WA RAFAA’NA LAKA ZIKRAK HINDI NAAT LYRICS
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक / Wa Rafaa’na Laka Zikrak (Warafana Laka Zikrak)
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
तेरी ख़ुश्बू, मेरी चादर
तेरे तेवर, मेरे ज़ेवर
तेरा शेवा, मेरा मस्लक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
तेरी मिदहत, मेरी बोली
तू ख़ज़ाना, मैं हूँ झोली
तेरा साया, मेरी काया
तेरा झोंका, मेरी डोली
तेरा रस्ता, मेरा हादी
तेरी यादें, मेरी वादी
तेरे ज़र्रे, मेरे दीपक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
मेरी मंज़िल, तेरी आहट
मेरा सिदरा, तेरी चौखट
तेरी गागर, मेरा सागर
तेरा सेहरा, मेरा पनघट
मैं अजल से तेरा प्यासा
न हो ख़ाली मेरा कासा
तेरे वारी ! तेरा बालक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
तेरे दम से दिल-ए-बीना
कभी फ़ाराँ, कभी सीना
न हो क्यूँ फिर तेरी ख़ातिर
मेरा मरना, मेरा जीना
ये ज़मीँ भी हो फ़लक सी
नज़र आए जो धनक सी
तेरे दर से मेरी जाँ तक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
मैं हूँ क़तरा, तू समुंदर
मेरी दुनिया तेरे अंदर
सग-ए-दाता, मेरा नाता
न वली हूँ, न कलंदर
तेरे साए में खड़े हैं
मेरे जैसे तो बड़े हैं
कोई तुझ सा नहीं बे-शक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
मैं अधूरा, तू मुकम्मल
मैं शिकस्ता, तू मुसलसल
मैं सुख़न-वर, तू पयम्बर
मेरा मक्तब, तेरा एक पल
तेरी जुम्बिश, मेरा ख़ामा
तेरा नुक़्ता, मेरा नामा
किया तू ने मुझे ज़ीरक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
मेरी सोचें हो सवाली
मेरा लहजा हो बिलाली
शब-ए-तीरा, करे ख़ीरा
मेरे दिन भी हों मिसाली
तेरा मज़हर हो मेरा फ़न
रहे उजला मेरा दामन
न हो मुझ में कोई कालक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
व रफ़अ’ना लक ज़िक्रक
शायर:
मुज़फ़्फ़र वारसी