Dar E Nabi Par Para Rahun Ga Pare Hi Rehne Se Kam Ho Ga Lyrics in Hindi
दर-ए-नबी पर परा रहूं गा
परे ही रहने से काम हो गा
कभी तो किस्मत खुले गी मेरी
कभी तो मेरा सल्लं हो गा
1) खिलाफ ए महबूब कुछ हुआ है
ना कोई आशिक़ से काम होगा
खुदा भी होगा उधर ही आए दिल
जिधर वो आली मकाम होगा
कभी तो किस्मेट खुले गी मेरी
कभी तो मेरा सल्लं हो गा
2) किए ही जौन गा अर्ज़ मुतलब
मिले गा जब तक ना दिल का मुतलब
ना शाम ए मुतलब की सुबा होगी
ना ये फसाना तमाम होगा
कभी तो किस्मेट खुले गी मेरी
कभी तो मेरा सल्लं हो गा
दर-ए-नबी पर परा रहूं गा
परे ही रहने से काम हो गा
3) जो दिल से है माइल ए पैयम्बर
ये इसकी पहचान है मुक़र्रर
के हर दम इश्स बे-नवा के लब पर
दूरूद होगा, सल्लं हो गा
कभी तो किस्मेट खुले गी मेरी
कभी तो मेरा सल्लं हो गा
4) इसी तवकका पे जी रहा हूँ
यही तमन्ना जिला रही है
निगाह-ए-लुटफो करम ना हो गी
तो मुझ को जीना हराम होगा
दर-ए-नबी पर परा रहूं गा
परे ही रहने से काम हो गा
कभी तो किस्मेट खुले गी मेरी
कभी तो मेरा सल्लं होगा