ROZ O SHAB JOSH PEY REHMAT KA DARYA TERA NAAT LYRICS

ROZ O SHAB JOSH PEY REHMAT KA DARYA TERA NAAT LYRICS   रोज़-ओ-शब जोश पे रहमत का है दरिया तेरा सदक़े इस शान-ए-सख़ावत पे ये मँगता तेरा हाथ उट्ठे भी न थे और मिल गया सदक़ा तेरा वाह ! क्या जूद-ओ-करम है, शह-ए-बतहा ! तेरा नहीं सुनता ही नहीं माँगने वाला तेरा वो हक़ीक़त तेरी, … Read more