Yahi Humne Samjha Yahi Hai Padha Muhammad Sa Koi Nahi Naat Sharif Lyrics

Yahi Humne Samjha Yahi Hai Padha Muhammad Sa Koi Nahi Naat Sharif Lyrics

 

YAHI HUMNE SAMJHA YAHI HAI PADHA MOHAMMAD SA KOI NAHI NAAT LYRICS
Yahi humne samjha yahi hai padha Mohammad sa koi nahi
Hai Adam ke ankhon ka dekha huva mohammad sa koi nahi

Zameen appki aasman appka hai Mere mustafa do jahan appka hai
Sitaron ka ye karwan appka hai Chaman appka gul sitan appka hai
Zameen e falak se ye jhuk kar kahaa Mohammad sa koi nahi

Dahan khoobsurat zakhan khoobsurat Mere mustafa ka badan khoobsurat
Hai jisme hussain aur hasan khoobsurat Vo mere nabi ka chaman khoobsurat
Hai be misl noori gharana tera Mohammad sa koi nahi

Shah e ambiya ka falak par vo jaana Huvi meh ve sakit fazaye zamaa
Vo asra ki shab ka tha manzar suhana Imam e rusul ka musalle pe aana
Sabhi mukhtadi vo huvey mukhtada Mohammad sa koi nahi

Agar mere aaqa inayat karenge Hasi sab se apni ibaadat karenge
Rukhe mustafa ki tilawat karenge Tilawat baraye ziyarat karenge
Asad ki zaban par ho bas ye sada Mohammad sa koi nahi

 

यही हमने समझा यही है पढ़ा
यही हमने समझा यही है पढ़ा
मोहम्मद ﷺ सा कोई नहीं,
है आदम की आंखों का देखा हुआ
मोहम्मद ﷺ सा कोई नहीं।

 

ज़मीं आपकी आसमां आपका है
मेरे मुस्तफा दो जहां आपका है
सितारों का यह कारवां आपका है
चमन आपका गुलसितां आपका है

ज़मीं ने फ़लक से यह झुक कर कहा
मोहम्मद ﷺ सा कोई नहीं।

है आदम की आंखों का देखा हुआ
मुहम्मद ﷺ सा कोई नहीं..

 

दहन ख़ूबसूरत ज़कन ख़ूबसूरत
मेरे मुस्तुफा का बदन खूबसूरत
हैं जिसमें हुसैन और हसन ख़ूबसूरत
वह मेरे नबी का चमन खूबसूरत

है बेमिसाल नूरी घरना तेरा
मोहम्मद ﷺ सा कोई नहीं

है आदम की आंखों का देखा हुआ
मुहम्मद ﷺ सा कोई नहीं..

 

शाहे अंबिया का फ़लक पर वह जाना
हुई महव ए साकित फज़ा ए ज़माना
वह असरा की शब का था मंज़र सुहाना
इमाम ए रुसुल का मुसल्ले पे आना

सभी मुक़्तदी वह हुए मुक़्तदा
मोहम्मद ﷺ सा कोई नहीं

है आदम की आंखों का देखा हुआ
मुहम्मद ﷺ सा कोई नहीं..

 

अगर मेरे आक़ा इनायत करेंगे
हसीं सब से अपनी इबादत करेंगे
रुख़ ए मुस्तफा की तिलावत करेंगे
तिलावत बराए ज़ियारत करेंगे

असद की ज़ुबां पर हो बस ये सदा
मोहम्मद सा कोई नहीं

है आदम की आंखों का देखा हुआ
मुहम्मद ﷺ सा कोई नहीं..

 

नातख्वां: असद इक़बाल
कलाम: असद इक़बाल

 

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