। |
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ, |
मुझको तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है। |
औकात नहीं थी ज़माने में जो मेरी कीमत लगा सके, |
कम्बख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ्त में नीलाम हो गये। |
बाज़ी-ए-मुहब्बत में हमारी बदकिमारी तो देखो, |
चारों इक्के थे हाथ में, और इक बेग़म से हार गये। |
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने, |
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है। |
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो, |
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो। |
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी, |
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी। |
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है, |
तुम अगर भूल भी जाओ जो कौन सी नई बात होगी। |
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से, |
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से। |
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से, |
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से। |
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साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती, |
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती। |
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त, |
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती। |
फिर से एक उम्मीद पाल बैठी हूँ, |
फिर से तेरे पते पर चिट्टी डाल बैठी हूँ। |
उसने भी मेरे कत्ल की साजिश में कोई कसर न छोड़ी, |
जिसकी जिंदगी के वास्ते हर दरगाह पर जाकर दुआ की थी हमने। |
इश्क़ ना हुआ कोहरा हो जैसे, |
तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं। |
जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क़, |
और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़। |
उनसे कहना कि किस्मत पे इतना नाज़ ना करे, |
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखे है। |
नीलाम कुछ इस कदर हुए बाजार-ऐ-वफ़ा में हम आज , |
बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे। |
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते है , |
कि ज़ख्म ताज़ा रहे और निशा चले जाए। |
एक बार भी नहीं रोका उसने मुझे , |
शायद उसे मेरे चले जाने का इंतज़ार था। |
उमर का क्या है वो तो कट ही जाएँगी, |
तेरे बिन बस जो नहीं कटता वो वक़्त है मेरा। |
बस यूही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले, |
कब लौट के आते है छोड़ के जाने वाले। |
बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे, |
कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा। |
बड़ी उदासी सी है, ग़मों की प्यास सी है। |
दिल है तनहा मिलने की आस सी है। |
बड़ा अजीब होता है, जब कोई दूर होता है। |
रात भर जगाती है, उसकी यादें बहुत सताती हैं। |
दिल तुमसे दूर है, दुनिया के आगे मजबूर है, |
हर तरफ तो मायूसी छाई रहती है। |
तू ज़िंदगी से तो गयी, |
मगर यादों में आती आती रहती है। |
Sad Shayari In Hindi Attitude |
साथ तुम्हारा हरदम चाहते थे, |
तुम्हारा अहसास हर पल चाहते थे। |
तुम्हारी यादों के सहारे काट दी ज़िन्दगी हमने, |
तुम्हें कहानियों के ज़िक्र में अक्सर पाते हैं। |
काश तू साथ होता, |
मेरे दिल के पास होता। |
तुझे चाहते हैं बहुत, |
मेरा तू बहुत ख़ास होता। |
किस्से खास थे तुम्हारे, |
जब तुम पास थे हमारे। |
अब सिर्फ तुम्हारी यादें हैं, |
अब सिर्फ तुम्हारी बातें हैं। |
तस्वीर तुम्हारी दिल में बसाये हैं, |
हर वक़्त हर लम्हा तुम्हे चाहे हैं। |
आ जाओ फिर से ज़िन्दगी में मेरी, |
तुम्हारी मोहब्बत में सब कुछ छोड़ा। |
कुछ ना पाए हैं। |
उस मोड़ पे तूने छोड़ा मुझे जहाँ हमसफ़र तो कहीं मिले, |
पर तेरे जाने के बाद ज़िन्दगी का सफर हमने बदल दिया। |
तुझे पाने का कोई अहसास ही नहीं है, |
जैसे तू मेरे पास है पर पास है नहीं है। |
मुझे पता है तू बहुत प्यार करता है मुझसे, |
पर तुझ में दिल लगाने जैसी कोई बात नहीं है। |
जो तुम्हे चाहे उसको चाहो तो, |
प्यार खुद बा खुद हो जाता है। |
क्या सच में ऐसा होता है, |
या कोई बस कहानियां बनाया है। |
ज़िन्दगी एक गम है जिसमें प्यार है, |
जिसको मिला वो खुशनसीब है,, |
और जिसको नहीं मिला वो बेक़रार है। |
मोहब्बत कब कहाँ किसकी पूरी होती है, |
ये तो वादों में ही अधूरी होती है। |
जान ले लेती है आशिक़ की, |
तब जाकर लैला मजनू की जोड़ी मशहूर होती है। |
किस्से हमारे तुम्हारे मशहूर थे, |
जब तुम हमसे ना इतने दूर थे। |
तुम्हारी ख्वाहिशों के हिसाब से खुद को ढाला थे हमने, |
तुम्हे दुख ना हो इसलिए,, |
तुम्हारी हर ख़ुशी को सम्भाला था हमने। |
मेहँदी जब लगे उसमें नाम मेरा हो, |
तेरी हर कहानियों में जिक्र मेरा हो। |
तू याद करे जब तो, |
तेरे आंसुओं में नाम मेरा हो। |
तेरी यादें बहुत सताती हैं, |
तुम्हें हर रोज़ बुलाती हैं। |
रात का गहरा रिश्ता है तुमसे, |
ये तुम्हारी यादें भी साथ लाती हैं। |
आँसू आ जाते है रोने से पहले, |
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले। |
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है, |
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले। |
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने, |
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने। |
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला, |
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने। |
कोई किसी का खास नहीं होता, |
लोग तभी याद करते हैं। |
जब उसका टाइम पास नहीं होता। |
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, |
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है। |
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, |
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है। |
सितारो को रोशनी की क्या ज़रूरत, |
ये तो खुद को जला लेते हे। |
आशिक़ो को वफ़ा की क्या ज़रूरत, |
वो तो बेवफा को भी प्यार कर लेते हे। |
पल पल उसका साथ निभाते हम, |
एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम। |
समन्दर के बीच में फरेब किया उसने, |
कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम। |
मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की, |
तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा। |
मैं एक उलझा लम्हा हूँ, |
तू रूठा हुआ हालात मेरा। |
इश्क करना तो लगता है जैसे, |
मौत से भी बड़ी एक सजा है। |
क्या किसी से शिकायत करें हम, |
जब अपनी तकदीर ही बेवफा है। |
Sad Shayari In Hindi Lyrics |
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे, |
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे। |
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का, |
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे। |
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नहीं, |
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नहीं है। |
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया, |
मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं है। |
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं, |
मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं। |
दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं, |
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं। |
