मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
अब तो बस एक ही धुन है के मदीना देखूं
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तुझ पे सो जान से क़ुरबान मदीने वाले
फिर तमन्ना-ए-ज़ियारत ने किया दिल बेचैन
आख़री वक़्त है क्या रौनके-दुनियां देखूं
अब तो बस एक ही धुन है के मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन है…
मेरे मौला मेरी आँखें मुझे वापस कर दे
ताकि इस बार मैं जी भर के मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन है…
फिर तमन्ना-ए-ज़ियारत ने किया दिल बेचैन
फिर मदीने का है अरमान मदीने वाले
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तुझ पे सो जान से क़ुरबान मदीने वाले
लिख दे लिख दे मेरी क़िस्मत में मदीना लिख दे
रातें भी मदीने की, बातें भी मदीने की
जीने में ये जीना है, क्या बात है जीने की
तारीफ़ के लाएक़ जब अलफ़ाज़ नहीं मिलते
किस तरह करे कोई तारीफ़ मदीने की
लिख दे लिख दे मेरी क़िस्मत में मदीना लिख दे
है तेरी मिल्क़ कलमदान मदीने वाले
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तुझ पे सो जान से क़ुरबान मदीने वाले
भर दे भर दे मेरे आक़ा ! मेरी झोली भर दे
तुम ज़माने के मुख़्तार हो या नबी
बेकसों के मददगार हो या नबी
सब की सुनते हो अपने हो या ग़ैर हो
तुम गरीबो के ग़मख़्वार हो या नबी
भर दे भर दे मेरे आक़ा ! मेरी झोली भर दे
अब न रख बे-सरो-सामान मदीने वाले
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तुझ पे सो जान से क़ुरबान मदीने वाले
फ़ज़्ले-रब्बुल-उला और क्या चाहिये
मिल गए मुस्तफ़ा और क्या चाहिये
दामने-मुस्तफ़ा जिन के हाथों में है
उन को रोज़े-जज़ा और क्या चाहिये
आप अपनी ग़ुलामी की दे दें सनद
बस ये इज़्ज़तो-मरतबा चाहिये
सग़े-तयबा मुझे सब केहके पुकारे बेदम
यहीं रखें मेरी पेहचान मदीने वाले
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तुझ पे सो जान से क़ुरबान मदीने वाले
अब तो बस एक ही धुन है के मदीना देखूं
अब तो बस एक ही धुन है…