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Quraan se shifa | हम कुरान से शिफा कैसे हासिल करे | Hindi

कुरान से शिफा | हम कैसे कुरान से शिफा प्राप्त कर सकते हैं

 

कुरान से शिफा

 

अगर कोई व्यक्ति अल्लाह की (खुशी) हासिल करने के लिए कुरान की कोई आयत या अल्लाह के किसी नाम का जिक्र, सभी शर्तों के साथ करे, तो उस पर अल्लाह के हुक्म से फरिश्ते नाज़िल होते हैं और उन्हें अल्लाह की खुशी की ख़बर सुनाई जाती है, और फिर उसे रूहानी और दिलानवारी ताक़तें दी जाती है।

यही मुस्लिमों की वह असली ताक़त है, रूहानियत और विरासत है, जिसके जरिए मुस्लिमों ने पूरी दुनिया में हुकूमत हासिल की है।

 

आज क्यों मुस्लिम ज़िला हुए हैं?

 

आज के दिन मुस्लिम लोग अपने बातिनी और आंतरिक इल्म, यानी कुरान से दूरी के कारण ज़िला हुए हैं, इतना कि वो फ़राइज़ से भी दूर हो गए हैं। मुस्लिमों पर पश्चिमी संस्कृति का इतना प्रभाव पड़ चुका है कि हमारे पास नमाज़، रोज़ा और दूसरी दीनी और रूहानी उलूम की क़द्र की कमी हो गई है। हमारे पास इतना समय नहीं है कि हम इससे भी शिफा प्राप्त करें।

कुरान पाक हर बीमारी की दवा और हर मुश्किल की कुंजी है। हुज़ूर ﷺ ने हमें कुरान से फ़ायदा उठाने की तल्लीन की है।

कुरान के फायदे | कुरान पाक का रूहानी और जिस्मानी असर

एक कुरानी आयत का तर्जुमा यह है: “और हम कुरान में वह चीज़ें उतारते हैं जो ईमानवालों के लिए शिफा है”। हुज़ूर ﷺ ने ख़ुद दम किया ही नहीं, बल्कि सहाबा को भी बीमारियों से शिफा और मुश्किलात के हल के लिए कुरान पाक की आमलियात से फ़ायदा उठाने की तल्लीन की।

 

कुरान पर एक बड़ा सितम

 

सितम तो यह है कि हमने कुरान पाक को सिर्फ़ सवाब हासिल करने वाली किताब समझ लिया है, जबकि उसकी असली रूहानी ताक़त और हर प्रकार की मुश्किलात को दूर करने की ताक़त से नावक़िफ़ हैं।

जैसे कि देश के पावर हाउस से हमें बिजली मिलती है और उस ऊर्जा से हम अपने घर की चीज़ें चलाते हैं, उसी तरह कुरान उम्मत-ए-मुस्लिम के लिए एक ऐसा पावर हाउस है जिसकी बरक़ती ताक़त से हम दीनी और दुनियावी मकासिद को पूरा करते हैं।

अगर कुरान पहाड़ पर उतरता

अल्लाह ने कुरान में फ़रमाया है कि अगर यह कुरान हम किसी पहाड़ पर उतरते तो हम उसे डरकर दरक दरक और टुकड़े टुकड़े होता हुआ देखते।

इसका मतलब है कि अगर पहाड़ कुरान की रूहानी ताक़त से टुकड़े टुकड़े हो सकता है, तो हमें यह समझने की आवश्यकता है कि क्यों हमारी दुनियावी और रूहानी परेशानियाँ दूर नहीं होती और जिस्मानी बीमारियाँ भी ठीक नहीं होती।

जब हम शिफा प्राप्त करने और मुश्किलात के हल की शर्तें पूरी करके कुरान को किसी बीमारी पर पढ़ते हैं, तो कोई बीमारी और परेशानी कुरान की ताक़त के सामने टिक नहीं सकती।

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Qarz kaise Ada Kare | कर्ज के बोझ और मुश्किलों से परेशान लोग जरुर देखे | Hindi

इस दुनिया में कौन है जिसे समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता? समय-समय पर दुःख और परीक्षाओं से गुज़रना तो हर किसी को पड़ता है। हालांकि यह अलग बात है कि कोई इस पर सब्र करता है और दूसरों को अपने दुःख का अहसास नहीं होने देता, जबकि कोई दूसरों के सामने उसकी मुश्किलात और दुःख को उजागर करके बयां करता है।

किसी के लिए कर्ज की चिंता हो सकती है, तो किसी के व्यवसाय में नुकसान की शिकायत। किसी के लिए अपने पासे के नहीं होने का दुःख हो सकता है, तो किसी के रिश्तेदारों की बीमारी की चिंता। किसी के लिए बच्चों के अनुशासन की समस्या हो सकती है, तो किसी के लिए जीवनसाथी की वफादारी और बुरी बातों की शिकायत। और किसी के लिए भाई-बहनों के साथ बुरे रवैये का दुःख हो सकता है।

 

बुरी नज़र से हिफ़ाज़त और उसका इलाज | protection from evil eye

 

इन सभी मुश्किलात से बचने के लिए कुछ लोग किसी आमिल के पास जाते हैं या तावीज़ देने वाले के पास जाते हैं, लेकिन इससे भी उन्हें इत्मिनान नहीं होता। फिर वे किसी गैर-मुस्लिम आमिल के पास जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अपने आकीदे और ईमान को भी खतरे में डालते हैं और इस दौरान उन्हें उनके स्वास्थ्य की परवाह नहीं होती। जो नबी ने बताया है, उस पर मजबूत इरादों और यकीन के साथ आमल किया जाए, तो काम बनेगा और आकीदे और ईमान में भी कोई खराबी नहीं आएगी।

सहाबा भी हमारे तरह इंसान थे, उन्हें भी इसी तरह की मुश्किलात का सामना करना पड़ता था, लेकिन उनमें और हम में एक बड़ा अंतर था। वे हर हाल में इन सभी समस्याओं का हल अपने दीन और शरीअत में ही खोजते थे। एक बार हज़रत अबू उमामह को आप स.अ.व. मस्जिद में बहुत ग़म में देखा, तो आपने उनसे उसकी वजह पूछी। उन्होंने आपको यह बताया कि या रसूलअल्लाह, परेशानियाँ हो रही हैं और कर्ज का बोझ भी है, जिस से मैं परेशान हो रहा हूँ।

आप स.अ.व. ने यह सुनकर कहा, “हे अबू उमामह, क्या मैं तुम्हें एक नुस्खा नहीं बता सकता, और ऐसी दुआ नहीं सिखा सकता जिससे ग़म दूर हो जाए और कर्ज भी चुका सको?” तब हज़रत अबू उमामह ने कहा, “ज़रूर या रसूलअल्लाह!” तो आप स.अ.व. ने फरमाया, “तुम सुबह और शाम इस दुआ को पढ़ा करो,”

हिंदी

अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल हम्मि वल हज़नि
व अऊज़ुबिका मिनल अज्ज़ि वल कसलि
व अऊज़ुबिका मिनल जुब्नि वल बुख्लि
व अऊज़ुबिका मिन गल्बतिद दयनि व क़हरिर रिजाल

कुछ ही दिन गुजरे थे कि अबु उमामह र.अ. इस चमत्कारी दुआ को पाबंदी से पढ़ने का असर देखा और अल्लाह के रसूल के पास आए और कहा: “मेरा दुख भी चला गया और मेरा कर्ज भी अदा हो गया।”

 

अल्लाह हम सबको भी इसकी तौफीक अता फरमाए


 

Protection From Evil Eye | बुरी नज़र से हिफ़ाज़त और उसका इलाज | Hindi

 



जब्बार साहब की गिनती शहर के दीन पसंद रईसो में होती है, उनकी बेटी रसाना को कई सालो लोगों की तमन्ना के बाद अल्लाह एक बेटा नवेद दिया है जो इतना सुंदर और प्यारा और मासूम है कि जो कोई इसे देखता है गोद में लिए बिना नहीं रहता।

लेकिन नवीद जब से पैदा हुआ है अंतराल अंतराल बुखार से पीड़ित रहता है और अचानक यह हंसता खेलता बच्चा गुमसुम रहने लगता है, जब्बार अपने इस नवासे का हर तरह का इलाज करवाते हैं, कुछ दिनों के लिए वह ठीक हो जाता है लेकिन वक्त वक्त पर आने वाला बुखार ठीक नहीं होता है।

 

बहुत ही ताकतवर दुआ आपके मां बाप के लिए

 

आखिर कार वो शहर के एक बड़े आलिम से मिल कर अपनी पूरी कहानी बताते हैं। जिनसे पता चलता है कि बच्चे को लोगों की नज़र लग जाती है जिससे इसका यह असर होता है, हदीस में भी आया है, कि देखो नज़र लगना बरहक है, उसके बाद जब जब भी नवेद को बुखार आता है तो अब्दुल जब्बार किसी से उसको दम करवा देते हैं जिससे वह ठीक हो जाता है।

एक बार बातों बातों मैं मुझसे उन्होंने बताया कि हदीस में एक ऐसा नुस्खा भी बताया गया है कि इस पर अमल करने के लिए अग्रिम नज़र बंद से हिफ़ाज़त हो जाती है, वह यह है कि आप जब भी अपने इस लाडले नवासे को दखे तो यह पढ़कर उस पर दम करें, यदि संभव हो तो हर दिन अन्यथा जब भी मौका मिले

 

 

 

अऊज़़ु बिकलमाति ल्लाहि त्ताम्मति मिन कुल्लि शैतानिव वहाम् मति वमिन कुल्लि ऐनि लल्ला म्मह

Translation

ऐ अल्लाह हर शैतान, बुरी बात और नज़रबद से तेरे सभी शब्द की पनाह माँगता हूँ

 

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब भी अपनी साहबज़ादी फातिमा के घर तशरीफ ले जाते तो अपने नवासे हजरत हसन और हुसैन रजी अल्ल्लाहू अन्हू को बुला कर ये शब्द पढ़कर उन पर ज़रूर दम क्या करते थे।

 

Qarz ka Bojh | कर्ज के बोझ और मुश्किलों से परेशान लोग जरुर देखे

 

हज़रत इब्राहीम अ. स. अपने बेटे इसहाक और इसमाईल अ. स. पर भी इन शब्दों को पढ़कर दम किया करते थेे।

कुछ ही दिनों बाद जब अब्दुल जब्बार साहब से मेरी मुलाकात हुई तो उन्होंने मुझे इस दुआ के असरात बताए कि तब से अल्हमदुुुलिललाह उनका नवासा हर तरह की नज़र बद से महफूज है।

 

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Agar Bachcha Nafarman Ho | अगर बच्चा नाफरमान हो तो फिर क्या करे

 

Agar Bachcha Nafarman Ho | अगर बच्चा नाफरमान हो तो फिर क्या करे

जब बच्चा घर में पैदा होता है तो तो इस के साथ ही माँ बाप अपने बच्चे से बहुत साऱी उम्मीदे लगा लेते है और उसकी कामयाबी के लिए वो बहुत सीरियस होते है फ्यूचर में उसको कामयाब देखने और बुढ़ापे में उसको अपनी कमज़ोर हड्डियों का सहारा बनने के सपने बुनते है लेकिन ये ख्वाब उस्वक़्त चकनाचूर हो जाये है जब न सिर्फ वो लापरवाह होता है बल्कि वो अपने माँ बाप की बातो को ना मान कर उनकी नाफरमानी करके उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देता है |

ऐसे में माँ बाप बहुत परेशां होते है और उसे जगह जगह ले जाने पर मजबूर होते हैं कि किसी तरह उसकी ये बीमारी ठीक हो जाये लेकिन आपको बहुत ज़्यादा दौड़ धुप करने कि ज़रुरत नहीं हैं नीचे दो अमल इसी के बारे में दिए गए हैं उनमे से जो आपके लिए आसान हो आप उसे कर सकते हैं

पहला अमल
  • हज़रात हसन हाश्मी फरमाते है कि नाफरमान औलाद को फरमांबरदार बनाने का अमल ये है कि जब वो सो जाये तो उनके कान में सूरह यासीन पढ़ कर दम करें इससे बच्चे के अंदर फ़रमाँबरदारी का और माँ बाप की बात मानने का जज़्बा पैदा होगा बस आप खालिस दिल से इस अमल को तीन दिन तक करते जाएं सूरह यासीन जो कि पारा नम्बर 23 में है और ये क़ुरआन का दिल कहलाती है
दूसरा अमल

और अगर आप इतना लम्बा अमल न कर सके तो उसके लिए भी एक अमल ये है कि 100 मरतबा या शहीदु पढ़ कर उसपर दम करे और इस अमल को लगातार 11 दिन तक करना है | इंशा अल्लाह आप अपने मक़सद में कामयाब होंगे |

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Benefits Of Quraan In Hindi | कुरान पाक का रोहानी व जिस्मानी असर

 

Benefits Of Quraan In Hindi | कुरान पाक का रोहानी व जिस्मानी असर

लोगो ! हमारे पास कुरान पाक हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम के जिंदा मुआजिज़े की सूरत में एक ऐसी किताब है कि जिसके हर नुक्ते, आयत, हर्फ़ व सूरह में ऐसी रूहानियत ऐसी बातिनी ताक़त मौजूद है कि जिसके एक ज़र्रे को हासिल करने वाले की दुनिया व आखिरत दोनों संवर जाएँ |
जिन लोगो ने कुरान की असल कुव्वत और ताक़त को पहचाना और जाना और इस रोहानियत को हासिल करने के लिए जिस्म को मुजाहिदा और मेहनत के ज़रिये इस काबिल बनाया कि उनका जिस्म कुरान की रोशनी को अपने अन्दर जज़्ब कर सके तो अल्लाह ने दुनिया में ही उनको बहुत बलंद और ऊँचे दर्जात से नवाज़ा अल्लाह ने उनको ऐसा बनाया कि उनकी वफात के बाद भी उनका फैज़ इस दुनिया में जारी है |
कुछ तो कुरान के इस मफहूम के मुताबिक कि “हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम पर खूब दुरूद पढ़ा करो” पर अमल करके मकबूल हुए और कुछ कुरान की तिलावत व ज़िक्र से अपने दिल का जंग दूर करके मुत्तकी और परहेजगार कहलाये और रोहानी ताक़ते हासिल की |

आमिल मुअक्किल को कब्जे में कैसे करता है

जब अल्लाह के किसी नाम या आयत को ख़ास तरीकों और शर्तों के साथ पढ़ा जाता है तो इन नामो और आयातों के ज़िक्र की वजह से ज़िक्र करने वाले की जुबां से नूर पैदा होता है और यही नूर इंसानी दिल ,पाक रूहों, फरिश्तों, मुआक्किलों और मुस्लमान जिन्नात की गिज़ा यानी उनका खाना होता है
जिस तरह परवाने शमा के जलने पर उसके चारों ओर चक्कर लगते है और उस पर दीवाना वार गिरते है उसी तरह ये मुआक्किल, जिन्नात, फरिश्ते अपनी अन्दुरूनी रोहानी गिज़ा हासिल करने के लिए ज़िक्र करने वाले के पास जमा हो जाते है और उससे लुत्फ़ लेते रहते है
फिर एक वक़्त ऐसा आता है कि ये सब अल्लाह के हुक्म से ज़िक्र करने वाले के काबू में आ जाते जाते है और उसके फर्मांबरदार हो जाते है ज़िक्र करने वाला फिर इन से दीनी और दुनियावी कामों में मदद हसिल करता है

कुरान से शिफा

अगर कोई शख्स अल्लाह की रजा (ख़ुशी) के लिए कुरान की किसी आयत या अल्लाह के किसी नाम का ज़िक्र तमाम शर्तों के साथ करता है तो उसपर अल्लाह के हुक्म से फरिश्ते उतारते है और अल्लाह की खुशनूदी की खुशखबरी सुनाते है और फिर उसको रोहानी व क़ल्बी ताक़ते अत की जाती है
यही मुसलमानों की वो असल ताक़त रोहानियत और विरासत है जिसके ज़रिये मुसलमानों ने पूरी दुनिया में हुकूमत की

आज मुसलमान ज़लील क्यूँ है

आज मुस्लमान अपने इस बातिनी व अन्दुरूनी इल्म यानी कुरान से दूरी कि वजह से ज़लील है यहांतक कि फ़राइज़ से भी दूर हो गए है मुसलमानों पर वेस्टर्न कल्चर इस क़दर हावी हो चूका है कि हमारे नजदीक नमाज़, रोज़े, और दूसरी दीनी और रोहानी उलूम की क़दर कम हो चुकी है हमारे पास इतनी फुर्सत नहीं कि हम इस से भी शिफा हासिल करे
कुरान पाक हर मर्ज़ कि दवा और हर मुश्किल कि कुंजी है हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम ने हमें कुरान से फ़ायदा उठाने कि तल्कीन की
एक कुरानी आयत का तर्जुमा ये है कि “और हम उतारते है कुरान में वो चीज़ जो ईमान वालो के लिए शिफा है “ हुज़ूर सल्लल लहू अलैहि वसल्लम न सिर्फ खुद दम करते थे बल्कि सहबा को भी बीमारियों से शिफा और मुश्किलात के हल के लिए कुरान पाक कि अमलियात से फायदा उठाने की तलकीन फरमाते

कुरान पर एक बहुत बड़ा सितम

सितम तो ये है कि हमने कुराने पाक को सिर्फ सवाब हासिल करने वाली किताब समझ लिया है जबकि उसकी असल रोहानी ताक़त और हर किस्म कि मुश्किलात को दूर करने कि ताक़त से नहीं जानते है
जिस तरह मुल्क का एक पवार हॉउस होता है जिस के ज़रिये तमाम शहरों इलाकों को बिजली मिलती है और उस एनर्जी से हम अपने घर कि चीजों को अपने आलात को चलाते है उसी तरह कुरान उम्मते मुस्लिम का एक ऐसा पवार हॉउस है जिसकी बर्की ताक़त के ज़रिये हम दीनी व दुनयावी मकासिद को पूरा करते है
अल्लाह ने कुरान में फ़रमाया है कि अगर ये कुरान हम किसी पहाड़ पर उतारते तो तुम उसे डरकर रेज़ा रेज़ा और टुकड़े टुकड़े होता हुआ देखते
तो जब पहाड़ कुरान कि रोहानी ताक़त से टुकड़े टुकड़े हो सकता है तो क्या वजह है कि इसके पढने से दुनयावी और रोहानी परेशानियाँ दूर न हो और जिस्मानी बीमारियाँ ख़त्म न हो


जब शिफा के हासिल करने और मुश्किलात के हल कि शर्तो का लिहाज़ करते हुए कुरान को किसी बीमारी पर पढ़ा जाता है तो कोई बीमारी और परेशानी कुरान कि ताक़त का मुकाबला नहीं कर सकती |


 

 

वज़ीफ़ा और ज़िक्र किसे कहते हैं और दोनों में क्या फर्क है

 

वज़ीफ़ा किसे कहते हैं

वज़ीफ़ेका मतलब पढ़ने वाला अमल होता है जिस अमल को पढ़ कर दुआ की जाये उसे वज़ीफ़ा कहते है

 

ये वज़ीफ़ा कोई भी कलाम हो सकता है जैसे क़ुरआन, हदीस,असमाउल हुस्ना (अल्लाह के 99 नाम) आसमां उन नबी (नबी के 99 नाम) दुरूद शरीफ, दुआएं वग़ैरह

 

क़ुरानी वज़ीफ़ा किसे कहते है

वो वज़ीफ़ा जिस में क़ुरानी आयत या सूरत हों कुरानी वजीफा कहलाता है

नूरानी वज़ीफ़ा किसे कहते है

अगर क़ुरानी कलाम के अलावा हदीस,असमाउल हुस्ना (अल्लाह के 99 नाम) आसमां उन नबी (नबी के 99 नाम) दुरूद शरीफ, दुआएं वग़ैरह पढ़ी जाएँ तो उस को नूरानी वज़ीफ़ा कह सकते है क़ुरानी नहीं

वज़ीफ़ा और ज़िक्र में फ़र्क़

वज़ीफ़ा : इस में पढ़ने वाले का कोई दुनयावी मक़सद होता है

 

ज़िक्र : इस में पढ़ने वाले का मक़सद सिर्फ अल्लाह की ख़ुशी,अपनी आख़िरत,और सवाब,या पीर के बताये हुए कोई ज़िक्र पढ़े तो उसको ज़िक्र कहते है वज़ीफ़ा नहीं

 

दोनों में सिर्फ नियत का फ़र्क़ है वो ये कि वज़ीफ़े पढने में कोई दुनयावी मक़सद होता है और ज़िक्र में सिर्फ अल्लाह कि रिज़ा मक़सूद होती है दोनों को पढ़ा जाता है दोनों को दम नहीं किया जाता दोनों को पढ़ कर दुआ की जाती है

 

 

 

 

Dua For Your Parents Hindi | बहुत ही ताकतवर दुआ आपके मां बाप के लिए

 

मां बाप हमारे लिए अल्लाह की नेमत हैं उन्होंने न सिर्फ हमारी परवरिश की बल्कि जहाँ तक हो सका हमारे लिए हर उस चीज़ को हाज़िर कर दिया जो हमारी अच्छी ज़िन्दगी के लिए मददगार हो

सोचने वाली बात ये है कि वो हमारे लिए इतना कुछ करते हैं लेकिन हम ऐसा बहुत कम करते हैं जो उन के चेहरे पर मुस्कराहट ले आए और उनके दिल को खुश कर दे हम एक ऐसी सोसाइटी में रहते हैं जहाँ बेशुमार ऐसे लोग हैं जो अपने मां बाप को सिर्फ इस वजह से छोड़ देते हैं क्यूंकि वो उनकी सुनना नहीं चाहते

हालाँकि जिस ने अपने मां बाप को छोड़ दिया तो उसने अपनी ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा गवां दिया

 

एक पैदा करने वाली मां और और ऊँगली पकड़ा कर चलने वाला बाप आप से रुपया पैसा और दुनिया की ऐशो आराम नहीं चाहते बल्कि वो तो अपने बच्चों का साथ उनकी मुहब्बत चाहते है लेकिन हमारा वक़्त और हमारी मुहब्बत कहीं और फंस कर रह जाती है

हम दूसरों से कहते हैं कि मेरे लिए दुआ करो जबकि खुद उसके मां बाप मौजूद हैं उनको खुश करके उनकी दुआ नहीं लेते
हमें सिर्फ कुछ ऐसा करते रहने की ज़रुरत है जो उन के दिल को खुश कर दे और उन के दिल से दुआ निकले

हदीस में है कि अगर तुम जानना चाहते हो कि अल्लाह तुम से नाराज़ है या खुश तो तुम अपने मां बाप को देखो वो खुश हैं या नाराज़
आइये हम आज से तय कर लें कि हम वालिदैन की नाफ़रमानी नहीं करेंगे उनपर गुस्सा नहीं करेंगे

 

मां बाप के लिए दुआ

आज हम एक ख़ास दुआ लेकर आये हैं जो हर औलाद को अपने मां बाप के लिए करना चाहिए क्यूंकि खुद कुरान ने इस दुआ को सिखाया है कि अपने मां बाप के लिए ऐसे दुआ करो

 

हिंदी में
रब्बिर हम हुमा कम रब्बयानी सगीरा

ऐ मेरे रब जैसे उन दोनों ने बचपन में मेरी परवरिश की थी आप उन दोनों पर ऐसे ही रहम फरमाइए

सूरह बनी इसराइल आयत : 24

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5 duas for fighting from stress

5 दुआएं दुःख, मुश्किल, स्ट्रेस और डिप्रेशन से लड़ने के लिए

 

चूंकि हर इंसान खुदा ही का बंदा है और बन्दे खुदा ही के ज़रिये आराम पते हैं इसलिए इंसान का फ़र्ज़ है किवो हर रहत और सुकून को अल्लाह ही की तरफ समझे और हर मौके पर अल्लाह ही को याद करे चाहे वो मुश्किल का दौर हो या आसानी का दौर हो

इस दुनिया को सच्चा रास्ता दिखने वाले हादी मुहम्मद सल्लाल लाहू अलैहि वसल्लम दुनिया व आखिरत की कोई भलाई नहीं छोड़ी जो अल्लाह से न मांग ली हो

इंसान जब सारी दुनिया की तरफ से धुत्कार दिया जाता है और सामने उसे कोई ऐसा हाथ नज़र नहीं आता जो उसको सहारा दे सके कोई डॉक्टर नज़र नहीं आता जो उसका इलाज कर सके तो आखिर में उसे एक दुआ का सहारा ही नज़र आता है जिससे इलाज और मुश्किल का हल करना तो दूर तकदीरें तक बदल जाया करती हैं

और आज तो दुःख, मुश्किल, परेशानी, ज़हनी दबाव, स्ट्रेस ,और डिप्रेशन की बीमारी तो आम है लेकिन मायूस होने की ज़रुरत नहीं अल्लाह फरमाता है तुम मुझ से मांगो मैं कुबूल करूँगा और

इन तमाम चीजों के हल के लिए कभी नबी ने और किसी बड़े बुज़ुर्ग ने दुआये की हैं उन्ही में से

पांच दुआएं आप के सामने पेश की जाती हैं

 

 

1. ला इलाहा इल्ला अंता सुबहा नका इन्नी कुन्तु मिनज़ ज़लिमीन

 

ऐ अल्लाह तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तु पाक है बेशक मैं गुनाह करके अपनी जान पर ज़ुल्म करने वालों में से हूँ

 

बहुत ही ताकतवर दुआ आपके मां बाप के लिए

 

 

2. अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिन जह्दिल बलाई व दरकिश शकाई व सूइल क़जाई व शमाततिल आदाई

 

ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह मांगता हूँ आज़माइश की मशक्क़त से ,बदबख्ती के पाने से ,बुरी तकदीर से ,और दुश्मनों के खुश होने से

 

 

 

3. या हय्यु या क़य्यूमु बिरहम तिक अस्तगीसू

 

ऐ जिंदा और कायम रखने वाले मैं तेरी रहमत के वास्ते से फ़रियाद करा हूँ

 

 

 

4. अल्लाहुम्मा ला सहला इल्ला माँ जअल तहू सहला व अंता तज अलुल हजना इजा शिअता सहला

 

ऐ अल्लाह कोई काम आसान नहीं मगर वो काम जिसको तु आसान बना दे और तु जब चाहे तो संग्लाख ज़मीनों को भी हमवार कर दे

 

 

 

5 . अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल हम्मि वल हुज्नी वल अज्ज़ी वल कसली वल बुखनी वल जुब्नी व
ज़लइद देनी व गल्बतिर रिजाल

 

ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह चाहता हूँ परेशानी और गम से ,आजिज़ी और काहिली से ,बुजदिली और बुख्ल से ,और पनाह चाहता हूँ क़र्ज़ के बोझ और लोगों के गलबे से

 

 

आपका कोई भी करीबी इन परेशानियों से दो चार हो तो उसके साथ ये पोस्ट ज़रूर शेयर करें

 

बुरी नज़र से हिफ़ाज़त और उसका इलाज | protection from evil eye

Nazla Ya Zukam Ka Ilaj Hindi | क्या आप नज़ला या ज़ुकाम से बहुत परेशान है ?

 

Nazla Ya Zukam Ka Ilaj Hindi

क्या आप नज़ला या ज़ुकाम से बहुत परेशान है ?

क्या आप या आपका कोई रेलेटिव नजला ज़ुकाम को लेकर बहुत परेशान है ? तो ये पोस्ट ख़ास आपके लिए है |

आम तौर से मौसम के बदलने और ठण्ड लगने से कई बार सर्दी, खाँसी और ज़ुकाम की शिकायत हो जाती है। और अक्सर लोग इससे परेशान नज़र आते हैं क्यूंकि ये एक बहुत ही आम बीमारी है । यह लगभग हर शख्स में पायी जा सकती है।

और लोग इसके इलाज के लिए डाक्टर से भी मिलते हैं और घरेलू टोटके करते हुए भी नज़र आते हैं, खैर इसका इलाज तो करते रहिये लेकिन इसके लिए एक कुरानी वजीफा भी साथ करते रहिये जो कि बहुत ही आसान है हर कोई इस को कर सकता है और अपनी बीमारी से नजात पा सकता है |

 

वज़ीफ़ा ये है कि

1.आप जब भी नमाज़ के लिए वुजू करें

2. तो वुजू के बाद सूरह क़द्र यानि इन्ना अन्ज़ल्नाहू फ़ी लय्लतिल क़द्र तीन बार पूरी सूरह पढ़ लें

इंशा अल्लाह बहुत जल्द नजला ज़ुकाम से राहत मिल जाएगी |

 

(सूरह कद्र ( Soorah Qadr ) 30 वें पारे में है, इस सूरह में 5 आयतें हैं और कुरान में 598 पेज पर है )

सूरह क़द्र हिन्दी में

इन्ना अन्ज़ल्नाहू फ़ी लयलतिल क़द्र

वमा अदराका मा लय्लतुल क़द्र

लय्लतुल क़दरि खैरुम मिन अलफि शहर

तनज ज़लुल मला इकतु वर रूहू फ़ीहा बि इजनी रबबिहीम मिन कुल्लि अम्र

सलामुन हिया हतता मतलइल फज्र

Surah Qadr In English

Inna Anzalnahu Fi Laylatil Qadr

Wama Adraka Ma Laylatul Qadr

Laylatul Qadri Khairum Min Alfi Shahr

Tanaz Zalul Malaikatu War Roohu Fiha Biizni Rabbihim Min Kulli Amr

Salamun Hiya Hatta Matlail Fajr

 

Diabetes ( Sugar ) Ka Wazifa In Hindi | शुगर के मरीजों के लिए बेहतरीन वजीफा

 

Diabetes ( Sugar ) Ka Wazifa In Hindi

शुगर के मरीजों के लिए बेहतरीन वजीफा

 

मौजूदा दौर में जैसा हमारा लाइफस्टाइल है ऐसे में बेशुमार बीमारियों का होना यकीनी है और कुछ ऐसी ही बीमारियों की तरह शुगर भी है जो कि सिर्फ बड़ों में ही नहीं बल्कि छोटी उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आते रहते हैं |

मेरा एक स्टूडेंट पानी लेकर आया और कहने लगा कि इस पर दम कर दीजिये मेरी दादी को शुगर है और वो इस की वजह से बहुत परेशान रहती हैं तो उस वक़्त तो पानी पर दम कर दिया लेकिन मैंने इसका एक वजीफा सभी से शेयर करने का सोचा ताकि इस बीमारी की चपेट में आए लोग जब दवा के साथ दुआ भी शामिल करेंगे तो इसके बहुत अच्छे असरात पड़ेंगे |

इस वज़ीफे का कई बार तजरिबा किया गया है और बहुत ही फायदेमंद है अगर उसको पाबन्दी के साथ कर लिया जाये इंशा अल्लाह पेशाब से शुगर ( Sugar ) को ख़त्म कर देगा और Sugar का मरीज़ बहुत जल्द सेहतयाब हो जायेगा

 

वो वजीफा ये है

1. दुरूदे इबराहीमी 7 बार पढ़ें (जो नमाज़ में पढ़ी जाती है )

2. फिर 7 बार सूरह इनशिराह

3. फिर दुरूदे इबराहीमी 7 बार पढ़ें

4. ये अमल रोज़ाना 40 दिन तक करें

 

दुरूदे इबराहीमी

 

 

 

अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आलि इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद

Duroode Ibraaheemi

Allhumma Salli Ala Muhammad Wa Ala Aali Muhammad Kama Sallaita Ala Ibraaheema Wa Ala Aali Ibraaheema Innaka Hameedum Majeed

Allhumma Baarik Ala Muhammad Wa Ala Aali Muhammad Kama Baarakta Ala Ibraaheema Wa Ala Aali Ibraaheema Innaka Hameedum Majeed

सूरह इनशिराह

 

 

 

अलम नशरह लका सदरक व वज़अना अनका विज़रक

अल्लज़ी अन्कदा ज़हरक व रफअना लका ज़िकरक

फ़इन्ना मअल उसरि यूसरा इन्ना म अल उसरि युसरा

फ इजा फरगता फनसब व इला रब्बिका फरगब

Soorah Inshiraah

Alam Nashrah Laka Sadrak Wa Waza Ana Anka Wizrak

Allazi Anqada Zahrak Wa Rafa Ana Laka Zikrak

Fa Inna Ma Al Usri Usra Inna Ma Al Usri Usra

Faiza Faragta Fansab Wa Ila Rabbika Fargab

 

Be Aulaadi Ka Qurani Wazifa In Hindi | बे औलाद लोगों के लिए कुरानी वज़ीफ़ा

 

Be Aulaadi Ka Qurani Wazifa In Hindi

बे औलाद लोगों के लिए कुरानी वज़ीफ़ा

 

अस्सलामु अलयकुम दोस्तों ! पिछले कुछ दिनों पहले हमें अपने youtube Channel पर एक खातून का कमेन्ट मिला की कोई कुरानी वजीफा बता दीजिये जिससे मेरी बेऔलादी ख़त्म हो जाये और अल्लाह हमें औलाद से नवाज़े तो इस सिलसिले में पहले तो मुझे ये बात कहनी है कि इल्म हो औलाद हो या माल हो ये सब अल्लाह की नेअमतें हैं वो जिसको भी चाहता है नवाजता है |

लेकिन जो भी इन नेमतों से महरूम हो तो उसे नाउम्मीद नहीं होना चाहिए और और उसे चाहिए कि अल्लाह के सामने अपने ग़मों का दुखड़ा रोये और अपनी जाएज़ ज़रूरतों को आंसू बहाते हुए मांगे इस यकीन के साथ देने वाली ज़ात सिर्फ वही है तो इंशाल्लाह खुदा अपनी महरबानियों का साया उस पर कर देगा और नेअमतों की बौछार कर देगा और सिर्फ औलाद ही नहीं दुनिया भर की नेमतें उस के क़दमों में आ सकती है |

जैसा कि शायर ने कहा है कि

वो कौन सा काम है जो होता नहीं तेरे खुदा से

तो चलिए यहाँ पर कुछ वज़ीफे और दुआएं हम आपके सामने पेश कर रहे हैं जो कि कुरान की आयतें हैं और कई बार जिन का तजरिबा किया जा चूका है अगर इनको अपनी ज़िन्दगी में शामिल कर लें तो इंशाल्लाह महरूम नहीं रहेंगे |

 

वो वज़ीफे और दुआएं ये हैं

  1. जिस शख्स के यहाँ औलाद न होती हो तो ये दुआ 133 बार पढ़ कर पानी पर दम करें ( फूंक दें ) और फज्र नमाज़ के बाद दोनों मियां बीवी पियें

لِّلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ يَخْلُقُ مَا يَشَاءُ ۚ يَهَبُ لِمَن يَشَاءُ إِنَاثًا وَيَهَبُ لِمَن يَشَاءُ الذُّكُورَ – 42:49

 

लिल लाहि मुल्कुस सामावाती वाल अर्ज़ याख्लुकु मा यशाऊ यहबू लिमय यशाऊ इनासव व यहबू लिमय यशाऊज़ ज़ुकूर

 

तरजुमा : ज़मीन व आसमान में बादशाहत अल्लाह ही की है वो जो चाहता है पैदा फरमाता है जिसको चाहता है बेटियां देता है जिसको चाहता है बेटे देता है

2.जो औलाद की तमन्ना करता हो उसे इन कुरान की आयात को पढता रहना चाहिए , कम से कम हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद तीन बार ज़रूर पढ़े शुरू और आखिर में तीन बार दुरूद शरीफ पढ़े इंशाअल्लाह नेक औलाद की नेअमत से अल्लाह तआला नवाजेगे

 

21: 89 وَزَكَرِيَّا إِذْ نَادَىٰ رَبَّهُ رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْدًا وَأَنتَ خَيْرُ الْوَارِثِينَ –

व ज़करिय्या इज़ नादा रब्बहू रब्बी ला तज़रनी फरदव व अन्त खैरुल वारिसीन

तरजुमा : ए मेरे रब मुझे अकेला न छोड़ और तू बेहतरीन वारिस बनाने वाला है

 

