Tauba Qabool Ho Meri Tauba Qabool Ho Lyrics

Tauba Qabool Ho Meri Tauba Qabool Ho Lyrics

 

 

YA RAB MEIN GUNAHGAR HOON TAUBA QABOOL HO NAAT LYRICS

Ya Rab Mein Gunahgar Hoon Tauba Qabool Ho
Isyaan Pay Sharm Sar Houn, Tauba Qabool Ho.

Jaan Sozo Dil Pigar Houn, Tauba Qabool Ho
Sartapa Inqisar Hoon, Tauba Qabool Ho.

Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho…

Guzri Tumam Umar Meri Lahulad Mein
Naiki Nahin Hai Koi Amal Ki Kitab Main
Salah Amal Bhi Koi Nahin Hai Hisaab Main
Dast E Dua Buland Hai Teri Janab Mein.

Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho…

Aisho Nishat Hi Mein Guzari Hai Zindagi
Har Zawiye Say Apni Sanwari Hai Zingadi
Mera Khayal Yeh Tha Kay Jari Hai Zindagi
Lekin Yeh Hall Ab Hai Kay Bhari Hai Zindagi.

Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho….

Mein Houn Gunahgar Magar Tu To Hai Kareem
Main Hoon Siyah Kar Magar Tu To Hai Raheem
Mein Houn Fana Pazeer Magar Tu To Hai Qadeem
Main Adna O Haqeer Sahih Tu To Hai Azeem.

Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho…

Ya Rub Teray Karam Teri Rehmat Ka Wasta
Ya Rab Teri Aata Teri Naimat Ka Wasta
Ya Rub Teray Jalal O Jalalat Ka Wasta
Ya Rab Rasool E Haq Ki Risalat Ka Wasta.

Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho.
Tauba Qabool Ho, Meri Tauba Qabool Ho…

 

या रब ! मैं गुनाहगार हूँ, तौबा क़बूल हो
‘इस्याँ पे शर्मसार हूँ, तौबा क़बूल हो
जाँ-सोज़-ओ-दिल-फ़िगार हूँ, तौबा क़बूल हो
सर-ता-पा इंकिसार हूँ, तौबा क़बूल हो

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

गुज़री तमाम ‘उम्र मेरी लहव-ओ-ल’अब में
नेकी नहीं है कोई ‘अमल की किताब में
सालेह ‘अमल भी कोई नहीं है हिसाब में
दस्त-ए-दु’आ बुलंद है तेरी जनाब में

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

‘ऐश-ओ-निशात ही में गुज़ारी है ज़िंदगी
हर ज़ाविये से अपनी सँवारी है ज़िंदगी
मेरा ख़याल ये था कि जारी है ज़िंदगी
लेकिन ये हाल अब है कि भारी है ज़िंदगी

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

तेरे करम को, तेरी ‘अता को भुला दिया
आ’माल की जज़ा-ओ-सज़ा को भुला दिया
ताक़त मिली तो कर्ब-ओ-बला को भुला दिया
हर ना-तवाँ की आह-ए-रसा को भुला दिया

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

मैं तो समझ रहा था कि दौलत है जिस के पास
उस को न कोई ख़ौफ़ है, उस को न कुछ हरास
होगा न ज़िंदगी में किसी वक़्त वो उदास
लेकिन ये मेरी भूल थी, अब मैं हूँ महव-ए-यास

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

मैं हूँ गुनाहगार मगर तू तो है करीम
मैं हूँ सियाहकार मगर तू तो है रहीम
मैं हूँ फ़ना-पज़ीर मगर तू तो है क़दीम
मैं अदना-ओ-हक़ीर सही, तू तो है ‘अज़ीम

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

या रब ! तेरे करम, तेरी रहमत का वास्ता
या रब ! तेरी ‘अता, तेरी ने’मत का वास्ता
या रब ! तेरे जलाल-ओ-जलालत का वास्ता
या रब ! रसूल-ए-हक़ की रिसालत का वास्ता

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

मैं ए’तिराफ़ करता हूँ अपने क़ुसूर का
मैं हो गया था ऐसे गुनाहों में मुब्तला
जिन की है आख़िरत में कड़ी से कड़ी सज़ा
लेकिन मुझे तो तेरे करम से है आसरा

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

अब तेरी बंदगी में बसर होगी ज़िंदगी
मोड़ूँगा मुँह न तेरी ‘इबादत से मैं कभी
अब इत्तिबा’ करूँगा मैं तेरे रसूल की
ता-ज़िंदगी करूँगा शरी’अत की पैरवी

तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो
तौबा क़बूल हो, मेरी तौबा क़बूल हो

ना’त-ख़्वाँ:
महमूद-उल-हसन अशरफ़ी

 

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