Kankar Se Kalma Parwao Naat Lyrics

Kankar Se Kalma Parwao Naat Lyrics

 

KANKAR SE KALMA PADHWAO PHIR KEHNA HUM JAISE THE NAAT LYRICS

Kankar Se Kalma Padhwao Phir Kehna Hum Jaise The

Doobey Suraj Ko Lautao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Tum Bhi Zara Meraj Ko Jao Phir Kehna Hum Jaise The

Jao Namaze Lekar Aao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Lohe Se Talwar Banana Aam Hai Duniya Main Lekin

Tehni Ko Talwar Banao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Peshani Par Daagh Banana Koi Mushkil Kaam Nahi

Nakshe Qadam Pathar Par Banao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Bamo Daro Dewar Salami Dene Lage Kuch Aisa Karo

Ped Ko Apne Paas Bulao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Uper Jaana Neeche Aana Ye To Bashar Ki Taaqat Hai

Sayr E Jannat Kar Ke Dikhao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Sarwar E Dee Ki Baat Badi Hai Chodon In Sab Baaton Ko

Unke Ghulamon Se Banjao Phir Kehna Hum Jaise The

 

Unki Har Ik Ungli Se Tha Jaari Chasma Ay Kaleem

Pani Un Pyason Ko Pilao Phir Kehna Hum Jaise The

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

तुम भी ज़रा मेअ’राज को जाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

जाओ नमाज़ें ले कर आओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

लोहे से तलवार बनाना आम है दुनिया में लेकिन

टहनी को तलवार बनाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

पेशानी पर दाग़ बनाना कोई मुश्किल काम नहीं

नक़्श-ए-क़दम पत्थर पे बनाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

बाम-ओ-दर-ओ-दीवार सलामी देने लगें कुछ ऐसा करो

पेड़ को अपने पास बुलाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

ऊपर जाना, नीचे आना, ये तो बशर की ताक़त है

जन्नत से तुम हो कर आओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

मेरे नबी की बात बड़ी है ! छोड़ो इन सब बातों को

उन के ग़ुलामों से बन जाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

उन की हर इक ऊँगली से था जारी चश्मा, ए कलीम !

पानी उन प्यासों को पिलाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

 

कंकर से कलमा पढ़वाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

डूबे सूरज को लौटाओ, फिर कहना, हम जैसे थे !

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