رَبِّ هَبْ لِي مِنَ الصَّالِحِينَ – 37:100

रब्बी हब ली मिनस सालिहीन

तरजुमा : ए मेरे रब मुझे नेक बच्चा अत फरमा

 

هُنَالِكَ دَعَا زَكَرِيَّا رَبَّهُ ۖ قَالَ رَبِّ هَبْ لِي مِن لَّدُنكَ ذُرِّيَّةً طَيِّبَةً ۖ إِنَّكَ سَمِيعُ الدُّعَاءِ –3:38

हुनालिका दआ ज़करिय्या रब्बह काल रब्बी हब ली मिल लदुन्का ज़ुर्रिय यतन तय्यिबह इन्नका समीउद दुआ

तरजुमा : ए मेरे रब मुझे अपनी जानिब से नेक औलाद अता फरमा बेशक तू दुआ को खूब सुनने वाला है

 

Special Wazifa For Kidney Patient Hindi | आसान वज़ीफ़ा किडनी के मरीजों के लिए

 

Special Wazifa For Kidney Patient Hindi |

आसान वज़ीफ़ा किडनी के मरीजों के लिए

 

किडनी ( Kidney ) किसी भी इंसान को उसकी पूरी ज़िन्दगी जीने के लिए बहुत अहम् है, लेकिन कुछ लोग ( Kidney ) के फेल या उसके कमज़ोर होने की समस्या से जूझ रहे हैं और हमारे पास इसके लिए दुआ या वज़ीफ़ा है ।

एक वक़्त था जब गिने चुने लोग ऐसी बीमारियों के शिकार होते थे लेकिन आज का लाइफ स्टाइल और खानपान हमें ऐसी बीमारियों का शिकार बना रहा है जिनको पहले लोगों ने नाम ही न सुना था या मुश्किल से उन लोगों में पाई जाती थीं लेकिन बहरहाल इन बीमारियों के साथ जूझ रहे लोगों को इसके लिए दवा के साथ दुआ की भी ज़रुरत होती है ।

 

 

 

आपको यह भी बताना ज़रूरी है कि आप इलाज करते रहें क्योंकि दवा इलाज भी ज़रुरी है । और इसके साथ नीचे बताये गए वज़ीफे को अल्लाह पर कामिल यकीन रखते हुए पढ़ते रहें क्यूंकि दावा काम तभी कर सकती है जब उसमें अल्लाह शिफा डाल दे और अल्लाह की ज़ात जो मुर्दों में भी ज़िन्दगी पैदा कर सकती है तो इस मामूली बीमारी से छुटकारा क्यूँ नहीं ।

और सब से बेहतर बात तो ये है कि इन दुआओं को पड़ने से न सिर्फ शिफा मिलती है बल्कि सवाब भी मिलता है इसलिए दुआओं को हर हाल में अपनी ज़िन्दगी में शामिल करना चाहिए |

 

 

 

तो ये रहा वजीफा आप किसी भी वक़्त इसको पढ़ सकते हैं। लेकिन रोजाना इन बताई गयी दुआओं को पढना है

कमजोर या फेल किडनी के लिए वज़ीफ़ा / दुआ

 

बिस्मिल्ला-हिर-रहमा- निर-रहीम – ( Bismilla-Hir-Rahma-Nir-Raheem ) 100 बार – रोज़ाना

या खलीकु ( Ya Khaleequ ) – 100 बार – रोज़ाना ।

या बारी ( Yaa Baari ) – 100 बार – रोज़ाना ।

दुरूद शरीफ ( Durood Shareef ) – 3 बार – रोज़ाना ।

अस्तग़फिरुल्लाह ( Astagfirullah ) – जितनी बार आप पढ़ सकते हैं – रोज़ाना ।

 

हो सकता है किसी को इस की ज़रुरत हो इसलिए इस को लोगों तक पहुँचाने में हमारी मदद करें

 

Kidney Stone Ka ilaaj aur wazifa | गुर्दे और पित्ते की पथरी का इस्लामी इलाज

 

Kidney Stone Ka ilaaj aur wazifa

गुर्दे और पित्ते की पथरी का इस्लामी इलाज

इस मशीनी दौर में जितनी तरक्की हो रही है इंसान जिस्मानी तौर पर उतना ही कमज़ोर हो रहा है और हेल्थ को लेकर तरह तरह की प्रोब्लम सामने आ रही हैं | उन ही में से है गुर्दे और पित्ते की पथरी ( kidney stone ) जो कि बहुत ही आम है |

यहाँ पर इस के इलाज से रिलेटेड एक वज़ीफ़ा हम बता रहे हैं जिसको अगर मरीज़ को बराबर पिलाया जाये तो अल्लाह त आला बहुत जल्द इस मर्ज़ से छुटकारा दिलायेगा ( इंशा अल्लाह )

दवा, इलाज, वज़ीफ़ा आप कुछ भी करें लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि इन चीज़ों में शिफा डालने वाली ज़ात अल्लाह की है वो चाहेगा तो शिफा मिलेगी वरना इन दवाओं के अन्दर किसी को शिफा देने की ताक़त नहीं |

एक अहम् वाकिया

एक बार मूसा अ.स. को पेट में या कहीं पर सख्त दर्द हुआ तो उन्होंने अल्लाह से दुआ की कि “ए अल्लाह मुझे इस मर्ज़ से नजात दे” तो अल्लाह तआला ने उनको एक पेड़ के पत्ते को दवा के तौर पर इस्तेमाल करने को कहा तो मूसा अ.स. ने ऐसा ही किया और उनका दर्द चला गया |

यही दर्द जब मूसा अ.स. को दूसरी बार हुआ तो उन्होंने फिर उस पेड़ के पत्ते को इस्तेमाल किया लेकिन उनका दर्द नहीं गया तो अब मूसा अ.स. ने दुआ की कि ए अल्लाह मैंने तो वही किया जो पहले किया था लेकिन मेरा दर्द नहीं गया तो अल्लाह ने फ़रमाया कि पहले तुम ने मुझ से शिफा मांगी थी तो मैंने शिफा उस पत्ते में डाली और तुम ठीक हो गए लेकिन दूसरी बार तुम ने मुझ से शिफा नहीं मांगी बल्कि तुम ने उस पेड़ के पत्ते को ही शिफा देने वाला समझ लिया इसलिए तुम ठीक नहीं हुए |

इसलिए अल्लाह पर यकीन पहले है और इलाज बाद में है चलिए अब वज़ीफे की बात करते हैं

गुर्दे और पित्ते की पथरी का वज़ीफ़ा

इस आयत को रोजाना 41 बार पानी पर दम करें

और उस वक़्त तक मरीज़ को पिलायें जब तक कामयाबी न हो

 

English Me

 

 

हो सकता है किसी को इसकी ज़रुरत हो इसलिए इसे खूब शेयर करें

Best Dua For Getting Job Hindi | नौकरी पाने के लिए क़ुरानी दुआ और वजीफा

 

Best Dua For Getting Job Hindi

नौकरी पाने के लिए क़ुरानी दुआ और वजीफा

किसी जॉब या नौकरी की तलाश करना आज के दौर में बेहद मुश्किल है लेकिन ये हमें करना पड़ता है क्योंकि इस से हमारी ज़रूरतें जुड़ी हुई हैं । और आज के दौर में बाजार में नौकरियां बहुत कम हैं, लेकिन उम्मीदवारों की तादाद रोज़ाना बढती ही जा रही है, जिससे लोगों के लिए नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है।

हम आम तौर से अपने पढने वालों के लिए दुआएं और वाज़ीफे पोस्ट करते रहते हैं इसलिए हमने इस मुश्किल के हल के लिए भी दो वज़ीफे बयान किये हैं जिन्हें पूरे यकीन के साथ अगर आप पढ़ते हैं तो इंशा अल्लाह बहुत जल्द आपकी दुआ कुबूल होगी

यहाँ पर एक कुरानी दुआ और साथ ही एक वज़ीफ़ा भी दिया गया है |

पहला अमल

 

Hindi : फ़सक़ा लहुमा सुम्मा तवल्ला इलज़ जिल्ली फ़क़ाला रब्बी इन्नी लिमा अन्ज़ल्ता इलैया मिन खैरिन फ़क़ीर

English : Fasaqa Lahuma Summa Tawalla Ilaz Zilli Faqala Rabbi Inni Lima Anzalta Ilayya Min Khairin Faqeer

Translation : मूसा अ.स. ने उनके जानवरों को पानी पिला दिया फिर हट कर साये में आ गए और दुआ की कि ऐ मेरे रब मेरे लिए जो खैर भी तू भेज दे मैं उसका मोहताज हूँ

ये दुआ कब और किसने की ?

इस दुआ का ज़िक्र कुरान में किया गया है जब मूसा (अ.स.) फिरऔन के शर से बचने के लिए निकल पड़े थे । चलते चलते थकावट और भूक की वजह से वो बहुत कमज़ोर हो गए थे तब मूसा अ.स. ने आसमान की तरफ हाथ उठाकर ये दुआ की ।

इस दुआ के तुरंत बाद, अल्लाह तआला ने मूसा अ.स. को ऐसी सुविधाएं दीं जो उनके के लिए काफी थीं। वो शुएब अ.स. के घर मेहमान हुए और उनकी बेटी से मूसा अ.स. की शादी भी हुई ।

दूसरा अमल

नौकरी पाने और रिज्क में इज़ाफ़े के लिए एक बेहतरीन वज़ीफ़ा है, जो है

 

Hindi :या वह्हाबू “।

English : Ya Wahhabu

इसका क्या मतलब है ?

वह्हाबू का मतलब होता है ” बहुत देने वाला

मुझे इसे कितनी बार पढ़ना चाहिए?

आप इसे जितनी बार चाहें उतनी बार पढ़ सकते हैं, ख़ास कर हर नमाज़ के बाद पढ़ें तो इसका फायदा इंशाअल्लाह बहुत जल्द होगा | भले ही आप इसे दिन में एक बार पढ़ रहे हों, लेकिन दोनों को अपने पूरे दिल और यकीन से पढ़ना चाहिए।

 

Dua Of Yunus A.S. | मुश्किल वक़्त में युनुस अ.स. कौन सी दुआ की

 

Dua Of Yunus A.S.

मुश्किल वक़्त में युनुस अ.स. की दुआ हर मुसलमान को याद होना चाहिए

आप देखेंगे कि कुरान ने कई नबियों का ज़िक्र किया है और उनका किस्सा बयान किया है , हर किस्से में आप पाएंगे कि हर एक पैगंबर दुःख, मुश्किल और आजमाइशों से गुजरा और उनके ये सभी हालात कुरान में हैं। और पैगम्बरों ने अपने मुश्किल हालात में जो दुआ पढ़ी और कुबूल हुई कुरान ने उसी दुआ को उस पैगम्बर के किस्से में बयान किया है ताकि आने वाले तमाम इंसान ऐसी दुआओं का फायदा उठायें ।

यूनुस (अ.स.) अल्लाह तआला के भेजे हुए पैगंबर थे, उन्होंने मुश्किल वक़्त में जब वह मछली के पेट में थे दुआ पढ़ी, और इसी दुआ से उन्हें मदद मिली। इस दुआ में बंदा अपनी ज्यादतियों और गुनाहों का एतराफ करता है और अल्लाह की पाकी बयान करता है |

इस दुआ को पढ़ें , और याद करने की कोशिश करें ताकि जब भी आपको अपनी ज़िन्दगी में किसी भी मुश्किल का सामना करना पड़े, तो आप जब चाहे तब इसे पढ़ सकें और दुसरे मुसलमानों को भी सिखा सकें |

जब भी कोई दुआ मांगे तो…

और उलमा फरमाते हैं कि जब भी कोई दुआ मांगे पहले तीन बार इस दुआ को ज़रूर पढ़े इंशा अल्लाह दुआ ज़रूर कुबूल होगी |

अगर किसी मुक़दमें में फंसे हो या किसी तकलीफ और मुसीबत से दो चार हों तो

इस दुआ को एक या कई लोग मिलकर सवा लाख बार पढ़े

नोट : इस वज़ीफे का कई बार तजरबा किया गया है

 

दुआ (Dua Of Yunus A.S.) ये है …

yunus की दुआ

English : La Ilaha Illa Anta Subhanaka Inni Kuntu Minaz Zalimeen

 

