Qadri Aastaana Salaamat Rahe – Hindi Lyrics
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे / Qadri Aastaana Salaamat Rahe
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
मुस्तफ़ा का घराना सलामत रहे
मुस्तफ़ा का घराना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
पल रहे हैं जहां से ये दोनों जहाँ
वो सख़ी आस्ताना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
दर्दमंदों के सर पर है साया-फ़िगन
आप का शामियाना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
तुम से मंसूब है ज़िंदगी का निसाब
हश्र तक ये फ़साना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
ये नकीरैन बोलें मुझे क़ब्र में
मुस्तफ़ा का दीवाना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
हुक्म था के अदा हो नमाज़ें पचास
आप का आना-जाना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
है क़यामत तलक हर ज़माना तेरा
तेरा हर एक ज़माना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
इतरत-ए-फ़ातिमा पर उजागर निसार
सय्यिदां का घराना सलामत रहे
क़ादरी आस्ताना सलामत रहे
शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर