Aise Hote Hain Ali Ke Noukar Lyrics

Aise Hote Hain Ali Ke Noukar Lyrics

 

मौला अली, अली अली मौला
मुश्किल कुशा
मौला अली मुश्किल कुशा

वोह नहीं मानते हैदर को ख़ुदा के जैसा
बाद नबियों के वोह सिद्दीक़ को जाने आला

वोह नहीं मानते हैदर को नबी से बढ़कर
बस ऐसे होते हैं अली के नौकर

ज़िक्रे सरकार में करते हैं दिन रात बसर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

आलो असहाबे नबी के हैं तराने लब पर
ऐसे होतें हैं अली के नौकर

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

या अली, या हैदर
या अली, या हैदर
या अली, या हैदर

 

दीने ह़क़ के लिए घर बार लुटा देते हैं
जो बहात्तर भी हज़ारों को मिटा देते हैं

तोड़ देते हैं जो मैदान में बात़िल की कमर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

 

इ़ल्म का बाब हैं और शेर खुदा के हैं अली
वो अली’ जिन को मेरे आक़ा की बेटी है मिली

झूम कर जो बयां करते हैं यू शाने हैदर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

मुस्तफ़ा पे फिदा मौला अली वाले
हैं सहाबा के गदा मौला अली वाले
नाम लो सिद्दीक़ का मौला अली वाले
चार यारों पे फ़िदा मौला अली वाले

मौला अली वाले, मौला अली वाले
मौला अली वाले, मौला अली वाले

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

 

इज़्ज़त-ए-आक़ा पे जो देते हैं पहरा हरदम
जिनके होठों पे है लब-बैक का नारा हरदम

जिनके आगे ना रुके जंग में कोई लसकर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

 

कोई मौसम कोई भी वक़्त कोई भी इलाक़ा हो
जहां ज़िक्र-ए-अली छेड़ा वहां दीवाने आ बैठे

अली अली मौला अली, अली अली मौला अली
मौला अली
मौला अली

आली वालों का मरना भी कोई मरने में मरना है
चले अपने मकां से और अली के दर पे जा बैठे
इधर रुख़्सत किया सबने उधर आये अली लेने
यहां सब रो रहे थे हम सब वहां महफ़िल सजा वैठे

अभी मैं क़ब्र में बैठा ही था इक नूर सा फैला
कि मेरे सामने खुद अली-ए-मुर्तज़ा बैठे

अली के नाम की महफ़िल सजी शहरे ख़मोशां में
थे जितने बा-वफ़ा वो सब के सब महफ़िल में आ बैठे

ये कौन आया,
ये कौन आया,
ये कौन आया कि इस्तक़बाल को सब अम्बिया उठ्ठे
ना बैठेगा कोई तब तक, न जब तक मुस्त़फ़ा बैठे

अली वाले जहाँ बैठे वहां जन्नत बना बैठे

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

 

कोई बहलूल हुआ, कोई ग़ज़ाली है बना
कोई शिबली, कोई बग़दाद का वाली है बना

तख़्ते शाही को लगाई है किसी ने ठोकर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

या अली, या हैदर
या अली, या हैदर
या अली, या हैदर

 

ऐ मुस्लमान सदा हैदरी किरदार पे चल
और अक़वाले अली पर हो तेरा ऐसा अमल

के फ़रिश्ते भी कहें तेरी लहद के अन्दर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

प्यारे सिद्दीक़ पे तुम सब्ब-ओ-सितम करते थे
उन की नफ़रत में भी तहरीर रक़म करते थे

क्या कहोगे जो कभी तुम से पूछेंगे हैदर
क्या ऐसे होतें हैं अली के नौकर?

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

 

आशिक़े मौला अली का है तरीक़ा जैसा
अपना किरदार बना आसिम-ए-रिज़वी ऐसा

देख के तुझको कहें खुद ये जानबे हैदर
ऐसे होते हैं अली के नौकर

अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली
अली अली मौला अली

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