Hindi : ला इलाहा इल्ला अंता सुब हानाका इन्नी कुन्तु मिनज़ ज़ालिमीन

 

तर्जुमा : (युनुस अ.स. ने अल्लाह को पुकारा ) आप के सिवा कोई माबूद नहीं और आपकी ज़ात हर ऐब से पाक है यक़ीनन मैं ही जालिमों में था

 

Dua aur Wazife jald shadi ke liye | दुआएं और वज़ीफे जल्द शादी के लिए

 

Dua aur Wazife jald shadi ke liye

दुआएं और वज़ीफे जल्द शादी के लिए

कुछ ही समय में शादी हो गई ? हां, अल्लाह तआला के यहाँ सब कुछ मुमकिन है, ये 7 दुआएं उन लड़कों और लड़कियों के लिए बेहद मुफ़ीद हैं, जिनकी शादी में मुश्किलें पैदा हो रही है।

कुछ लोग बहुत खुशकिस्मत होते हैं जिनकी शादी इस्लाम की हिदायत के मुताबिक वक़्त पर हो जाती है लेकिन फिर कुछ लड़के और लड़कियां ऐसे होते हैं जिनको शादी के पैगामात न मिलने पर न सिर्फ वो बल्कि उनके माँ बाप भी टेंशन में आ जाते हैं। लेकिन मायूस ना हो, क्यूंकि अगर देर हो रही है तो हो सकता है इस में कोई भलाई छुपी हो क्योंकि अल्लाह हमेशा सबके लिए भलाई चाहता है।

शादी के लिए बेहतरीन दुआ

अगर आप शादी के लिए दुआ खोज रहे हैं तो यहां 7 दूआए हैं इन में से किसी को अगर आप पढ़ते रहें जैसा कि बताया गया है, तो जल्द ही इंशाअल्लाह को शादी का पैग़ाम मिलेगा।

पहला . सूरह यासीन की तिलावत करना

सूरह यासीन अपनी बेशुमार बरकतों की वजह से “कुरान का दिल” मानी जाती है। कई मुश्किलों के हल के साथ साथ , रोज़ाना सूरह यासीन का पढना शादी से मुताल्लिक़ सभी समस्याओं का हल करता है।

दूसरा . सूरह दुहा और सूरह क़सस की आयत नंबर 24 पढ़ना

सूरह क़सस की आयत नंबर 24 एक ख़ास दुआ है जो मूसा अ.स. ने की थी जबकि वह मुश्किल में थे ।

उलमा कहते हैं , अगर कोई लड़का दिन में 100 बार इस आयत को पढ़ता है, तो इंशा अल्लाह जल्द ही उसके लिए एक बेहतर लड़की का रिश्ता मिल जायेगा ।

और लड़कियों को अगर शादी के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश है तो फज्र की नमाज़ के बाद 11 बार सूरह दुहा पढ़ना चाहिए।

तीसरा . “अल्लाह” के नाम का विर्द करना ( पढना )

इस तरह पढ़ें

11 बार: दुरूद शरीफ

313 बार: अल्लाह

11 बार: दुरूद शरीफ (आख़िर में)।

नोट: 41 दिनों तक हर नमाज़ के बाद बिना किसी गैप के इस तस्बीह को पढ़ें ।

चौथा . सूरह तौबा की आयत नंबर 129 पढ़ें

रोज़ाना किसी भी नमाज़ के बाद ये तस्बीहात पढ़ें ;

19 बार: बिस्मिल्लाह

1100 बार: सूरह तौबा की आयत नम्बर 129

 

100 बार: दुरूद शरीफ

19 बार: बिस्मिल्लाह (आख़िर में)।

इसको अपने या अपनी बेटी और बेटे के लिए जल्द ही शादी के रिश्ते के लिए पढ़ें ।

पांचवां . सूरह मरियम की तिलावत करें

सूरह मरियम को किसी भी नमाज़ के बाद, रोज़ाना एक बार पढ़ें । लेकिन यह सिर्फ़ लड़की या उसकी माँ ही कर सकती है।

छठा . तस्बीहे फातिमा ज़हरा (र.अ.)

किसी भी समय 2 रकात नमाज़ पढ़कर 11 बार दुरूद शरीफ पढ़ें ।

फिर तस्बीहे फातिमा जो कि है;

33 बार: सुब्हानल लाह

33 बार: अल्हम्दुलिल्लाह

34 बार: अल्लाहु अकबर

11 बार: दुरूद शरीफ (आख़िर में )

इसे पूरा करने के बाद, यह पढ़ें;

सूरह ताहा

सूरह शूअरा

सूरह क़सस

सूरह यासीन

और फिर, सूरह शूअरा

नोट: यह वज़ीफ़ा माँ बाप ही कर सकते हैं । माँ को ये वजीफा करना चाहिए और अगर वो न कर पाए तो बाप को यह करना चाहिए।

सातवां . सूरह मुज़म्मिल की तिलावत

अगर कोई लड़की बड़ी हो रही है और शादी के लिए कोई रिश्ता नहीं मिल पा रहा है, तो पैरेंट्स (माँ या बाप) में से किसी एक को जुमें की नमाज़ के बाद 2 रकात नमाज़ पढ़े और उसके बाद 21 बार सूरह मुज़म्मिल पढ़े।

अब आप बताएं इन में से कौन सा वजीफा कर रहे हैं

 

Blood Pressure Ka Wazifa (Dua) | ब्लड प्रेशर के लिए वज़ीफा

 

Blood Pressure Ka Wazifa (Dua)

ब्लड प्रेशर के लिए वज़ीफा

आज अक्सर लोग एक बीमारी से जूझ रहे हैं वो है ब्लड प्रेशर ( Blood Pressure ) और इसके चलते वो काफी परेशान रहते हैं जिसमें इलाज चलता रहता है और डाईट पर भी काफी ध्यान देना पड़ता है |

खैर ! अगर आप या आपका कोई रिश्तेदार इस से पीड़ित है तो एक वजीफा जिसको मैंने किसी के पूछने पर बताया भी था सोचा कि आज सभी को शेयर कर दूं ताकि एक बड़ी तादाद इस से फायदा उठा सके जो इस बीमारी को लेकर परेशान हैं |

जो इलाज आप कर रहे हैं वो करते रहें साथ में इस वज़ीफे को भी करते रहें इंशा अल्लाह बहुत जल्द शिफा मिलेगी

ब्लड प्रेशर के लिए वज़ीफा

1.इस वज़ीफे रोज़ाना करना है

2. पहले दुरूद शरीफ़ तीन बार

3.फिर इस आयत को रोज़ाना 101 बार पढ़ ले

अरबिक में ﴿3:134﴾ وَالۡكٰظِمِيۡنَ الۡغَيۡظَ وَالۡعَافِيۡنَ عَنِ النَّاسِؕ وَاللّٰهُ يُحِبُّ الۡمُحۡسِنِيۡنَۚ

हिन्दी में : वल काजी मीनल गैज़ा वल आफ़ीना अनिन नास वल लाहू युहिब्बुल मुहसिनीन

इंग्लिश में : Wal Kaaziminal Gaiza Wal Aafeena Anin Naas Wal Laahu Yuhibbul Muhsineen

4.फिर दुरूद शरीफ़ तीन बार

 

अगर ये न कर पाए तो दूसरा वजीफा किया जा सकता है

दूसरा वज़ीफ़ा दिल की घबराहट और ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने के लिए

1.313 बार दुरूदे इब्राहीमी ( जो नमाज़ में पढ़ी जाती है ) पढ़ें

2.और अपने सीने पर दम कर ले

3.रोज़ाना इसे करते रहें

 

दुरूदे इब्राहीमी (दुरूद शरीफ़) ये है

हिन्दी में :

अल अहुम्मा सल्लि अला मुहम्मादिव व अला आलि मुहम्मद

कमा सल लैता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद

अल अहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद

कमा बारकता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद

Durood Shareef In English :

Allahumma Salli Ala Muhaamadiw Wa Ala Aali Muhammad

Kama Sal Laita Ala Ibraheema Wa Ala Aali Ibraheema Innaka Hameedum Majeed

Allahumma Baarik Ala Muhaamadiw Wa Ala Aali Muhammad

Kama Barakta Ala Ibraheema Wa Ala Aali Ibraheema Innaka Hameedum Majeed

 

Dua In Hindi | 10 अहम् ज़िक्र और उनके फायदे जो हर मुसलमान के लिए ज़रूरी हैं

 

Dua In Hindi

10 अहम् ज़िक्र और उनके फायदे जो हर मुसलमान के लिए ज़रूरी हैं

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि ज़िक्र ( Zikr ) यानि अल्लाह को याद करना

ज़िक्र एक तरफ अल्लाह की तारीफ़ और बड़ाई बयान करने लिए है तो दूसरी तरफ अल्लाह की रहमत का साया हासिल करने के लिए है और
अल्लाह को बहुत पसंद है कि उसका बंदा उसका ज़िक्र करे क्यूंकि ज़िक्र करना गुनाहों को धो देता है |

कुरान और हदीस में बेशुमार ज़िक्र बयान हैं लेकिन यहाँ पर हा बहुत अहम् ज़िक्र को बयान करेंगे जिन पर अमल करके आप कम वक़्त में बेशुमार सवाब की दौलत अपने नाम कर सकते हैं |

1. कुरान पढ़ना

फ़ायदा : अगर आप कुरान पढ़ते हैं तो हर लफ्ज़ पर 10 नेकियाँ मिलती हैं

2. ला इलाहा इल लल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं ।

फ़ायदा: जन्नत के दरवाजे खुलेगे और बड़े बड़े गुनाहों से हिफाज़त होती है ।

 

3. सुबहानल्लाह या सुबहानल्लाहि वा बिहमदिही

तर्जुमा : अल्लाह की ज़ात पाक है और उसी की हम्द है

फायदा : इसको पढने पर जन्नत में एक पेड़ लगा दिया जाता है

 

4. अल्हम्दुलिल्लाह

तर्जुमा : तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए है।

 

5. सुबहानल्लाह वल हमदुलिल्लाह वला इलाहा इल्लल लाह वल लाहु अकबर

तर्जुमा : अल्लाह की ज़ात पाक है , तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं , अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं है, अल्लाह सब से बड़ा है |

फ़ायदा : इसके पढने पर गुनाह झाड़ते हैं |

 

6. ला हवला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह

तर्जुमा : नहीं है कोई कुव्वत और ताक़त सिवाए अल्लाह के ।

फ़ायदा : इसका विरद करने वाले जन्नत में एक ख़ास दरवाज़े से दाखिल होंगे |

7. सुबहानल्लाह (33 बार ), अल्हमदुलिल्लाह (33 बार ) और अल्लाह हू अकबर (34 बार)

= तीनों तस्बीह मिला कर 100 बार कुल !

