NAZAR EK CHAMAN SE DO CHAR HAI NAAT LYRICS

NAZAR EK CHAMAN SE DO CHAR HAI NAAT LYRICS   नज़र इक चमन से दो चार है न चमन चमन भी निसार है अज़ब उसके गुल की बहार है कि बहार बुलबुले ज़ार है न दिले बशर ही फिग़ार है कि मलक भी उसका शिकार है यह जहां की हज़्दा हज़ार है जिसे देखो उसका … Read more