Hamari Hai Dua Shah-e-Ghausul-Wara – Hindi Lyrics
हमारी है दुआ, शह-ए-ग़ौसुल-वरा, हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन / Hamaari Hai Dua, Shah-e-Ghausul-Wara, Hara Bhara Rahe Ye Qadri Chaman
हमारी है दुआ, शह-ए-ग़ौसुल-वरा, हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
हमारी है दुआ
मैं क़ादरी हूँ, शुक्र है रब्ब-ए-क़दीर का
हाथों में मेरे हाथ है पीरान-ए-पीर का
इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौसे-आज़म दस्तगीर
जिस का कोई नहीं है सहारा, उस के तुम हो सहारा
क़ुर्बां जाऊँ मैं ए मेरे मीरां ! है कितना प्यारा सहारा
चलो ए आशिक़ो ! चल के अब देख लो, सजा है नूर से ये क़ादरी चमन
हमारी है दुआ, शह-ए-ग़ौसुल-वरा, हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
हमारी है दुआ
ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया ग़ौस-ए-आज़म का
हमें दोनों जहाँ में है सहारा ग़ौस-ए-आज़म का
अज़ीज़ो ! कर चुको तैयार जब मेरे जनाज़े को
तो लिख देना कफ़न पर नाम-लेवा ग़ौस-ए-आज़म का
तेरे क़दमों में जो मौत आए, वो मौत कितनी हसीँ है !
बख़्शा जाऊँगा रोज़-ए-क़यामत, इतना मुझ को यक़ीं है
तमन्ना है मेरी, वो चादर आप की, ख़ुदा करे ! यही बने मेरा कफ़न
हमारी है दुआ, शह-ए-ग़ौसुल-वरा, हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
हमारी है दुआ
ज़माने में अगर देखी तो शान-ए-क़ादरी देखी
नुबुव्वत के गुलिस्तां में विलायत की कली देखी
हक़ीक़त खुल गई जब सरज़मीं बग़दाद की देखी
दयार-ए-ग़ौस क्या देखा मदीने की गली देखी
निदा देगा मुनादी हश्र में यूँ क़ादरीयों को
कहाँ हैं क़ादरी कर लें नज़ारा ग़ौस-ए-आज़म का
हमारी है दुआ, शह-ए-ग़ौसुल-वरा, हरा भरा रहे ये क़ादरी चमन
नातख्वां:
सय्यिद ग़ुलाम मोहियुद्दीन क़ादरी