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने, |
उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने। |
मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको, |
बातों बातों में बात टाल दी उसने। |
तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत, |
हम अपने ग़म से कब ख़ाली। |
चलो बस हो चुका मिलना, |
न तुम ख़ाली न हम ख़ाली। |
कुछ उलझे सवालो से डरता है दिल, |
न जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हैं दिल। |
ना किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही, |
बस कुछ अपनों को खोने से डरता है ये दिल। |
घुट घुट कर जिते रहें कोई फरियाद ना करें, |
कहाँ से लाऊ वो दिल जो तुम्हे याद ना करे। |
काँच का तोहफा ना देना कभी, |
रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं। |
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना, |
अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है। |
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली, |
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली। |
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा, |
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली। |
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा, |
तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा। |
तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशियाँ, |
दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा। |
कोई खुशियों की चाह में रोया, |
कोई दुखों की पनाह में रोया। |
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का, |
कोई भरोसे के लिए रोया,, |
कोई भरोसा करके रोया। |
जिनकी आँखे आँसू से नम नहीं क्या, |
समझते हो उसे कोई गम नहीं। |
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, |
गम छुपा के हंसने वाले भी इस दुनिया मे कम नहीं। |
अब ओर आँसुओं को आँखों में लाना नही है, |
अपने मासूम दिल को दुखाना नही है। |
अगर तकलीफ देने लगा है तुम्हे रिश्ता हमारा, |
तो इस रिश्ते को ओर निभाना नही है। |
वक्त ने हमको चुप रहना सिखा दिया, |
और हालातों ने सब कुछ सहना सिखा दिया। |
अब किसी की आस नहीं ज़िन्दगी में, |
इन तन्हाइयों ने हमे अकेले रहना सिखा दिया। |
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गए, |
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गए। |
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, |
वो जो साथ चलने वाले,, |
रास्तो पर मुझे अकेला छोड़ गए। |
Sad Shayari In Hindi 1 Line |
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई हैं, |
खामोशियो की आदत हो गई हैं, |
न सीकवा रहा न शिकायत रहा किसी से, |
अगर है तो एक मोहब्बत,, |
जो अब इन तन्हाइयों से हो गई हैं। |
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है, |
मेरा दिल तोड़कर मुझे हँसाना चाहता है। |
जाने क्या बात है मेरे इस चेहरे से, |
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है। |
हर बात में आँसू बहाया नही करते, |
हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते। |
ये नमक का शहर है, |
इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नही करते। |
ना साथ है किसी का ना सहारा है कोई, |
ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई। |
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, |
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला। |
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, |
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला। |
मैं दिन हूं मेरी ज़बीं पर दुखों का सूरज है, |
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं। |
“बशीर बद्र” |
ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस, |
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है। |
“जाँ निसार अख़्तर” |
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए, |
जिसको रोते हुए देखा न किसी ने। |
“वकील अख़्तर” |
मैं तो बस ज़िंदगी से डरता हूं, |
मौत तो एक बार मारेगी। |
“अज्ञात” |
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया, |
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया। |
“शकील बदायुनी” |
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त, |
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया। |
“साहिर लुधियानवी” |
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं, |
दिल हमेशा उदास रहता है। |
“बशीर बद्र” |
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब, |
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं। |
“साहिर लुधियानवी” |
उस ने पूछा था क्या हाल है, |
और मैं सोचता रह गया। |
“अजमल सिराज” |
हमारे घर की दीवारों पे नासिर, |
उदासी बाल खोले सो रही है। |
“नासिर काज़मी” |
Sad Shayari In Hindi Boy |
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास, |
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं। |
“फ़िराक़ गोरखपुरी” |
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है, |
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है। |
“क़ैसर-उल जाफ़री” |
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास, |
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए। |
“ख़ुमार बाराबंकवी” |
उठते नहीं हैं अब तो दुआ के लिए भी हाथ, |
किस दर्जा ना-उमीद हैं परवरदिगार से। |
“अख़्तर शीरानी” |
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं, |
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत। |
“महमूद शाम” |
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे शफ़क़, |
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे। |
“फ़ारूक़ शफ़क़” |
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया, |
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया। |
“परवीन शाकिर” |
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, |
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो। |
“कैफ़ी आज़मी” |
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं, |
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं। |
“फ़ैज़ अहमद फ़ैज़” |
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ, |
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ। |
“राजेन्द्र कृष्ण” |
जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना, |
बहुत तङपाते है अक्सर सीने से लगाने वाले। |
अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों, |
न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो शायर। |
ये मेरी महोब्बत और उसकी नफरत का मामला है, |
ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर। |
ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे, |
ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती। |
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर, |
जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर। |
Sad Shayari In Hindi For Instagram Caption |
उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग जो, |
किसी बेपरवाह से बे-पनाह मोहब्बत करते हैं। |
मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज, |
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी। |
लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे, |
