TERE JAD KI HAI BARVI GHOUS-E-AZAM NAAT LYRICS

TERE JAD KI HAI BARVI GHOUS-E-AZAM NAAT LYRICS   तेरे जद की है बारहवीं, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! मिली है तुझे ग्यारहवीं, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! कोई उन के रुत्बे को क्या जानता है मुहम्मद के हैं जा-नशीं ग़ौस-ए-आ’ज़म तू है नूर-ओ-आईना-ए-मुस्तफ़ा का नहीं तुझ सा कोई हसीं, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! हुए औलिया ज़ी-शरफ़ गरचे लाखों मगर सब से हैं … Read more