Zamana Dekh Lo Sara Hussain Jaisa Nahi Lyrics

Zamana Dekh Lo Sara Hussain Jaisa Nahi Lyrics

Naat Khwan: Ghulam Mustafa Qadri

जानम फ़िदा-ए-हुसैन ×4

शहीदे कर्बला का नाम जिसे भी ना-गवार है
वोह बद-अमल है बद-नसब उसी पे बेशुमार है

अरे ओ दुश्मन-ए-अज़ल तू मर ज़रा क़बर में चल
अरे ओ दुश्मन-ए-अज़ल तू मर ज़रा क़बर में चल

पता चलेगा, पता चलेगा
(यज़ीदियों सब पता चलेगा)
पता चलेगा, पता चलेगा, क्या हुसैन है

ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जानम फ़िदा-ए-हुसैन×6
वाह हुसैन वाहा, वाह हुसैन

हुसैन जिसका ज़माना भी उसका होता है
हुसैन जिसका ज़माना भी उसका होता है
अटल है फैसला अपना हुसैन जैसा नहीं

ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

नमाज़ पढ़ता है ज़ख्मों से चूर होकर भी
नमाज़ पढ़ता है ज़ख्मों से चूर होकर भी
कहीं पे ऐसा है सजदा हुसैन जैसा नहीं
ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जानम फिदा-ए-हुसैन ×6
वाह हुसैन वाहा वाह हुसैन
हुसैन मेरा है मैं हूं हुसैन प्यारे से
हुसैन मेरा है मैं हूं हुसैन प्यारे से

हुसैन मेरा है मैं हूं हुसैन प्यारे से
हदीसे पाक में शोहरा हुसैन जैसा नहीं

ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

मेरा है दोस्त वही जो यज़ीद से उलझे
मेरा है दोस्त वही जो यज़ीद से उलझे
समझ ले सोच ले दुनिया हुसैन जैसा नहीं
समझ ले सोच ले दुनिया हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जमाना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं
ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जानम फ़िदा-ए-हुसैन ×6
वाह हुसैन वाहा, वाह हुसैन

दहन हुसैन का था और ज़ुबान आक़ा की
दहन हुसैन का था और ज़ुबान आक़ा की

दहन हुसैन का था और ज़ुबान आक़ा की
लबों का लेते थे बोसा हुसैन जैसा नहीं
लबों का लेते थे बोसा हुसैन जैसा नहीं

जमाना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

उन्हीं के नाम का ताबीज़ पहनो खुश होकर
उन्हीं के नाम का ताबीज़ पहनो खुश होकर
दिखाओ नाम तो ऐसा हुसैन जैसा नहीं

जमाना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जानम फ़िदा-ए-हुसैन ×6
वाह हुसैन वाहा, वाह हुसैन

पहाड़ टूटें उजागर या ज़ुल्म बढ़ता रहे
पहाड़ टूटें उजागर या ज़ुल्म बढ़ता रहे

पहाड़ टूटें उजागर या ज़ुल्म बढ़ता रहे
ये साफ़-साफ़ ही कहना हुसैन जैसा नहीं

ज़माना देख लो सारा हुसैन जैसा नहीं
हुसैनियों ने पुकारा हुसैन जैसा नहीं

जानम फ़िदा-ए-हुसैन ×6
वाह हुसैन वाहा, वाह हुसैन

Zamana Dekh Lo Sara Hussain Jaisa Nahi

Sharing Is Caring:

Leave a Comment