हंस के कह देता हूँ रात सो ना सका। |
लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँ, |
रात रोने की हसरत थी रो ना सका। |
बिन बात के ही रूठने की आदत है, |
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है। |
आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ, |
मुझे तो टूटने की आदत है। |
इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब, |
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल। |
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते, |
सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना। |
चाहा था मुक्कमल हो मेरे गम की कहानी, |
मैं लिख ना सका कुछ भी तेरे नाम से आगे। |
तुम तो डर गये हमारी एक ही कसम से, |
हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लूटा है। |
महफिल लगी थी बद-दुआओं की, हमने भी दिल से कहा, |
उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो। |
अगर नींद आ जाये तो, सो भी लिया करो, |
रातों को जागने से, मोहब्बत लौटा नहीं करती। |
कुछ हार गई तकदीर कुछ टूट गये सपने, |
कुछ गैरों ने किया बरबाद कुछ भूल गये अपने। |
ऐ खुदा लोग बनाने थे पत्थर के अगर, |
तो मेरे एहसास को शीशे सा न बनाया होता। |
ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर, |
तू एक शख्स को मेरा ना कर सकी। |
कितना अजीब है लोगों का अंदाज़-ए-मोहब्बत, |
रोज़ एक नया ज़ख्म देकर कहते हैं अपना ख्याल रखना। |
खबर मरने की जन आये, तो यह न समझना हम दगाबाज थे, |
किस्मत ने गम इतने दिए, बस ज़रा से परेशान थे। |
बहुत देर कर दी तूने मेरी धडकनें महसूस करने में, |
वो दिल नीलाम हो गया, जिसपर कभी हकुमत तेरी थी। |
हमने तुम्हें उस दिन से और भी ज़्यादा चाहा है, |
जबसे मालूम हुआ तुम हमारे होना नही चाहते। |
कांच के दिल थे जिनके उनके दिल टूट गए, |
हमारा दिल था मोम का पिघलता ही चला गया। |
मुद्दत के बाद आज उसे देख कर मुनीर, |
इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया। |
छुप के तेरी तस्वीरें देखता हूँ, बेशक तू ख़ूबसूरत आज भी है, |
पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं, जो मैं लाया करता था। |
Sad Shayari In Hindi Zindagi |
टूटा दिल और धड़कन को एहसास ना हुआ, |
पास होकर भी वो दिल के पास न रहा। |
जब दूर थी तो,जान थी मेरी, |
आज जब हम क़रीब आये तो वो एहसास ना रहा। |
मेरी आँखों को सुर्ख़ देख कर कहते हैं लोग, |
लगता है तेरा प्यार तुझे आज़माता बहुत है। |
न करवटे थी न बेचैनियाँ थी, |
क्या गजब की नीँद थी मोहब्बत से पहले। |
बहुत अंदर तक बसा था वो शख़्स मेरे, |
उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए। |
मेरे बिना क्या अपने आप को सँवार लोगे तुम, |
इश्क़ हूँ कोई ज़ेवर नहीं जो उतार दोगे तुम। |
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर, |
तुझ पर ज़रा भी जोर होता मेरा। |
ना रोते हम यूँ तेरे लिए अगर, |
हमारी जिंदगी में तेरे सिवा कोई ओर होता। |
शिकायतों की पूरी किताब तुम्हें सुनानी है, |
फुर्सत में अगली जिंदगी सिर्फ मेरे लिए लेकर आना। |
बात करने को तरसा हूं, |
आवाज़ सुनने को तरसोगी। |
ये इश्क मोहब्बत की, रिवायतें भी अजीब है, |
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते। |
फायदा बहुत गिरी हुई चीज है, |
लोग उठाते ही रहते हैं। |
काश ये सिलसिला हो जाए, |
मैं मिट जाऊं या फासला घट जाए। |
तू पास नहीं तो क्या हुआ, |
मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी करते है। |
तड़प के देखो किसी की चाहत में, |
तो पता चले कि इंतजार क्या होता है। |
यूं ही मिल जाए अगर कोई बिना तड़पे, |
तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता है। |
कुछ तो सोचा होगा कायनात ने तेरे-मेरे रिश्ते पर, |
वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुझसे ही बात क्यों होती। |
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें, |
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर। |
Sad Shayari In Hindi Attitude Boy |
बुला रहा है कौन मुझको उस तरफ, |
मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है। |
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल, |
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी। |
दिल को बुझाने का बहाना कोई दरकार तो था, |
दुःख तो ये है तेरे दामन ने हवायें दी हैं। |
वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं, |
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता। |
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी, |
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी। |
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ, |
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए। |
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे, |
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे। |
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा, |
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे। |
काश वो समझते इस दिल की तड़प को, |
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता। |
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें, |
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता। |
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो, |
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो। |
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर, |
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं। |
प्यार ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाने के लिए है, |
पर ज़िन्दगी बस दर्द बढाने के लिए है। |
मेरे अंदर की उदासी काश कोई पढ़ ले, |
ये हँसता हुआ चेहरा तो दुनिया के लिए है। |
बस ये जुस्तजू थी, ऐसा भी कुछ हुआ होता, |
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता। |
मैं लौट आता तेरे पास एक पल में, |
तेरे होंठो ने मेरा नाम तो पुकारा होता। |
दिल की धड़कनो को एक लम्हा सब्र नहीं, |
शायद उसको अब मेरी ज़रा भी कदर नहीं। |
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो, |
अब सफर तो हैं मगर वो हमसफ़र नहीं। |
ए रब अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गयी हो, |
तो मेरा लहू लेले, यूँ कहानिया अधूरी न लिखा कर। |
बेचैनियां बाजार में, नहीं मिला करती यारों, |
बाँटने वाला, कोई बहुत नज़दीकी होता है। |
Sad Shayari In Hindi For Facebook |
तुम भी जान जाओगे इश्क का अंजाम ऐ दोस्त, |
मौत किस्तो मे जब आती है तो बहुत दर्द होता है। |
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों मे ना आया करे, |
रोज आँख खुलती हे और दिल टूट जाता है। |
तुम्हारे बाद मेरा कौन बनेगा हमदर्द, |
मैंने अपने भी खो दिए तुम्हे पाने की जिद में। |
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश कि, |
इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये। |
इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी है, |
तुम बिछड गए हम बिख़र गए। |
तुम मिले नहीं और, |
हम किसी और के हुए नही। |
शिकायत है उन्हें कि, |
हमें मोहब्बत करना नही आता। |
शिकवा तो इस दिल को भी है, |
पर इसे शिकायत करना नहीं आता। |
तुमको छुपा रखा है इन पलकों मे, |
पर इनको ये बताना नहीं आया। |
सोते हुए भीग जाती हैं पलके मेरी, |
अब तक दर्द छुपाना नहीं आया। |
अब तुझसे शिकायत करना, |
मेरे हक मे नहीं। |
क्योंकि तू आरजू मेरी थी, |
पर अमानत शायद किसी और की। |
