अजमेर मेरी मंजिल बगदाद है ठिकाना Naat Lyrics

अजमेर मेरी मंजिल बगदाद है ठिकाना Naat Lyrics

 

अजमेर मेरी मंजिल बगदाद है ठिकाना
में गुलामे क़ादरी हु मेरे साथ है ज़माना

मेरा क्या बिगाड़ लेगा जो खिलाफ है ज़माना
मुझे गम नहीं किसी का में हु गौस का दीवाना

सूरत है मुस्तफ़ा की सीरत है मुर्तजा की
क्या खूब चमकता है हेदर का ये घराना

सदके में मुस्तफ़ा के बिगड़ी को बनाते है
हाथों से लुटाते है हसनैन का खजाना

चिश्ती हो या फरीदी हो सबिरी निजामी
इस क़ादरी गुलशन से रोशन हुआ ज़माना

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