तर्जुमा :

1.अल्लाह की ज़ात पाक है ।

2.तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं ।

3.अल्लाह सब से बड़ा है ।

फ़ायदा : ये तस्बीहे फातिमी कहलाती है क्यूंकि इस तस्बीह को प्यारे नबी स अ. ने अपनी बेटी फातिमा र.अ. को बताया था इसलिए इसको सोने से पहले और हर नमाज़ के बाद ज़रूर पढ़ें इसके बेशुमार फायदे हैं |

 

8. अस्ताग़फिरुल्लाह

तर्जुमा : मैं अल्लाह से मगफिरत ( गुनाहों की माफ़ी ) चाहता हूँ।

फ़ायदा : अपने किये गए गुनाहों पर अल्लाह की सज़ा से बचने के लिए बहुत मुफीद है ।

9. आयतुल कुरसी

सोने से पहले और हर नमाज़ के बाद पढ़ें।

अगर आप सोने पहले पढेंगे तो अल्लाह आपके लिए एक मुहाफ़िज़ फ़रिश्ता भेजता है और वो सुबह तक आपकी हिफाज़त करता है और कोई भी शैतान उस वक़्त तक आपके पास नहीं आएगा।

फ़ायदा : जो लोग नमाज़ के बाद इसे पढ़ते हैं , वे जन्नत में इंशा अल्लाह ज़रूर दाख़िल होंगे ।

10. दुरूद शरीफ़

जितनी बार हो सके पढ़ें सब से बेहतर दुरूदे इब्राहीमी है जो नमाज़ में पढ़ी जाती है

वरना पढ़े : अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद व अला आलि मुहम्मद

फायदा और फ़ज़ीलत : जो शख्स एक बार अल्लाह के रसूल स.अ. पर एक बार दुरूद भेजता है अल्लाह तआला उस पर 10 बार दुरूद भेजते हैं 10 गुनाह माफ़ कर देते हैं और 10 दरजात बलंद फरमाते हैं |

 

Dua For Qarz | क़र्ज़ और लोन से छुटकारा पाने की दुआ जो नबी (स.अ.) ने सिखाई

 

Dua For Qarz

क़र्ज़ और लोन से छुटकारा पाने की दुआ जो नबी (स.अ.) ने सिखाई

इस्लाम में किसी ज़रुरत मंद को क़र्ज़ देना, और अगर वो वक़्त पर ना दे पाए तो उसके साथ नरमी करना, और किसी दुसरे का क़र्ज़ अपने सर लेकर उसे अदा कर देना बहुत बड़ा सवाब बताया गया है | लेकिन लोन या क़र्ज़ उन चीजों में से एक हैं जो अगर ज़्यादा हो जाये तो ये तनाव के साथ-साथ डिप्रेशन का की वजह बन जाता है और कुछ लोग तो इस बोझ की ताब ना लाकर सुसाइड तक कर लेते हैं ।

हम यहाँ पर नबी स.अ के ज़रिये बताई गयी एक दुआ पेश करेंगे जो क़र्ज़ की अदायगी के लिए बहुत मददगार है

क़र्ज़ की अदायगी के लिए दुआ

 

Hindi : अल्लाहुम्मक फ़िनी बिहालालिक अन हरामिक व अगनिनी बि फ़ज्लिका अम मन सिवाक

English : Allahummak Fini Bi Halalik An Haramik Wa Agnini Bifazlika Am Man Siwak

Translation : ए अल्लाह मुझे मुतमइन फरमा हलाल चीज़ों से, और दूर रख हराम चीज़ों से, और मुझे अपने फजल से गनी फरमा, और मुझे खुद कफ़ील फरमा दूसरों के आगे हाथ फ़ैलाने से

एक वाकिया

तिरमिज़ी शरीफ़ में कहा गया है कि एक शख्स कर्ज में था, इसलिए वह हज़रत अली इब्न अबी तालिब (र.अ.) के पास आया, और उसने क़र्ज़ की अदायगी के लिए कुछ मदद मांगी। इसलिए हज़रत अली र.अ. उसे यह दुआ सिखाई, जो उन्हें पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने सिखाई थी।

हकीकत में, अल्लाह तआला ने कुरान और हदीस में हर चीज को वाज़ेह कर दिया है, अगर हम इन पर अमल करते हैं तो हम अपनी ज़िन्दगी को पहले से बेहतर बना सकते हैं । हम इन दुआओं और हदीस में बताये गए अमल को ज़रूर अपनी ज़िन्दगी में शामिल करें क्यूंकि ये अमल इसी ज़मीन पर खुद अल्लाह के नबी के ज़रिये किये गए हैं |

यह ऐसी दुआ है जिसे हम सभी को जानना चाहिए, और याद रखना चाहिए और इसे जानने वालों के साथ शेयर करना चाहिए। क्यूंकि ये ऐसी पावरफुल दुआ है जो बड़े तनाव से छुटकारा दिला सकती है, और हमें हर तरह की फ़िक्र से महफ़ूज़ कर सकती है ।

Shadi Ka Wazifa | अगर आप नेक बीवी की तलाश में हैं तो इस पर ज़रुर अमल करें

 

Shadi Ke Liye Wazifa

अगर आप नेक बीवी की तलाश में हैं तो इस पर ज़रुर अमल करें

सवाल : बहुत दिनों से एक नेक बीवी की तलाश में हूँ लेकिन नाकामी ही हासिल होती है कोई वज़ीफ़ा या अमल बताएं ?

जवाब : जी हाँ ज़रूर बताऊंगा क्यूंकि शादी और निकाह ऐसा रिश्ता है जिसको हमारे नबी ने अपनी सुन्नत बताया है और फ़रमाया है कि “निकाह मेरी सुन्नत है और जो इस से मुंह मोड़े वो हम में से नहीं” |

नबी स.अ. ने इस को सुन्नत इस लिए बनाया क्यूंकि इंसान निकाह से बेशुमार बदकारियों और गुनाहों से बच जाता है और उसकी फ़ितरी ज़रूरतें भी पूरी होती रहती हैं और इसी रिश्ते की बरकत से दो अजनबी एक दुसरे के दुःख दर्द बांटने और समेटने में पहल करते हैं जिस से दोनों की ज़िन्दगी ख़ुशगवार हो जाती है |

जहां तक निकाह न हो पाने का मसअला है तो इस मुश्किल के हल के लिए अलग अलग वज़ीफे हैं जिन को मैं आप के सामने बयान कर रहा हूँ, अल्लाह तआला आपकी मुश्किल आसान करे |

पहला वज़ीफ़ा

खूब इस्तिग्फार करो

इस्तगफार ( Istigfaar ) का मतलब अल्लाह से माफ़ी और मगफिरत तलब करना

 

दूसरा वज़ीफ़ा

या जामिऊ

Ya Jaamiu

500 बार पढ़ा करो

 

तीसरा वज़ीफ़ा

सूरह अहज़ाब ( Surah Ahzab ) लिखिए और घर में रख दीजिये

ये सूरह 21 वें पारे में है

 

चौथा वज़ीफ़ा

उलमा ने लिखा है कि जिस नौजवान की शादी में रुकावट आ रही हो तो अगर वो मस्जिद में झाड़ू दे और और मस्जिद की खिदमत करे तो उस खिदमत की बरकत से अल्लाह तआला उस नौजवान को खादिमा अता फरमा देते हैं | अगर औरत की शादी न हो रही हो तो वो अपने भाई को मस्जिद की सफाई और उसकी खिदमत के लिए भेजे |

लेकिन याद रखें कि

अगर आप ऐसी बीवी की तलाश में हैं जिस में कोई ऐब न हो तो ऐसी बीवी मिलना मुश्किल है वो तो इंशा अल्लाह जन्नत में ही मिलेगी इसलिए कोई अल्लाह की बंदी मिल जाये उसे अपनी शरीके हयात बना लीजिये |

 

Beemar Ke liye Kaun Si Dua Padhen | बीमार के लिए कौन सी दुआ पढ़ें

 

Beemar Ke liye Kaun Si Dua Padhen

बीमार के लिए कौन सी दुआ पढ़ें

मरीज़ से मिलने पर ये पढ़ें

 

Hindi : ला ब’असा तहूरून इंशा अल्लाह

English : La Ba’asa Tahoorun Insha Allah

Translation : कोई डर नहीं इंशा अल्लाह ये बीमारी गुनाहों से पाक करने वाली है

 

मरीज़ की शिफ़ा के लिए दुआ

 

Hindi : अस अलूल लाहल अज़ीमा रब्बल अरशिल अजीमि अय यश्काफियका

English : As Alul Lahal Azeema Rabbal Arshil Azeemi Ay Yashfiyaka

Translation : अरशे अज़ीम के बलंद बाला ख़ुदा से आप की सेहत का सवाल करता हूँ

 

Har Takleef Se Hifazat Ki Dua | हर तकलीफ़ से हिफाज़त से हिफाज़त की दुआ

 

Har Takleef Se Hifazat Ki Dua

हर तकलीफ़ से हिफाज़त से हिफाज़त की दुआ

अगर आप आने वाले वक़्त में होने वाली मुसीबतों और नापसंदीदा वाकिआत से बचना चाहते हैं और चाहते हैं कि सुबह शाम अल्लाह की अमान और हिफाज़त में रहें तो इस दुआ को सुबहो शाम पढने की आदत बना लें |

ये दुआ जो कई हदीस की किताबों में मौजूद है इस से इसकी अहमियत का पता चलता है इसलिए इसको अपनी ज़िन्दगी में ज़रूर लायें अल्लाह आपकी हिफाज़त फरमाए ! आमीन

Subah Shaam Ki Dua In Hindi | सुबहो शाम पढ़ने की दुआ

 

Hindi : बिस्मिल्लाहि ला यजुररु मआ इस्मिही शय उन फ़िल अरज़ि वला फिस समाअ वहुवस समीउल अलीम

Translation : उस अल्लाह के नाम के साथ जिसके नाम की बरकत से कोई चीज़ नुक़सान नहीं पहुंचा सकती ज़मीन की हो या आसमानों की और वो खूब सुनने वाला और जानने वाला है

 

कितनी बार इस दुआ को पढ़ें | इस दुआ की फ़ज़ीलत

जो शख्स इस दुआ को सुबहो शाम तीन तीन बार पढ़ेगा इंशा अल्लाह उसको कोई चीज़ तकलीफ़ नहीं देगी

 

Qurani Ilaj | हड्डियों के दर्द और हड्डियों की किसी भी Problem के लिए बेहतरीन दुआ

 

Qurani Ilaj |

हड्डियों के दर्द और हड्डियों की किसी भी Problem के लिए बेहतरीन दुआ

हम जानते हैं कि जब लोग बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी हड्डियों में दर्द की वजह से उनके लिए नमाज़ पढना, बैठना या देर तक खड़े रहना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी हड्डियों में तेज दर्द बगैर किसी वजह से होता है या किसी वजह से जैसे गठिया।

लेकिन वाक़ई कुरान में हमारी सभी समस्याओं का जवाब है। अल्लाह ने पवित्र कुरान में हर एक बात की वज़ाहत की है। और इसी क़ुरआन से आज हम हड्डियों की Problem का हल बताएँगे क्यूंकि हमारे पास हड्डियों की समस्या के लिए एक ख़ास दुआ है |

जैसा कि आप जानते हैं हम DeeniBaatein.Com पर कुरान शरीफ़ या हदीसों में बताई गयी दुआओं को आप से शेयर करते हैं, इसलिए ये दुआ भी आपके बहुत काम आ सकती है, आप इलाज करते रहें साथ ही इस दुआ को पढ़ते रहें |

यह दुआ किसने पढ़ी थी ?

यह दुआ पैगंबर हज़रत ज़करिया (अ.स.) ने पढ़ी थी जिसका ज़िक्र सूरह मरियम में किया गया है, क्योंकि पैगंबर ज़करिया (अ.स.) बुढ़ापे को पहुंच रहे थे और उनकी हड्डियां कमजोर होने लगी थीं। तब उन्होंने अल्लाह (SWT) की मदद लेने के लिए इस दुआ को पढ़ा।

दुआ ये है

 

Hindi : काल रब्बि इन्नी व हनल अज्मु मिन्नी वश तअलर रअ’सु शैबव वलम अकुम बिदुआइ रब्बि शकिय्या

English : Qala Rabbi Inni Wa hanal Azmu Minni Wash Ta Alar Ra’su Shaibaw Walam Akum Biduai Rabbi Shaqiyya

 

इस दुआ को कब पढ़ें ?