अजीब है महोब्बत का खेल जा मुझे नही खेलना, |
रूठ कोई और जाता है टूट कोई और जाता है। |
हर तन्हा रात में एक नाम याद आता है, |
कभी सुबह कभी शाम याद आता है। |
जब सोचते हैं कर लें दोबारा मोहब्बत, |
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है। |
देख लेते हो मोहब्बत से यही काफी है, |
दिल धड़कता है सहूलियत से यही काफी है। |
हाल दुनिया के सताए हुए कुछ लोगों का, |
जो पूछ लेते हो शरारत से यही काफी है। |
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद, |
जैसे कोई हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद। |
मैं पूछता ही रहा उससे खताएं अपनी, |
वो बहुत रोई थी मेरे सवालों के बाद। |
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े, |
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है। |
बिछड़ के मुझसे तुम अपनी कशिश न खो देना, |
उदास रहने से चेहरा खराब होता है। |
मुझे ये डर है तेरी आरजू न मिट जाये, |
बहुत दिनों से तबियत मेरी उदास नहीं। |
Gulzar Sad Shayari In Hindi |
जो हो सके तो चले आओ आज मेरी तरफ़, |
मिले भी देर हो गई और जी भी उदास है। |
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे, |
लगता है तू भूल रहा है मुझे धीर-धीरे। |
उसे गैरों से बात करते देखा तो थोड़ी तकलीफ हुई, |
फिर याद आया हम कौन सा उसके अपने थे। |
बहाना क्यों बनाते हो नाराज होने का, |
कह क्यों नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए। |
बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा, |
फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे। |
मेरे हर दर्द की दवा हो तुम, |
तुम मेरी खुशी का कारण हो। |
मुझे बताओ तुम कौन हो, |
केवल यह शरीर मेरा है, इसमें तुम आत्मा हो। |
भला हथों की लकीरे भी मिटती है, |
कितना पागल है मेरा नाम मिटा ने वाला,, |
ऐ दिल थोडी हिम्मत रख दोनो मिल कर भूला। |
मैं आगर तूत भी जाऊं तो आइना हूं, |
तुम मेरे बाद भी हर रोज सांवरते रेहना। |
बेहिसाब मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं, |
चैहे तो मेरी सोच की तालाशी ले लो। |
मंजिलों के गम में रोने से मंजिले नहीं मिल्ति, |
होसले भी तूत जाते हैं अक्सार उदास रेहने से। |
उलझी हुयी निगाहोन से मुजे देखता रहा, |
आयने में खादा शख्श परेशन था बोहत। |
उससे कहो के मेरी मोहब्बत को है तराह ना आजमये, |
के उस्की आँखे हाय तरास जायं मुजे देख के लिए। |
Sad Shayari In Hindi For Girlfriend Attitude |
मुझे पता है, जब मैं नहीं होता, |
तो तुम क्यों रोते हो मुझे याद करो। |
दोस्ती मुस्कुरानी चाहिए,दोस्ती रोना चाहिए, |
हर लम्हा खुल के जियो,, |
एक बिंदु पर उसे बहस करनी चाहिए, |
लेकिन इसे कभी नहीं बदलना चाहिए। |
क्या आप जानते हैं कि मैंने क्या गलत किया? |
रोज तुमसे बात करना तुम्हे आदत बना लिया। |
वो नज़र जो देखती है मेरे दिल को मार देती है, |
तेज धार ने उसे मारा, मेरे होंठ। |
प्यार के इस प्यार भरे दिल में आज अचानक धड़क रहा है? |
आंखें भर गईं? पानी और फिर? |
रेम आपको याद करता है। |
मुझे बहुत ज्यादा सपने देखना मत छोड़ो। |
कभी मत तोड़ो |
दिलासे पे कहाँ तक जी सकोगे, |
दिलासा झूठ का इक रूप है बस। |
जिसे तुम सच्चे दिल से प्यार करो उसे, |
कभी मत आज़माना,, |
क्यों की अगर वह गुनहगार भी हुआ तो। |
दिल सोचता है कि कोई तो आए और चुपके से, |
आकर चौका कर दूर कर दे इस अकेलेपन को। |
फिर दिल करता है कुछ वक्त अकेले बिताने के, |
इंसान जब भी अकेला होता है वह खुद के साथ होता है। |
पता है इंसान अकेले रहने से क्यों डरता है, |
क्योंकि जब वह अकेला होता है,, |
उसे खुद का सामना करना पड़ता है। |
जो वह कभी दुनिया को जो भी भीड़ में होता है, |
तू अपना असली चेहरा भूल जाता है। |
जब वह अकेला होता है तो, |
उसका असली चेहरा उसके सामने होता है। |
Sad Shayari |
और उसकी हुई हर गलती हर गुनाह याद दिला कर उसे डरा रहता है, |
तो निया में दुनिया में सबसे ज्यादा खुद से डरता है। |
और यही एक वजह है कि इंसान दुनिया में अकेले तो आता है, |
पर जीने के लिए एक साथी की तलाश में रहता है ऐसा साथी तू हमेशा उसका निभाए। |
पानी में तैरना सिख लीजिए मेरे दोस्तों, |
आंखों में डूबने का अंजाम बुरा होता है। |
ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग,थी सारी |
बात लकीरों की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग। |
दिल के दर्द को दिल में ही दबा के रखा है, |
आघर बयां कर देते तो सजा पाओगे। |
जरा सोच समझ कर रखना, |
इश्क अच्छे-अच्छे को यहां बेवफा पाओगे। |
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना, |
वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके। |
पतझड़ लो भी तू फुर्शत से देखा कर ऐ दिल, |
हर गिरता पत्ता भी तेरी ही तरह टुटा हुआ है। |
लिखना था कि खुश है तेरे बगैर भी यहाँ हम, |
मगर कमबख्त आँसू है कि कलम से पहले ही चल दिये। |
कितना प्यार करते हैं हम उनसे, |
काश उनको भी यह एहसास हो जाए,, |
मगर ऐसा न हो के होश में तब आये, जब हम गहरी। |
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, |
जिसका रास्ता बहुत खराब है। |
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, |
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है। |
सैड शायरी हिंदी |
इस दौरेसियासत का इतना सा फ़साना है, |
बस्ती भी जलानी है मातम भी मनाना है। |
रात आ कर गुज़र भी जाती है, |
इक हमारी सहर नहीं होती। |
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है, |
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है। |
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर लगता है, |
कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है। |
उनसे की हुई एक दो मुलाकातें, |
हम भूल पाएंगे ना उम्र भर। |
जब दिल को दर्द होगा, |
लबों पे खुद व खुद आ जायेगा उनका जिकर। |
जिंदगी में हर बार सहारा नहीं मिलता, |
कोई प्यार से प्यारा नहीं मिलता। |
जो पास हे उसे संभाल के रखो, |
क्यों की अगर एक बार वह खो जाए। |
तो वो फिर दोबारा नहीं मिलता। |
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है, |
जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे नींद से नफरत हो जायगी। |
माना की तेरे प्यार का मैं मालिक नहीं, |
पर किरायेदार का भी कुछ हक तो बनता है। |
दुख इस बात का नहीं, कि तुम मेरी ना हुई, |
दुख इस बात का है, तुम यादों से ना गयी। |
तेरे बदलने का दुःख नहीं है मुझको, |
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं। |
कितना पागल है ये दिल कैसे समझाऊँ इसे, |
कि जिसे तू खोना नही चाहता है,, |
वो तेरा होना नही चाहता है। |
Sad Shayari Hindi |
तू किसी और को मयस्सर है, |
इससे बढ़कर सजा क्या होगी। |
वक़्त से पहले बहोत हादसों से लड़ा हूँ, |
मै अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ। |
कितने दुख देते हो, |
थक तो नहीं जाते। |
तेरे बाद मैंने मोहब्बत को, |
जब भी लिखा गुनाह लिखा। |
चेहरों को बेनक़ाब करने में, |
ए बुरे वक़्त तेरा हज़ार बार शुक्रिया। |
बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें, |
सो जाऊं तो जगा देती हैं,, |
जग जाऊं तो रुला देती हैं। |
मुझे मुर्दा समझकर रोले, |
अब अगर मै ज़िंदह हूँ,, |
तो तेरे लिए नहीं हूँ। |
लगता है इस बादल का भी दिल टूटा है, |
बोलता कुछ भी नहीं बस रोये जा रहा है। |
काश चाहने वाले, |
हमेशा चाहने वाले ही रहते। |
पर लोग अक्सर बदल जाते है, |
मोहब्बत हो जाने के बाद। |
क्या करोगे अब मेरे पास आकर, |
खो दिया तुमने बार बार आज़मा कर। |
