Wallah Wallah Naat Lyrics
ZINDAGI HAY NABI KI NABI KE LIYE NAAT LYRICS
Zindagi Ye Nahin Hay Kisi Ke Liye
Zindagi Hay Nabi Ki, Nabi Ke Liye
Na-Samajh Martay Hain Zindagi Ke Liye
Jeena Marna Hay Sab Kuch Nabi Ke Liye
Chandni Chaar Din Hay Sabhi Ke Liye
Hay Sada Chaand Abdun Nabi Ke Liye
“Anta Feehim” Ke Daaman Mein Munkir Bhi Hain
Hum Rahay Ishrat-E-Daaimi Ke Liye
Aeysh Kar Lo Yahan Munkiro Chaar Din
Mar Ke Tarso Ge Iss Zindagi K Liye
Daag E Ishq E Nabi Le Chalo Qabr Mein
Hay Charaag E Lahad Roshni Ke Liye
Naqsh E Paa E Sagaan E Nabi Dekhiye
Ye Pataa Hay Bohat Rahbari Ke Liye
Maslake Aala Hazrat Salamat Rahe
Ek Pahechan Deene Nabi Ke Liye
Maslake Aala Hazrat Pe Kayim Raho
Zindagi Di Gayi Hai Isi Ke Liye
Sul-he Kulli Nabi Ka Nahi Sunniyon
Sunni Muslim Hai Sacha Nabi Ke Liye
Wo Bulaatay Hain, Koi Ye Awaz De
Dam Mein Jaa Pohnchun Mein Haaziri Ke Liye
Aey Naseem E Saba Unn Se Keh De Zara
Muztarib Hay Gadaa Haaziri Ke Liye
Jin Ke Dil Mein Hay Ishq E Nabi Ki Chamak
Wo Tarastay Nahin Chaandni Ke Liye
Jin Ke Dil Mein Hain Jalway Teray Ishq Ke
Wo Hain Najm E Zamaan Roshni Ke Liye
AKHTAR E Qadiri Khuld Mein Chal Diya
Khuld Waa Hay Har Ik Qaadiri Ke Liye
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
ज़िंदगी ये नहीं है किसी के लिए
ज़िंदगी है नबी की नबी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
न समझ मरते हैं ज़िंदगी के लिए
जीना मरना है सब कुछ नबी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
चाँदनी चार दिन है सभी के लिए
है सदा चाँद ‘अब्दुन्नबी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
अंत फ़ी-हिम के दामन में मुन्किर भी हैं
हम रहे ‘इशरत-ए-दाइमी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
‘ऐस कर लो यहाँ, मुन्किरो ! चार दिन
मर के तरसोगे इस ज़िंदगी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
दाग़-ए-‘इश्क़-ए-नबी ले चलो क़ब्र में
है चराग़-ए-लहद रौशनी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
नक़्श-ए-पा-ए-सगान-ए-नबी देखिए
ये पता है बहुत रहबरी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
मस्लक-ए-आ’ला-हज़रत सलामत रहे
एक पहचान दीन-ए-नबी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
मस्लक-ए-आ’ला-हज़रत पे क़ाइम रहो
ज़िंदगी दी गई है इसी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
सुल्ह-ए-कुल्ली नबी का नहीं, सुन्नियो !
सुन्नी मुस्लिम है सच्चा नबी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वो बुलाते हैं कोई ये आवाज़ दे
दम में जा पहुँचूँ मैं हाज़री के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
ऐ नसीम-ए-सबा ! उन से कह दे ज़रा
मुज़्तरिब है गदा हाज़री के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
जिन के दिल में है ‘इश्क़-ए-नबी की चमक
वो तरसते नहीं चाँदनी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
जिन के दिल में है ‘इश्क़-ए-नबी की चमक
वो हैं नज्म-ए-ज़माँ रौशनी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
अख़्तर-ए-क़ादरी ख़ुल्द में चल दिया
ख़ुल्द वा है हर इक क़ादरी के लिए
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
वल्लाह ! वल्लाह ! वल्लाह !
शायर:
अख़्तर रज़ा ख़ान बरेलवी
ना’त-ख़्वाँ:
असद इक़बाल कलकत्तवी
डॉ. निसार अहमद मार्फ़ानी
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी
मुहम्मद सादिक़ रज़वी