Ali Ali Moula Manqabat Lyrics

Ali Ali Moula Manqabat Lyrics

 

Ali Ali Moula Manqabat Lyrics In Hindi

 

इस बात पे क्योंकर न करें फ़ख़्र मवाली
सोचा नहीं बस हमने तो माना है अली को
बतलाती हैं काबे में ये मौजूद दरारें
इस घर ने बहुत टूट के चाहा है अली को

अली अली, मौला अली अली, मौला अली अली
मौला अली अली अली

मस्जिद बोली मिम्बर बोला
तेरह रजब को काबा बोला

अली अली मौला, अली अली मौला

साफ़ ज़बां से दिल ये बोला
अली अली मौला, अली अली मौला

चारो त़रफ़ मिदहत की फ़ज़ायें
आओ ज़माने भर को सजाएं

आज ज़हूर है मौला अली का
क्यों न खुशी में नारा लगाएं

वज़्द में आकर नारा लगाया
अली अली मौला, हैदर मौला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

तेरह रजब की बज़्म सजाई
खूब हुई फिर मदहा सराई

इ़श्क़ तेरा दरवेश बनाये
इ़श्क़ तेरा बख्शे दानाई

खूब विला का जाम पिया था
फिर भी नशे में मैं नहीं डोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

तूने नमाज़े इ़श्क़ सिखाई
तूने हमें तौहीद बताई

कौन बयां कर पायेगा मौला
तेरी फ़जीलत तेरी बढ़ाई

पढ़ने लगा वोह तेरा क़सीदा
जब भी कभी कुरआन को खोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

 

मनाओ जश्न, के काबे में आ रहे हैं अली
खुदा के घर से बुतों को भगा रहें हैं अली

जिदारे काबा ने हस कर कहा खुदा की क़सम
मुझे तवाफ़ के क़ाबिल बना रहे हैं अली

झूठे खुदाओं वालों आओ
झूठे खुदाओं को ले जाओ

आ गया घर का मालिक देखो
अपनी दुकां कहीं और लगाओ

आ गईं अन्दर मादरे हैदर
झूम के काबा फिर यही बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

मरहब से लड़ते भी देखा
तन्हा उसे रोते भी देखा

सज्दा उसे करते भी देखा
सज्दा उसे होते भी देखा

साजिद और मसजूद अली है
राज़ यही सलमान ने खोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

रस्में वफ़ा दुनिया में चला दी
इ़श्क़ की वोह तहज़ीब सिखा दी

करता रहा दुनिया में मनादी
मीसम था इस विर्द का आदी

काटी ज़ुबां जब अहले सितम ने
दार पे जाके मीसम बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

पढ़ते हुए मैं नैजे बराहा
इ़श्क़ में तेरे सोच रहा था

क्या है तेरी मेराज बता दे
तुझको सरे मेराज भी देखा

मेरे लहू में मेरे जुनू में
तेरे इ़श्क़ ही ने रस घोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

मुल्के अदम पर तेरी हुकूमत
ख़ुल्द-ओ-इरम पर तेरी हुकूमत

मर्ज़ी-ए-रब का मालिक तू है
लौहो क़लम पर तेरी हुकूमत

दुनिया तुझको रब कहती है
जब जिसका ईमान टटोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

 

अन-अमता का राज़ भी तू है
नबियों का ग़म साज़ भी तू है

मजहर का ईमान है मौला
हातिफ़ की आवाज़ भी तू है

मदहा सरा फ़रहान हुआ तो
कहने लगा दरवेशोंं का टोला

अली अली मौला, अली अली मौला
साफ़ ज़बां से दिल ये बोला

अली अली मौला, अली अली मौला
तेरह रजब को काबा बोला

अली अली, मौला अली अली, मौला अली अली
मौला अली अली अली

Ali Ali Moula Manqabat Lyrics In Hindi

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