sad shayari 2023 |
इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ, |
हम तो पूरे बर्बाद हुए। |
अल्फ़ाज़ सिर्फ चुभते हैं, |
खामोशियां मार देते हैं। |
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, |
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं। |
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे, |
इक शहर अब इनका भी होना चाहिए। |
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते, |
पर वो तारा नहीं टूटता, जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ। |
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की, |
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी। |
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे, |
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ। |
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ, |
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है। |
तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, |
हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा। |
क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो, |
कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो। |
सैड शायरी |
किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती, |
लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता। |
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे, |
खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया। |
वो छोड़ के गए हमें, |
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी। |
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं, |
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी। |
ना वो सपना देखो जो टूट जाये, |
ना वो हाथ थामो जो छुट जाये। |
मत आने दो किसी को करीब इतना, |
कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये। |
बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में, |
कभी बादलो से तो कभी आँखों से। |
वो रो रो कर कहती रही, |
मुझे नफरत है तुमसे। |
मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, |
की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों। |
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें, |
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें। |
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी, |
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं। |
काश एक दिन ऐसा भी आए, |
वक़्त का पल पल थम जाए। |
सामने बस तुम ही रहो, |
और उमर गुज़र जाए। |
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो, |
वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो। |
कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको, |
क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो। |
दुख का समा मुझे घेर लेता है, |
जब तेरी याद में ये पल भर के लिए होता है। |
ना जाने कब वो दिन आएगा, |
जब हर पल इस ज़िन्दगी का तेरे साथ गुजर जाएगा। |
shayari sad |
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही, |
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही। |
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है, |
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही। |
जान से ज्यादा प्यार उन्हें किया करते थे, |
याद उन्हें दिन रात किया करते थे। |
अब उन राहों से गुज़रा नहीं जाता, |
जहाँ बैठकर उनका इंतजार किया करते थे। |
दर्द को दर्द अब होने लगा है, |
दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है। |
अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा, |
क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है। |
प्यार किया तुझको दिलोजान से, |
इस दिल में तुमको इस कदर बसा लिया। |
भुला ना पाया है ये दिल तुझको आज तक, |
लेकिन तुमने तो इसे दुख के आंसू रुला दिया। |
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे, |
आँखों से मोती निकलते रहेगे। |
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो, |
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे। |
किसी की चाहत पे ज़िंदा रहने वाले हम ना थे, |
किसी पर मर मिटने वाले हम ना थे। |
आदत सी पड़ गयी, तुम्हे याद करने की, |
वरना किसी को याद करने वाले हम ना थे। |
सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना, |
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना। |
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता, |
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना। |
आती है तेरी याद अंधेरे की तरह, |
उदास करती है मुझे गम की तरह। |
मुझे तो अब बस उस दिन का इंतजार है, |
जब तू आएगी मेरी ज़िन्दगी में सवेरे की तरह। |
प्यार में मौत से डरता कोन है, |
प्यार हो जाता है करता कोन है। |
आप जैसे यार पर हम तो क्या सारी दुनियां फिदा है, |
लेकिन हमारी तरह आप पर मरता कौन है। |
माना कि तू नहीं है मेरे सामने, |
पर तू मेरे दिल में बसता हैं। |
मेरे हर दुख में मेरे साथ होता है, |
और हर सुख में मेरे साथ हसता है। |
hindi sad shayari |
चेहरे पर हँसी छा जाती है, |
आँखों में सुरूर आ जाता है। |
जब तुम मुझे अपना कहते हो, |
अपने आप पर ग़ुरूर आ जाता है। |
दुख भरी मेरी ज़िन्दगी को उसने, |
खुशियों से भरी जन्नत बना दिया। |
खुदा ने सुनी मेरी ऐसी पुकार, |
मेरे दोस्त को मेरी मांगी हुई मन्नत बना दिया। |
उदास नज़रो में ख़्वाब मिलेंगे, |
कभी काटे तो कभी गुलाब मिलेंगे। |
मेरे दिल की किताब को मेरी नज़रो से पढ़ कर तो देखो, |
कही आपकी यादे तो कही आप मिलेंगे। |
जानने की कोशिश की थी तुमको, |
तुमने कभी मुझ पर ध्यान ना दिया। |
गैरों पर तुम्हे गहरा विश्वास था, |
जिसने अपना समझा उस पर विश्वास ना किया। |
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे, |
कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे। |
हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा, |
मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पागल ना होगा। |
हाथो की लकीरे देख कर ही रो देता है अब तो ये दिल, |
इसमें सब कुछ तो है पर एक तेरा नाम ही नही। |
ना समझो कि हम आपको भुला सकेंगे, |
आप नही जानते की दिल मे छुपा कर रखेंगे। |
देख ना ले आपको कोई हमारी आँखों मे दूर से, |
इसलिए हम पलके झुका के रहेंगे। |
बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में, |
इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं। |
अगर याद करना फितरत है आपकी, |
तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं। |
दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है, |
रह रह कर इसमें चुभता कौन है। |
एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना, |
देखते है इस बार पहले टूटता कौन है। |
पत्ते गिर सकते है पर पेड़ नहीं, |
सूरज दुब सकता है पर आसमान नहीं। |
धरती सुख सकती है पर सागर नहीं, |
तुम्हे दुनिया भूल सकती है पर हम नहीं। |
hindi shayari sad |
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा, |
मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा। |
ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में, |
बस किनारे पर बैठा पत्थर फेंकता रहा। |
पाया तुम्हे तो सपने सच लगने लगे, |
तुम अज़नबी आज अपने लगने लगे। |
होता नहीं यकीं खुद की किस्मत पर, |
तुम मेरी धड़कन मे बसने लगे। |