आप इसे किसी भी वक़्त पढ़ सकते हैं, लेकिन हर नमाज़ के बाद पढ़ना ज़्यादा बेहतर है । लेकिन जब भी आप इसे पढ़ें, पूरे दिल से पढ़ें और अल्लाह SWT से प्रार्थना करें कि यह दुआ आपकी हड्डियों के लिए राहत का सबब बने ।

 

Ankhon Ki Roshni Ke Liye Wazifa |आँखों की रौशनी व तेज़ नज़र का वज़ीफ़ा

 

Ankhon Ki Roshni Ke Liye Wazifa

आँखों की रौशनी व तेज़ नज़र का वज़ीफ़ा

आँखों की रौशनी और निगाह व नज़र ऐसी अहम् चीज़ है कि इस में कुछ कमी हो तो कई चीज़ों में रुकावट पैदा हो जाती है अगर ये बाक़ी ही न रहे तो इंसान के लिए पूरी दुनिया ही अँधेरी हो जाती है |

जैसा कि हम बहुत सारे क़ुरानी वज़ीफे अपने पढने वालों के लिए लाते रहते हैं तो इसी तरह से हम आज निगाह और नज़र में बढ़ोतरी के लिए कुछ वज़ीफे बता रहे हैं

Wazifa Ki Roshni Ke Liye

 

Dua In Hindi : फ़ कशफ्ना अंका गिताअका फ़ बसरुकल यौमा हदीद (सूरह क़ाफ़: 22)

Translation : हमने हटा दिया आज तुझ से तेरे परदे को, सो आज तेरी निगाह बड़ी तेज़ है

हर नमाज़ के बाद इस आयत को तीन या सात बार पढ़े, फिर दोनों हाथों की शहादत की ऊँगली दम करे और दोनों आँखों पर फेरे

या सुबह उठते ही मुंह धोये बगैर इसी आयत को सात बार पढ़े और पाक साफ़ शहादत की ऊँगलियों पर अपना लुआब लगाये और उस पर दम करके दोनों आँखों में लगाये इसका कई बार तजरिबा किया जा चूका है बहुत ही बेहतरीन वज़ीफ़ा है |

 

आँखों के लिए दूसरा वज़ीफ़ा

वजू के बाद सूरह इन्ना अन्ज़लना एक मरतबा आसमान को देखते हुए पढ़ने से नज़र तेज़ होती है |

नज़र तेज़ करने का तीसरा वज़ीफ़ा

हर नमाज़ के बाद या नूरु ग्यारह बार पढ़े और दोनों शहादत की उँगलियों पर दम करे और अपनी आँखों पर फेरे |

 

आँखों के लिए चौथा वज़ीफ़ा

नज़र की हिफाज़त के लिए ये दुआ भी करे :

Dua In Hindi : अल्लाहुम्मा आफिनी फ़ी बसरी

Translation : ए अल्लाह मेरी आँख की हिफ़ाज़त फरमा |

 

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Epilepsy | मिर्गी ( Mirgi ) सख्त बीमारी या कोई तकलीफ़ हो तो क्या पढ़ें ?

 

Epilepsy | मिर्गी ( Mirgi )

सख्त बीमारी या कोई तकलीफ़ हो तो क्या पढ़ें ?

हम में से हर शख्स किसी न किसी बीमारी उलझन या तकलीफ़ में मुब्तला रहता है और कभी कभार ये तकलीफ़ और बीमारी ख़त्म होने का नाम नहीं लेती है |

उन ही बीमारियों में से एक बीमारी मिर्गी ( Epilepsy ) है जिस में इंसान पर वक़्त वक़्त से दौरे आते रहते हैं और इलाज करने पर भी जल्दी इस से छुटकारा नहीं मिल पाता है और इस उलझन से निकल नहीं पाता है |

यहाँ पर हम एक क़ुरानी दुआ बताने जा रहे हैं जिसे अगर पढ़ा जाये तो न सिर्फ़ मिर्गी की बीमारी से बल्कि कोई दूसरी सख्त बीमारी या तकलीफ हो तो इंशा अल्लाह उस से ज़रूर नजात मिल सकती है

मिर्गी, ( Epilepsy ) सख्त बीमारी या तकलीफ़ की दुआ

ये वो दुआ है जिसको अय्यूब अ.स. ने अपनी बीमारी की हालत में की थी जब वो बहुत सख्त बीमार थे

जिसे मिर्गी के दौरे पड़ते हों उसे सात बार पानी पर दम कर के पिलाते रहें इंशा अल्लाह जल्द शिफ़ा मिलेगी वो दुआ ये है ….

 

Hindi : रबबि इन्नी मस सनियज़ ज़ुर्रु व अंता अरहमुर राहिमीन

Translation : ए मेरे रब मुझे तकलीफ़ पहुंची है और तू सब से ज़्यादा रहम करने वाला है ( सूरह अम्बिया :83 )

 

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Dua For Sneezing | Cheenkne Ki Dua | छींक आने की दुआ

 

Dua For Sneezing

Cheenkne Ki Dua | छींक आने की दुआ

हमारे रोज़ाना के अक्सर काम ऐसे होते हैं जो जानबूझकर होते हैं, लेकिन, कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जो हर दिन अनजाने में होती हैं। ऐसी चीजों में से एक छींकने की क्रिया है। और छींक आना भी इंसान के सेहतमंद रहने के लिए ज़रूरी है और ये अल्लाह की जानिब से एक बड़ी नेअमत है ।

इसलिए जब भी छींक आए तो हमें चाहिए कि अल्लाह का शुक्र अदा करे । इसलिए यहाँ पर हम वो दुआयें बताने जा रहे हैं जो आपको जब भी छींक आए तो पढ़ें, और छींकने वाले की दुआ का जवाब देने के लिए सामने वाले शख्स को भी दुआ पढना चाहिए |

Cheenkne Ki Dua | छींक आने की दुआ

 

Dua In Hindi : अलहम दुलिल लाह

Translation : तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए है

किसी को छींकने की दुआ पढ़ते देख कर दूसरा शख्स इस दुआ से जवाब दें

 

Dua In Hindi : यर हमुकल लाह

Translation : अल्लाह आप के साथ रहम का मामला फरमाए

 

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7 Ayate Shifa Quran Men | क़ुरान में शिफ़ा की 7 आयतें

 

7 Ayate Shifa Quran Men

क़ुरान में शिफ़ा की 7 आयतें

अगर आप के घर में कोई मरीज़ है या आप खुद किसी न किसी मर्ज़ से परेशां हैं तो ऐसे में दवा के साथ दुआ का सहारा ज़रूर लेना चाहिए और दुआ वो जिसको अल्लाह तआला ने क़ुरआन में बताया है |

वैसे तो पूरा क़ुरआन ही शिफ़ा है लेकिन यहाँ पर बुजुर्गों की बताई हुई कुछ ख़ास आयतें पेश की जाएँगी | ये ऐसी दुआएं हैं जो इंसान के बनाने वाले के कलाम यानि क़ुराने पाक में मौजूद हैं, अगर कोई इंसान इन पर पाबंदी से अमल करे तो रोहानी मर्ज़ हो या जिस्मानी मर्ज़ इंशा अल्लाह शिफ़ा हासिल करेगा |

इन को कैसे पढ़ें

पहले सूरह फ़ातिहा ( अलहम्दु शरीफ़ ) पढ़ें

फिर इन आयतों को पढ़ कर पानी पर दम करें और मरीज़ को पिला दें

वो शिफ़ा की आयतें ये हैं

 

Hindi : व यशफि सुदूरा कौमिम मुअ’मिनीन

Translation : और मोमिनों के दिल को ठंडा कर दे

 

 

Hindi : या अय्युहन नासु क़द जा अत्कुम मौइज़तुम मिर रब्बिकुम व शिफ़ाउल लिमा फिस सुदूर व हुदव व रहमतल लिल मुअमिनीन

Translation : ए लोगों तुम्हारे लिए तुम्हारे रब की तरफ से नसीहत और दिलों के रोग की शिफ़ा और मोमिनों के लिए हिदायत व रहमत आ पहुंची

 

Hindi : यखरुजू मिम बुतूनिहा शराबुम मुख्तलिफुन अल्वानुह फ़ीहि शिफाऊल लिन्नास

Translation : उस के पेट से मुख्तलिफ रंगों का एक मशरूब निकलता है जिस में लोगों के लिए शिफ़ा है

 

Hindi : व नुनज्ज़िलू मिनल क़ुरआनिल मा हुवा शिफाऊव व रहमतुल लिल मुअमिनीन

Translation : और हम वो क़ुरआन उतार रहे हैं जो ईमान वालों के लिए शिफ़ा व रहमत है

 

Hindi : व इज़ा मरिज्तु फ़हुवा यश्फीन

Translation : और जब मैं बीमार होता हूँ तो वो मुझे शिफ़ा देता है

 

Hindi : क़ुल हुवा लिल लज़ीना आमनू हुदव व शिफ़ा

Translation : कह दीजिये वो मानने वालों के लिए हिदायत और शिफ़ा है

 

Hindi : काल मूसा मा जिअ’तुम बिहिस सिहर इन्नल लाह सयुबतिलुहू इन्नल लाह ला युस्लिहु अ मलल मुफसिदीन

Translation : फिर जब उन्होंने फेंका तो मूसा अ.स. ने कहा जो तुम लाये हो वो जादू है, अल्लाह इसको जल्दी ही मिटा कर रहेगा, अल्लाह तआला फ़सादियों का काम हरगिज़ नहीं बन्ने देता |

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Padhai Me Dil Kaise Lagaye Dua | बच्चों का पढाई में दिल लगाने का वज़ीफ़ा

 

Padhai Me Dil Kaise Lagaye Dua

बच्चों का पढाई में दिल लगाने का वज़ीफ़ा

इस हकीकत से आप इनकार नहीं कर सकते कि माँ बाप अपने बच्चों के लिए इस दुनिया में सब से ज़्यादा खैरख्वाह होते हैं और इसी खैरख्वाही की वजह से वो अपने बच्चों की तालीम पर उनकी तरबियत पर पूरी तवज्जो देते हैं, लेकिन बच्चे के अन्दर क्यूंकि अभी बचपना है इसलिए उसे हर तरह का खेल अपनी तरफ मुतवज्जे करता है और कभी कभार इन्ही खेलों में पड़ कर वो अपनी पढाई पर फोकस नहीं कर पाते |

आज कल करीबन हर घर में यही हो रहा है ये किसी एक घर की बात नहीं है नतीजा ये होता है कि ऐसे वालिदैन अपने बच्चे के लिए उसके स्कूल से आयी शिकायतों की वजह से परेशान रहते हैं, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है यहाँ पर हम आप को कुरान की एक सूरह बताते हैं जो आपको इस मुश्किल के हल में इंशा अल्लाह मदद करेगी |

 

वज़ीफ़ा और दुआ ये है

कोई बच्चा पढाई से दूर भागता हो तो….

1. सूरह इन्फितार ( इज़स समाउन फत रत जो कि 30 वें पारे में है ) को पढ़ें

2. उसको पानी पर या किसी मीठी चीज़ पर दम कर दें

3. फिर वो चीज़ बच्चे को खिला दें

इस को आप करके देखें इंशा अल्लाह बहुत जल्द बच्चा पढाई में दिलचस्पी लेने लगेगा |

 

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Sar Dard Aur Pet Dard Ki Dua | सर दर्द और पेट दर्द की क़ुरानी दुआ

 

Sar Dard Aur Pet Dard Ki Dua

सर दर्द और पेट दर्द की क़ुरानी दुआ

हम आम तौर से बेशुमार बीमारियों में उलझे रहते हैं जिन में कुछ छोटी छोटी चीज़ें तो सभी को लगी रहती हैं जैसे कुछ काम ज्यादा पड़ गया तो थकान की वजह से सर दर्द या और किसी दूसरी वजह से भी हो जाता है और खाने पीने में थोड़ी सी ऊंच नीच हो गयी तो पेट दर्द फ़ूड पोइज्निंग जैसी समस्या तो करीबन हर किसी को लगी रहती हैं |

तो चलिए इन दो मुश्किलों का हल कुरान में दी गयी आयतों से करते हैं जो कि अल्लाह का कलाम है और हर रोहानी व जिस्मानी बीमारियों से ठीक होने में मदद करता है |

पेट में दर्द के लिए दुआ

 

Dua In Hindi : ला फ़ीहा गौलुव वला हुम अन्हा युनज़फून ( सूरह साफ़फात )

Translation : न उसमें चक्कर आएगा और न पीने वाले बहकेंगे

इस आयत को 3 बार पढ़ें और पानी पर फूँक कर पिला दें

सर में दर्द के लिए

 

Dua In Hindi : ला युसद दऊना अन्हा वला युन्ज़िफून ( सूरह वाक़िया )

Translation : न उनके सर में दर्द होगा न उनके अक्ल में फुतूर आयेगा

जिसके सर में दर्द हो उस पर 3 बार पढ़ कर दम करें ( फूँक दें )

 

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Sharab ki aadat kaise chudayen | शराब की आदत छुड़ाने का वज़ीफ़ा

 

Sharab ki aadat kaise chudayen

शराब की आदत छुड़ाने का वज़ीफ़ा

क्या आप अपने शौहर, भाई, बाप या किसी क़रीबी के शराब की आदत से परेशान हैं और ये चाहते हैं कि जल्द से जल्द उसकी ये आदत छूट जाये तो आप को यह गौर से पढनी चाहिए क्यूंकि इसमें दो वज़ीफे ऐसे बताए जायेंगे जिससे आपकी मुश्किल का हल मिल सकता है |

