या नबी अस्सलाम या नबी अस्सलाम

या नबी अस्सलाम या नबी अस्सलाम

नबी पर सलाम, नबी पर सलाम

अस्सलातो वस्सलामो अ़लयक या रसूलल्लाह

मुस्त़फ़ा जाने रह़मत पे लाखों सलाम
शम्ए़ बज़्मे हिदायत पे लाखों सलाम

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

मुस्त़फ़ा जाने रह़मत पे लाखों सलाम
शम्ए़ बज़्मे हिदायत पे लाखों सलाम

तुम पे लाखों सलाम…

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

मेहरे चर्ख़े नुबुव्वत पे रोशन दुरूद
गुले बाग़े रिसालत पे लाखों सलाम

शह्‌र-यारे इरम ताजदारे ह़रम
नौ बहारे शफ़ाअ़त पे लाखों सलाम

शबे असरा के दूल्हा पे दाइम दुरूद
नौशए बज़्मे जन्नत पे लाखों सलाम

हम ग़रीबों के आक़ा पे बेह़द दुरूद
हम फ़क़ीरों की सरवत पे लाखों सलाम

तुम पे लाखों सलाम…

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

दूरो नज़्दीक के सुनने वाले वोह कान
काने ला’ले करामत पे लाखों सलाम

जिस के माथे शफ़ाअ़त का सेहरा रहा
उस जबीने सअ़ादत पे लाखों सलाम

तुम पे लाखों सलाम…

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

पतली पतली गुले क़ुद्‌स की पत्तियां
उन लबों की नज़ाकत पे लाखों सलाम

वोह दहन जिस की हर बात वह़िये ख़ुदा
चश्मए इ़ल्मो ह़िक्मत पे लाखों सलाम

वोह ज़बां जिस को सब कुन की कुन्जी कहें
उस की नाफ़िज़ ह़ुकूमत पे लाखों सलाम

तुम पे लाखों सलाम…

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

जिस सुहानी घड़ी चमका त़यबा का चांद
उस दिल अफ़्रोज़ साअ़त पे लाखों सलाम

बे अ़ज़ाबो इ़ताबो ह़िसाबो किताब
ता अबद अहले सुन्नत पे लाखों सलाम

एक मेरा ही रह़मत में दा’वा नहीं
शाह की सारी उम्मत पे लाखों सलाम

काश मह़शर में जब उन की आमद हो और
भेजें सब उन की शौकत पे लाखों सलाम

मुझ से ख़िदमत के क़ुदसी कहें हां रज़ा
मुस्त़फ़ा जाने रह़मत पे लाखों सलाम

या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम
या नबी अस्सलाम, या नबी अस्सलाम

अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन
अल्लाहुम्म स़ल्ले अ़ला मुह़म्मदिन

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