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है, |
बंद आँखों से सोने का मज़ा कुछ और है। |
आँसू बने लफ़ज़ और लफ़ज़ बनी जुबा, |
इस ग़ज़ल में किसी के होने का मज़ा कुछ और है। |
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा, |
ये मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा। |
अभी जिन्दा हु तो बात कर लिया करो, |
क्याब पता कब हम से खुदा रूठ जायेगा। |
कभी रूठ ना जाना मुझे मनाना नहीं आता, |
कभी दूर ना जाना मुझे पास बुलाना नहीं आता। |
अगर तुम भूल जाओ तो वो तुम्हारी मर्जी, |
हमें तो भूल जाना भी नहीं आता। |
हज़ारो बातें मिल कर एक राज़ बनता है, |
सात सुरों के मिलने से साज़ बनता है। |
आशिक़ के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता, |
और हसीनाओ के मरने पर ताज़ बनता है। |
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें, |
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें। |
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा, |
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें। |
दिन हुआ है, तो रात भी होगी, |
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी। |
वो प्यार है ही इतना प्यारा, |
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी। |
होले होले कोई याद आया करता है, |
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है। |
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं, |
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है। |
सच जान लो अलग होने से पहले, |
सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले। |
सोच लेना मुझे भुलने से पहले, |
रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले। |
sad shayari in hindi 2023 |
सांस लेने से तेरी याद आती है, |
सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है। |
कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै, |
ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है। |
जिंदगी तो कट ही जाती है, |
बस यही एक जिंदगी भर,, |
गम रहेगा की हम उसे ना पा सके। |
तेरे जाने के गम में रो कर रात गुजरती है, |
आखिर क्यों तूने मुझे धोखा दिया, |
तेरे बिना जिंदगी अब अधूरी सी लगती है, |
किस लिए तूने मुझे अकेला छोड़ दिया। |
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं, |
आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं। |
झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं, |
और सच कहूँ, तो आपकी यादो के सिवा कुछ भी नहीं। |
उन्हें चाहना मेरी कमज़ोरी हैं, |
उनसे कह नहीं पाना मेरी मज़बूरी हैं। |
वो क्यों नहीं समझते मेरी खामोशी, |
क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी हैं। |
मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना, |
क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में। |
अब तो मेरे दुश्मन भी मुझे ये कह कर अकेला छोड़ गये, |
की जा तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए। |
मोहब्बत कभी झूठी नही होती है, |
झूठे तो कसमे, वादे और लोग होते हैं। |
याद बन कर मुझे सताओ ना तुम इस तरह, |
तेरी याद में मेरा रो रो कर बुरा हाल है। |
बस एक बार मेरी ज़िन्दगी में वापस आ जाओ, |
मेरे दिल में बस अब तेरा ही ख्याल है। |
हमारे अकेले रहने की एक वजह ये भी है, |
की हमे झूठे लोगो से रिश्ता तोड़ने में,, |
ज़रा भी डर नही लगता है। |
बहुत ही सैड शायरी हिंदी |
इश्क़ ऐसा था कि उनको बता ना सके, |
चोट थी दिल पे जो दिखा ना सके। |
नहीं चाहते थे हम उनसे दूर होना, |
लेकिन दूरी इतनी थी कि हम मिटा ना सके। |
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये, |
क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत। |
अकेला छोड़ कर मुझे तुम तनहा कर गए, |
अधूरा सा मेरा हर लम्हा कर गए। |
प्यार क्यों किया मुझसे अगर निभाना ना था, |
बस जिंदा है अब ये शरीर,मेरे जज्बात मर गए। |
ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है, |
जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है। |
अब तेरा नाम ही काफी है, |
मेरा दिल दुखाने के लिए। |
वो दर्द दे गए सितम भी दे गए, |
ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए। |
ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का, |
हमे कभी न रोने की कसम दे गए। |
कहाँ कोई मिला ऐसा जिसपे दिल लुटा देते, |
हर एक ने धोखा दिया किस किसको भुला देते। |
अपने दर्द को दिल ही में दवाये रखा, |
करते बयां तो महफ़िलों को रुला देते। |
इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है, |
ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है। |
न सीरत नज़र आती है, |
न सूरत नज़र आती है। |
यहाँ हर इंसान को बस, |
अपनी ज़रूरत नज़र आती है। |
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे, |
जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे। |
मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा, |
शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे। |
sad shayri |
गुजरता वक़्त हमें एहसास दिला देता है, |
जिसे चाहते हैं हम वो ही दिल दुखा देता है। |
वक़्त मरहम लगा देता है जिन जख्मो पर, |
कोई अपना उस दर्द को फिर से जागा देता है। |
पूछा था हाल उन्होंने मेरा, |
बड़ी मुद्दतों के बाद। |
कुछ गिर गया है आँख में, |
कह कर हम रो पड़े। |
हमने कब माँगा है, |
अपनी वफाओं का सिला। |
बस दर्द देते रहा करो, |
मोहब्बत बढ़ती जाएगी। |
बरसो गुजर गए रोकर नहीं देखा, |
आँखों में नींद थी सोकर नहीं देखा। |
आखिर वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का, |
जिसने किसी को कभी खोकर नहीं देखा। |
खुदा करे कोई इश्क़ का शिकार ना हो, |
जुदा अपने प्यार से कोई प्यार ना हो। |
मैं उसके बिना ज़िंदगी गुज़ार दूँ, |
बेशर्ते उसको किसी से प्यार ना हो। |
अब शिकवा करें भी तो करें किससे, |
क्योंकि ये दर्द भी मेरा,, |
और दर्द देने वाला भी मेरा। |
किसी की याद दिल में आज भी है, |
वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी है। |
हम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं मगर, |
अकेले में आंसू बहते आज भी हैं। |
तेरा हर अंदाज़ अच्छा था, |
लेकिन नज़रंदाज़ करे के सिवा। |
कहता था तू ना मिला मुझे, तो मैं मर जाऊंगा, |
वो आज भी जिंदा है यही बात, किसी और से कहने के लिए। |
अब तो इस राह से वो शख़्स गुजरता भी नहीं, |
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई। |
shayari in hindi sad |
क्या बेमिसाल प्यार था, मेरे यार का, |
वादे किए मुझसे, निभाए किसी और के साथ। |
परेशां हैं वो Ishq कर के, |
वफ़ा निभाने की नौबत जो आ गई है। |
तुम्हारी फिक्र करने के लिए रिश्ता होना जरुरी तो नहीं, |
एहसास की ही तो बात है तुम्हारी इजाजत भी जरुरी नहीं। |
लिखते हैं सदा उन्ही के लिए, |
जिन्होंने हमे कभी पढा ही नही। |
तुम मूड में नहीं थे तो क्यू बनाया मुझे रब, |
मिट्टी दुबारा गुथो और फिर से बनाओ मुझे। |
भूख घूम रही है शहर की हर सड़क पर, |
लाल टीशर्ट ज़ोमेटो की पहन कर। |
लोग बाज़ार मे आके बिक भी गये, |
मेरी क़ीमत लगी की लगी रह गयी। |
वो जो कहते थे हम आपसे ही बात करते हैं, |
वो ना जाने अब कितनों से बात करते हैं। |
अब मै थक गयी हूं, |
हवा से कह दो बुझा दे मुझे। |
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, |
इससे अच्छा तो खुल कर रो लिए होते। |
sad hindi shayari |
मिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गई, |
बादल तो घर आये थे, बस बरसात रह गई। |