जो चीज़ें इस्लाम में सख्ती से हराम की गयी हैं शराब उन ही में से एक है और हदीस में उसको तमाम बुराइयों की जड़ करार दिया है इसलिए हर एक मोमिन को इस बुरी आदत के क़रीब भी जाने से बचना चाहिए लेकिन कुछ लोग ग़लत संगत में पड़ कर ऐसी बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं, ग़ज़ब तो उस वक़्त होता है जब घर का कोई फर्द इस बुरी लत का शिकार होता है और उसकी इस आदत से तमाम घर वाले परेशां रहते हैं और चाहकर भी इसको इससे रोक नहीं पाते तो चलिए आज हम इस मसअले का हल कुरान और हदीस में ढूँढ़ते हैं |

पहला वज़ीफ़ा

 

Dua In Hindi : इन्नमल खमरू वल मय्सिरू वल अन्साबु वल अज्लामु रिज्सुम मिन अमलिश शैतान फ़ज तनिबूह

लअल्लकुम तुफ्लिहून

आपको करना ये है कि ऊपर बताई गयी आयत को 121 बार पढ़ें

पानी पर दम ( फूंकें ) करें और सुबह नहार मुंह जिसको ये आदत हो उसको पिलायें

इंशा अल्लाह बहुत जल्द शराब की आदत छूट जाएगी | इस का तजरिबा किया जा चूका है |

 

दूसरा वज़ीफ़ा

इस आदत का मरीज़ जब सो जाये तो उसके सामने सूरह कौसर 11 बार 11 ही दिन तक पढ़ें तो ये आदत बहुत जल्द छूट जाती है

अगर किसी बच्चे को बिस्तर पर पेशाब की शिकायत हो तो यही अमल उसपर भी किया जाये तो बिस्तर पर पेशाब की शिकायत भी दूर हो जाती है और बच्चे की शरारत भी कम हो जाती है |

तीसरा वज़ीफ़ा

या रऊफु

या हकीमु

या मन्नान

आप ये रोज़ाना 100 बार पढ़ कर दुआ किया करें कि अल्लाह उनको ( यानि जिसको ये आदत हो उसको ) तमाम बुरी आदतों बचाए |

नोट : आप अपनी आसानी के लिए इन में से कोई भी वज़ीफ़ा कर सकते हैं |

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Chehre Ki Khubsurti Ke Liye Dua | चेहरे की ख़ूबसूरती के लिए वज़ीफ़ा

 

Chehre Ki Khubsurti Ke Liye Dua

चेहरे की ख़ूबसूरती के लिए वज़ीफ़ा

ख़ूबसूरत चेहरा जो अल्लाह की एक बहुत बड़ी नेअमत है, लेकिन आम ज़िन्दगी में हमारे खानपान और प्रदूषण की वजह से इस पर दाग़ धब्बे आ जाते हैं जिससे चेहरे का नूर ख़त्म हो जाता है, और हम में से हर एक इन दाग़ धब्बों को मिटाने के लिए और क़ुदरती ख़ूबसूरती पाने के लिए हर तरह के जतन करता है, चलिए आज हम इसका रोहानी और जिस्मानी इलाज बताते हैं जो अगर आप करेंगे तो चेहरा पुरनूर होगा |

चेहरे की ख़ूबसूरती के लिए रोहानी अमल

दुरूद शरीफ़

औरत हो या मर्द मेकअप करने के बजाये दुरूद शरीफ़ की आदत डालें और इस पर एक महीना अमल करें फिर आप ख़ुद महसूस करेंगे कि आप के चेहरे पर पुरनूर तब्दीली आई है |

ख़ूबसूरत चेहरे के लिए जिस्मानी अमल

ज़ैतून का तेल

ज़ैतून का तेल ( Olive oil ) ज़ैतून के फलों से निकाला जाता है जो वजन के कम करने, कब्ज की शिकायत होने, शुगर के बढ़ जाने, बालों की तमाम समस्या के समाधान या पिंपल जैसी मुश्किल से पीछा छुड़ाने, दिमाग़ और हड्डियों के लिए बहुत ही कारगर है और यह चेहरे के लिए बहुत ही बेहतरीन है |

बादाम का तेल

बादाम का तेल ( Almond Oil ) इस तेल मे मौजूद एन्टी-ऑक्सीडेंट चेहरे की कई प्रोब्लम से पीछा छुड़ाने में आपकी मदद करते हैं और skin को ख़ूबसूरत बना देते है |

इनका इस्तेमाल कैसे करें ?

आपको सिर्फ इतना करना है कि इन दोनों तेल को मिला कर रख देना है और फिर सुबह व शाम चेहरे पर लगाना है जिससे आप के चेहरे पर इंशा अल्लाह क़ुदरती रौनक आएगी |

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Dua For Memory, Eye Sight, Paralysis Hindi | याददाश्त, निगाह और फ़ालिज के लिए वज़ीफ़ा

 

Dua For Memory, Eye Sight, Paralysis Hindi

याददाश्त, निगाह और फ़ालिज के लिए वज़ीफ़ा

क्या आप अपने चेहरे पर दाग़ और धब्बों से परेशान हैं, चीज़ें रखकर भूल जाया करते हैं और निगाह भी इतनी कमज़ोर है कि चश्मा लगाने की नौबत आ गयी है तो चलिए हदीस शरीफ़ में इसका क्या इलाज बताया गया है चलिए इस पर बात करते हैं |

मुस्नद अहमद और तिबरानी की रिवायत में है कि नबी स.अ. ने इरशाद फ़रमाया :

जो शख्स फ़ज्र के बाद 3 बार ये दुआ पढ़ ले तो अल्लाह तआला उसे 4 बड़ी बड़ी बीमारियों से बचायेंगे

1. पागलपन : अगर कोई Mentally Unbalanced हो या चीज़ें बहुत जल्दी भूल जाती हों तो इस दुआ के पढने से इस बीमारी बचा जा सकता है |

2. कोढ़ पन : यानि चेहरा बदसूरत हो जाना चेहरे पर सफ़ेद दाग़ हो जाना और दाने, मुहांसे वगैरह आ जाना या कोई ऐसी चीज़ चेहरे पर आ जाना जिससे चेहरा बदसूरत होता हो उस से अल्लाह त आला नजात दे देंगे |

3. अंधापन : अंधेपन का मतलब ये नहीं कि आँखों की रौशनी चली गयी बल्कि आँखों में मोतियाबिंद या आँखों पर चश्मा लगाना पड़ गया ये सब इसी ज़ुमरे में आते हैं यानि जिसकी नज़र कमज़ोर हो वो भी पढ़ सकते हैं |

4. फ़ालिज : इसका मतलब एक तो ये होता है कि इंसान का हाथ या पैर काम ही न करे और इसका मतलब ये भी होता है कि इंसान कहे कि मुझ से खड़ा ही हुआ नहीं जाता या इसी तरह हाथ पैर वगैरह का सुन हो जाना |

तो अल्लाह त आला इन बड़ी बड़ी बीमारियाँ से बचा लेते हैं इस एक छोटे से अमल से जो फज्र के बाद पाबंदी से किया जाये तो अल्लाह तआला चेहरा पुरनूर बना देते हैं, मेमोरी तेज़ कर देते हैं,निगाह को तेज़ कर देते हैं, और जिस्म को कई बीमारियों महफूज़ कर देते हैं

 

Dua In Hindi : सुब हानल लाहि व बिहमदिही वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल लाह

Translation : गुनाहों से बचने की ताक़त और नेक काम करने की क़ुव्वत सिर्फ़ अल्लाह ही की तरफ़ से है

 

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Success Aur Kamayabi Ki Dua Hindi | किसी भी काम में कामयाब होने की दुआ

 

Success Aur Kamayabi Ki Dua Hindi

किसी भी काम में कामयाब होने की दुआ

हर इंसान अपनी ज़िन्दगी में कहीं न कहीं दाख़िल हो रहा होता है और कहीं न कहीं से निकल रहा होता है, बात समझ में नहीं आई चलिए समझाते हैं |

आदमी जब घर में दाखिल हुआ तो उसको आफियत चाहिए, खुशहाली चाहिए, घर वालों की खैरो आफियत चाहिए, और जब घर से निकल रहा हो तो भी उसको आसानी और जिस काम के लिए जा रहा है उस काम के लिए आफियत चाहिए |

जब अपने आफिस में दाखिल हो रहा है तो भी उसको आफियत और राहत चाहिए वहां का माहौल उसके लिए अच्छा रहे और उसका काम है ठीक ठीक पूरा कर सके |

जब मदरसे में दाख़िल हो रहा है तो उसको ये चाहिए कि उसका एडमिशन आसानी से हो जाये और उसकी पढाई आफियत के साथ पूरी हो जाये, बात समझ में आये और याद रहे |

जब अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल हो रहा है तो वो ये चाहेगा कि उसको इलाज के लिए कोई अच्छा डॉक्टर मिल जाये और उसके दिल में अल्लाह तआला सही दवा डाल दें जो मेरी बीमारी का इलाज कर सके और जब निकलूँ तो वहाँ से ठीक होकर निकलूँ |

तो अगर आप गौर करें तो हर इंसान अपनी ज़िन्दगी में कहीं न कहीं दाख़िल हो रहा होता है और कहीं न कहीं से निकल रहा होता है और हर जगह उसको खैर और आफियत चाहिए तो इसके लिए अल्लाह तआला ने एक बहुत मुआस्सिर और जामे दुआ बयान की है कि जब भी किसी चीज़ में दाखिल हो रहे हों तो ये दुआ ज़रूर पढ़ें इंशा अल्लाह उस काम में आपको कामयाबी मिलेगी |

किसी भी काम में कामयाबी पाने की दुआ

 

Dua In Hindi : रब्बी अद खिल्नी मुद खला सिदकिव व अखरिज्नी मुखरजा सिदकिव वज अल ली मिल लदुनका सुल्तानन नसीरा

Translation : ए मेरे रब ! मुझे (जहाँ ले जाइए) सच्चाई के साथ ले जाइए और (जहाँ से भी निकालिए) सच्चाई के साथ निकालिए, और मुझे ऐसा गलबा अता फरमाइए जिस के साथ (आप की) मदद शामिल हो |

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Wazifa & Dua For Exam Success In Hindi

इम्तेहान में कामयाब होने की दुआ

आज कल एग्ज़ाम्स का दौर चल रहा है ख़ासकर Board Exams और दूसरी Competitions भी चल रही हैं, ऐसे में Students पास होने के लिए मेहनत तो करते ही हैं साथ में दुआयें भी करते हैं ताकि उनका ये साल खराब न हो और इस इम्तेहान में कामयाब हो जाएँ |

कल मेरे एक दोस्त ने मुझ से पुछा कि मेरा एग्ज़ाम होने वाला है इसलिए कोई दुआ बता दीजिये, तो जो मैंने जो उसको बताया वही मैं आप सब से शेयर करना चाहता हूँ , यहाँ पर मैं कुछ वज़ीफे बता देना चाहता हूँ जो कि अगर आप पूरे यक़ीन के साथ करते हैं तो इंशा अल्लाह ज़रूर कामयाब होंगे |

1. Wazifa Exam Me Pass Hone Ke Liye

 

Hindi : फ़ इन्ना हस्बकल लाह हुवल लज़ी अय यदका बिनस रिही व बिल मुअ, मिनीन

English :Fa Inna Hasbakallahu Huwallazi Ay Yadaka Bi Nasrihi Wa Bil Mua’mineen”

ये आयत सूरह अनफ़ाल की 62 न. आयत में है (Surah Al Anfal-verse 62)

 

2. Dua Exam Me kamayab Hone Ke Liye

अगर आप पांच वक़्त की नमाज़ पढ़ते हैं, और रोज़ाना सुबह के वक़्त सूरह यासीन ( Surah yaseen ) पढ़ लेते हैं तो exam तो exam है आप ज़िन्दगी में कोई भी बड़ी कम्पटीशन या बड़े से बड़े इम्तेहान को आसानी से निकाल सकते हैं |

 

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