Sirf Ek Baar Dil Se Mustafa Ko Tu Pukaar Hindi Lyrics
सिर्फ़ एक बार, दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार / Sirf Ek Baar, Dil Se Mustafa Ko Tu Pukaar
सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार
दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार
होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार
जहाँ जहाँ भी गए वो करम ही करते गए
किसी ने माँगा न माँगा वो झोली भरते गए
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
कोई आ जाए तलब से भी सिवा देते हैं
आए बीमार तो हर दुख की दवा देते हैं
संग मारे जो कोई उस को दुआ देते हैं
दुश्मन आ जाए तो चादर भी बिछा देते हैं
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार
होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार
वो करम चाहें जहाँ पर भी वही करते हैं
फ़ैसले गुम्बद-ए-ख़ज़रा के मकीं करते हैं
जिन पे करते हैं इनआ’मात की बारिश आक़ा
उस की क़िस्मत में मदीने की ज़मीं करते हैं
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार
होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार
कहा मजनूँ ने कोई मिस्ल-ए-लैला हो नहीं सकता
कहा फ़रहाद ने शीरीं के जैसा हो नहीं सकता
ज़ुलेख़ा ने कहा युसूफ से अच्छा हो नहीं सकता
कहा इन सब से मैंने सब ये मुमकिन है मगर सुन लो
मुहम्मद दूसरा दुनिया में पैदा हो नहीं सकता
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार
होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार
यूँ तो धूप मदीने का पता देती है
इश्क़ वालों को तो गर्मी भी मज़ा देती है
क्यूँ की सूरज की अगर एक किरन रोज़ाना
ख़ूब दीवार-ए-मदीना का मज़ा लेती है
सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार
सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार !
दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार
होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार
नातख्वां:
मुहम्मद अहसन क़ादरी