ये किस मकाम पर जिंदगी मुझको लेके आ गयीं, |
ना बस खुशी पे है जहाँ, ना गम पे इख़्तियार हैं। |
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे, |
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गयी हूँ। |
हर गम निभा रही हूँ खुशी के साथ, |
फिर भी आँसू आ ही जाते हैं हँसी के साथ। |
तन्हाई हो लेती है साथ मेरे, |
साये से जुदा होते ही,, |
इसलिए अँधेरे में चलने से बेहद डरने लगी हूँ मैं। |
मैं न कहूँगा दांस्ता अपनी, |
फिर कहोगे सुनी नहीं जाती। |
हमने ख़ामोशी के लिफाफे में भेजे थे दिले जजबात, |
वे करते रहे किसी और से अपने दिल की बात। |
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह, |
उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह। |
अपनों के दिये गम, |
कह भी नहीं पाते,, |
सह भी नहीं पाते। |
अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर, |
यूँ पल-दो-पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो। |
कुछ इस तरह पढे गए हम, जैसे पुराना अखबार थे, |
कुछ इस तरह छूट गए हम, जैसे गणित का सवाल थे। |
ख़त में मेरे ही ख़त के टुकड़े थे और, |
मैं समझा के मेरे ख़त का जवाब आया है। |
संभलकर चलना हम भी जानते थे, |
पर ठोकर भी लगी उसी पत्थर से जिसे हम अपना समझते थे। |
उनकी सारी गलतियों को हम, |
उनकी नादानी समझ कर भूल गए,, |
कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम। |
जब रिश्ता नया होता है तो, |
लोग बात करने का बहाना ढ़ुंढ़ते है। |
और जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है, |
तो लोग दूर होने का बहाना ढूढ़ते है। |
तन्हाई में अकेलापन सहा जायेगा, |
लेकीन महफ़िल में अकेले रहा न जायेगा। |
आपका साथ न हो तो भी जी लेंगे, |
पर साथ आपके कोई और हो तो सहा न जायेगा। |
नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, |
ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है। |
भर जायेंगे ज़ख़्म भी तुम ज़माने से ज़िकर ना करना, |
ठीक हूँ मैं तुम मेरे दर्द की फिकर ना करना। |
मेरी आँखें ही बता देती हैं के, |
मैने अपने सपने गवां दिए हैं। |
हमारे साथ हो कर भी नहीं है, |
शिकायत क्या करें उस गुम-शुदा की। |
एक खत के इंतज़ार में, |
हमने आज तक अपना पता नही बदला। |
उस ने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा, |
पल भर में सारा शहर नमाज़ी हो गया। |
रूहानी इश्क़ होता है जब, |
जिस्म की प्यास नहीं होती। |
हवा का रंग नहीं होता, |
इश्क़ की जात नहीं होती। |
एहसास-ए-मोहब्बत क्या है, |
ज़रा हमसे पूछो। |
करवट तुम बदलते हो. |
नींद मेरी खुल जाती है। |
अभी खूबसूरत चेहरा है, |
आशिक बहुत होंगे। |
जो झुर्रियां भी चूमे, |
दिलबर ऐसा तलाश कर। |
हर किसी पर ऐतबार जरा सोच कर करना तुम, |
मुमकिन नहीं तुम्हें हर जगह मैं ही मिलूँ। |
मै तुमसे बस एक दिन कम जीना चाहता हु, |
ताकि मुझे तुम बिन अकेले जीना ना पड़े। |
नफरत है मुझे उस मोहब्बत से, |
जो मैंने कभी तुमसे की थी। |
क्या खूब ही होता अगर दुःख रेत के होते , |
मुट्ठी-से गिरा देते पैरों से उड़ा देते। |
उसकी बाहों में सोने का, |
अभी तक शौक है मुझको। |
मोहब्बत में उजड़ कर भी, |
मेरी आदत नहीं बदली। |
एक जैसी है किस्मत हमारी, |
ना मैं तेरे नसीब में और ना तु मेरे। |
बहुत रोई होगी वो कोरा-कागज़ देखकर, |
खत में उसने पुछा था ज़िन्दगी कैसी बीत रही है ?? |
दिल में एक बात है, चलो तुम्हे बताते है। |
हम तुम्हे -तुमसे भी ज़्यादा चाहते है। |
कमाल की चीज़ है ये मोहब्बत, |
अधूरी हो सकती है,, |
मगर कभी खत्म नहीं हो सकती। |
कोई नहीं था कोई नहीं होगा , |
तुमसे ज़्यादा मेरे दिल के करीब। |
किसी को कितना भी प्यार दे दो , |
आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है। |
खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी, |
इंसानो ने रोक दी। |
अब तो आदत बन चुकी है, |
तुम दर्द दो और हम मुस्कुराएंगे। |
बस यही सोचकर खुश होते है हम, |
तू नहीं तो तेरी याद आती है सनम। |
नदिया रुक नहीं सकती, |
पहाड़ चल नहीं सकते। |
आप भूल सकते है मगर |
हम भुला नहीं सकते। |
मुझे समझने वाले नहीं, |
कुचलने वाले लोग मिले। |
ऐ-मौत ठहर जा तू ज़रा , |
यार का इंतज़ार है मुझको। |
आएगा वो ज़रूर आज अगर, |
उससे सच्चा प्यार है मुझको। |
काश तुम ऐसे शख्स होते , |
जो डरते मुझे खोने से। |
तुम्हारा मुझे छोड़ के जाना, |
तुम्हारी यादों में समुंदर में खो जाना। |
मेरी रातों में नींद ना आना, |
प्यार किया था या था बहाना। |
तुम्हारा साथ माँगा था ऊपर वाले से, |
तू क्या हुआ जो दूरियां मिली। |
मेरे हाथ की लकीरों में बस तेरा नाम मिला, |
और तेरे हाथ के लकीरें खाली ही मिलीं। |
ज़िन्दगी अहसास है इसे अहसास रहने दो, |
वो अगर मेरे पास है तो मेरे पास रहने दो। |
आज है मेरी कल नहीं, |
जब तक साथ है साथ रहने दो। |
एक बार लड़खड़ाया था ज़िन्दगी में, |
तेरी यादें अब तक सँभालने नहीं देती है। |
जानता हूँ अब तू नहीं ज़िन्दगी में, |
फिर भी कम्भख्त तेरी यादें जीने नहीं देती हैं। |
ज़िन्दगी जीना तो एक बहाना है, |
सारी खुशियां ख्वाहिशें और लुटाना है। |
क्या कहा ? |
अभी दुनिया की जिम्मेदारियां उठाना है, |
आँख खोलो सब को मिटटी में मिल जाना है। |
गिर के खुद ही सम्भल जाता हूँ, |
अपनी किस्मत के धागों को बीनता पिरोता हूँ। |
रोज़ वही कुछ पाने की कश्मकश, |
रोज़ कुछ खोकर घर आता हूँ। |
शायरी एक अहसास है, |
इसे हर किसी को समझाया नहीं जाता। |
लफ्ज़ जो बनकर आये ज़बान पर, |
इसका दर्द महसूस कराया नहीं जाता। |
यूँ तो हर शख्स फिसल जाता है, |
अक्सर कर सम्भल जाता है। |
उठना गिरना तो ज़िन्दगी की कहानी है, |
जो गिरकर फिर ना सम्भला तब हैरानी है। |
सफ़र में अधूरे छूट गए, |
तुमसे दूर जाकर टूट गए। |
तुमसे बेपनाह मोहब्बत की हमने, |
और तुम ही हमे यादों में तनहा छोड़ गए। |
साथ माँगा था हमेशा के लिए, |
अधूरा साथ कब पूरा होता है। |
जिसकी याद में तड़पे दिल वो न मिले तो, |
कम्बख्त इश्क़ मुक़म्मल कहाँ होता है। |
तेरा हक़ मुझ पे सारा हो तू मुझसे भी प्यारा हो, |
तेरा साथ छूटे जब भी तुझ भीं ना गुज़ारा हो। |
आज भी बैठा हूँ उन राहों में, |
जहाँ छोड़ कर तुम गए थे। |
तुम्हारे जाने के बाद, |
किसी को नहीं चाहा हमने शिद्दत से। |
तुम्हारा जाना मुझे उदास कर गया, |
तू पास था पहले अब अपनी यादों को पास कर गया। |
तेरी चाहतों को दिल से चाहा था मैं, |
तू मुझसे बेवफा मेरे दिल को उदास कर गया। |
टूटे दिल को रोने की जगह नहीं मिली, |
इसके दर्द की कही कोई दवा नहीं मिली। |
सब को मिली थी अपनी सच्ची मोहब्बत तो क्यों, |
मेरी ही मोहब्बत की मुझे वफ़ा नही मिली। |
उतरा था चाँद हमारे आँगन में भी, |
पर वो सितारों को गबारा नही था। |
हम तो सितारों से भी बगाबत कर लेते, |
पर वो चाँद ही हमारा नही था। |
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले, |
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले। |
ये सोच लेना भुलाने से पहले, |
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले। |
दिल से मिले दिल तो सजा देते हैं लोग , |
प्यार के जज्बातों को डुबा देते हैं लोग। |
दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते हैं, |
साथ बैठे दो परिन्दो को उड़ा देते हैं लोग। |
हमने भी किसी से प्यार किया था, |
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था। |
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी, |
क्यों की उन्होने नही, हमने उनसे प्यार किया था। |
करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को, |
चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को। |
करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई, |
तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को। |
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में , |
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं। |
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको, |
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं। |
प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती, |
अपनों की कमी कभी पूरी नहीं होती। |
दिल से जुदा होना अलग बात है पर, |
नजरों से दूर होना कोई दूरी नहीं होती। |
उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है, |
उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है। |
वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को, |
क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है। |
कुछ रिश्तों को कभी भी नाम ना देना तुम, |
इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्जाम ना देना तुम। |
ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में, |
कि अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम ना देना तुम। |
मंज़िल है, तो रास्ता क्या है, |
हौंसला है तो , फांसला क्या है। |
वो सजा देकर दूर जा बैठे, |
किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है ? |
मंजिल भी उसी की थी रास्ता भी उसका था, |
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था। |
साथ साथ चलने की कसम भी उसी की थी, |
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था। |
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके, |
ख्यालों में किसी और को हम ला न सके। |
उसको देखकर आँसू तो पोंछ लिए, |
लेकिन किसी और को देखकर हम मुस्कुरा न सके। |
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने, |
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने। |
हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो, |
घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने। |
याद जब आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं, |
देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं। |
अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर, |
जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं । |
तू दिल के करीब होकर भी दूर है, |
दिल तेरी ही वजह से इतना मजबूर है। |
तेरे बिना मेरा बहुत बुरा हाल है, |
ये दिल अब पत्थर की तरह चूर चूर है। |
वो मुस्कान थी कहीं खो गयी, |
और मैं जज्बात था कहीं बिखर गया। |
दूरियां अच्छी लगने लगी है, अब मुझे, |
जबरदस्ती के प्यार से अब मन थक चूका है। |
क्या वजह होगी, अब फिर यहां लौट आने की, |
इन नुक्कड़ों पे रुकने की, इन गलियों के चक्कर लगाने की। |
अब तो ना तू मेरी है, ना ही अब ये शहर मेरा, |
ना इच्छा अब कुछ सुनने की और ना ही कुछ बताने की ??? |
मोहब्बत की आजतक बस दो ही, |
बातें अधूरी रही। |
एक मै तुझे बता नही पाया, और |
दूसरी तुम समझ नही पाये। |
चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल, |
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं। |
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम, |
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं। |
ऐ ज़िन्दगी ख़त्म कर सांसों का आना जाना, |
मै थक चूका हूँ खुद को ज़िंदा समझते समझते। |
हस्ती मिट जाती हैं आशियाँ बनाने में, |
बहुत मुस्किल होती हैं अपनो को समझाने में। |
एक पल में किसी को भुला ना देना, |
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में। |
जी भरके रोते है तो करार मिलता है, |
इस जहाँ मे कहाँ सबको प्यार मिलता है। |
जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानो के दौर से, |
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है। |
इस इश्क की किताब से, |
बस दो ही सबक याद हुए। |
कुछ तुम जैसे आबाद हुए, |
कुछ हम जैसे बर्बाद हुए। |
हम रूठे हुए दिलों को मनाने में ही रह गए, |
दूसरों को अपना दर्द सुनाने में ही रह गए। |
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गई, |
हम गैरों को रास्ता दिखाने में रह गए। |
जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है, |
जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है। |
जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू, |
तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है। |
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती, |
दिल में क्या है वो बात नही समझती। |
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में हैं, |
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती। |
प्यार मोहब्बत नहीं हमने तो इबादत की है, |
रस्मों और रिवाजों से बगावत की है। |
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में, |
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है। |
कांच चुभे तो जख्म रह जाते हैं, |
दिल टूटे तो अरमान रह जाते हैं। |
लगा तो देता हैं वक्त मरहम इस दिल पे , |
फिर भी उमर भर एक निशान रह जाते हैं। |
वक्त बदलता है जिंदगी के साथ, |
जिंदगी बदलती है मोहब्बत के साथ। |
लेकिन मोहब्बत नहीं बदलती अपनों के साथ, |
बस अपने बदल जाते हैं वक्त के साथ। |
तुझे भूल कर भी न भूल पाएंगे हम, |
बस यही एक वादा न निभा पाएंगे हम। |
मिटा देंगे खुद को भी जहा से, |
लेकिन तेरे नाम को दिल से न मिटा पाएंगे हम। |
टूट हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गया, |
किसी को लग न जाऊ इसलिए सबसे दूर हो गया। |
यारों की महफिल ऐसे जमाई जाती है, |
खुलने से पहले बोतल हिलाई जाती है। |
फिर आवाज लगाई जाती है, |
आ जाओ टूटे दिल वालों,, |
यहाँ दर्दे दिल की दवा पिलाई जाती है। |
मंजिल मुश्किल थी पर हम खोए नहीं, |
दर्द था दिल में पर हम रोए नहीं। |
कोई नहीं यहां हमारा जो हमसे पूछे, |
जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नहीं। |
ऐसा भी क्या जीना मेरा, |
की पल-पल तड़पता हूं मैं। |
किसी की याद में किसी के इंतजार में, |
रोज जीता रोज मरता हु में। |
इश्क हमें जीना सिखा देता है, |
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है। |
इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम, |
हर दर्द सहना सीखा देता है। |
ना मेरा दिल बुरा था, |
ना उसमे कोई बुराई थी। |
सब नसीब का खेल है, |
बस किस्मत में जुदाई थी। |
हँसना मुझे भी आता है |
पर किसी ने रोना सीखा दिया। |
बोलने में माहिर हम भी थे, |
पर किसी ने चुप रहना सीखा दिया। |
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ, |
पर हर बार आपको ही झुकना पड़े तो रुक जाओ। |
मिजाज को बस तल्खियाँ ही रास आईं, |
हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया। |
तुम्हारे बाद न तकमील हो सकी अपनी, |
तुम्हारे बाद अधूरे तमाम ख्वाब लगे। |
मेरी कोशिश कभी कामयाब ना हो सकी, |
न तुझे पाने की न तुझे भुलाने की। |
मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे, |
मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ। |
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझको, |
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे। |
जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें, जिसे खयाल अपने कमाल का, |
उसे क्या खबर मेरे शौक़ की, उसे क्या पता मेरे हाल का। |
मत आने दो किसी को करीब इतना, |
कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये। |