Noha Lyrics in Hindi
Yeh Bil Yaqeen Hussain Hai Lyrics in Hindi
दीं अस्त हुसैन दीं पनाह अस्त हुसैन
सर दाद न दाद दस्त दर दस्त-ए यज़ीद
हक़्क़ा के बिना-ए ला इलाह अस्त हुसैन
लिबास है फटा हुआ ग़ुबार में अटा हुआ
तमाम जिस्म ए नाज़नी छिदा हुआ कटा हुआ
यह कौन ज़ी वक़ार है, बला का शह सवार है
के है हज़ारों कातिलों के सामने डटा हुआ
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
यह कौन हक़-परस्त है, मय-ए रज़ा ए मस्त है
के जिसके सामने कोई बुलंद है न पस्त है
उधर हज़ार घात है, मगर अजीब बात है
के एक से हज़ार का भी हौसला शिकस्त है
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
हुसैन जिसकी सदा ला इलाहा इलल्लाह
हुसैन जिसकी अदा ला इलाहा इलल्लाह
हुसैन जिसकी सना ला इलाहा इलल्लाह
हुसैन जिसकी दुआ ला इलाहा इलल्लाह
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है …
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जो दहकती आग के शोलों पे सोया वो हुसैन
जिसने अपने ख़ून से आ़लम को धोया वो हुसैन
जो जवां बेटे की मैय्यत पर न रोया वो हुसैन
जिसने सब कुछ खो के फिर भी कुछ न खोया वो हुसैन
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है …
रस्म-ए उश्शाक़ यही है के वफ़ा करते हैं
य़ानी हर हाल में हक़ अपना अदा करते हैं
हौसला हज़रत-ए शब्बीर का अल्लाह अल्लाह
सर जुदा होता है और शुक्र-ए ख़ुदा करते हैं
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है …
दिलावरी में फ़र्द है बड़ा ही शेर मर्द है
के जिसके दबदबे से रंग दुश्मनों का ज़र्द है
हबीब ए मुस्तफा है ये मुजाहिद ए ख़ुदा है ये
जभी तो इसके सामने यह फौज गर्द गर्द है
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
ईमान की तौक़ीर कहा जाता है
क़ुरआन की तफ़्सीर कहा जाता है
बातिल के सामने जो कभी झुक न सकी
उस ज़ात को शब्बीर कहा जाता है
हुसैन है हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है …
उधर सिपाह-ए शाम है हज़ार इन्तिज़ाम
उधर हैं दुश्मनान-ए दीं इधर फ़क़त इमाम है
मगर अ़जीब शान है ग़जब की आन-बान है
के जिस तरफ़ उठी है तेग़ बस ख़ुदा का नाम है
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है …
———
यह जिसकी एक ज़र्ब से, कमाल ए फ़न-ए ह़र्ब से
कई शकी गिरे हुए तड़प रहे हैं कर्ब से
गजब है तेग़-ए दो सिरा के एक एक वार पर
उठी सदा ए अलअमा ज़बान-ए शर्क़ ओ ग़र्ब से
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
अ़बा भी तार तार है, तो जिस्म भी फ़गार है
ज़मीन भी तपी हुई, फलक भी शोला बार है
मगर ये मर्द-ए तेग़ज़न, ये सफ़ शिकन, फ़लक फ़िगन
कमाल-ए सब्र ओ तन दिही से मह्व-ए कारज़ार है
यह बिल यक़ीं हुसैन है नबी का नूर ए ऐन है
Shahsawar e Karbala ki Shahsawari ko Salam Lyrics
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
रस्म ए उश्शाक़ यही है के वफ़ा करते हैं
यानी हर हाल में हक़ अपना अदा करते हैं
हौसला हज़रत ए शब्बीर का अल्लाह अल्लाह
सर जुदा होता है और शुक्र ए ख़ुदा करते हैं !
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
नेजे पे क़ुरआन पढ़ने वाले क़ारी को सलाम
रात दिन बिछड़े हुओं की राह में रहना खड़े
हज़रत ए सुग़रा की तुम्हारी इंतिज़ारी को सलाम
सर से चादर छिन गई लेकिन नज़र उट्ठी नहीं
हज़रत ए ज़ैनब तुम्हारी परदादारी को सलाम
मुस्कुराते तेग़ पे रौशन किया रंगीं चराग़
अकबर ओ क़ासिम तुम्हारी जां-निसारी को सलाम
कांप उट्ठा अर्श का दिल आसमां थर्रा गया
असग़र ए मासूम तेरी बेक़रारी को सलाम
कट गया कुनबा मुसीबत सर पे आई, लुट गई
हो गई भाई भतीजों से जुदाई, लुट गई
उम्र भर की दश्त ए ग़ुर्बत में कमाई लुट गई
रोके जब कहती थीं ज़ैनब हाय भाई लुट गई
घर अली का क्या लुटा सारी ख़ुदाई लुट गई
हर इम्तिहां में साबिर ओ शाकिर रहे हुसैन
कोहे अलम उठाने को हाज़िर रहे हुसैन
धोखे से कूफ़ियों ने बुला कर सितम किया
मेहमान ए बे-वतन को बुलाकर सितम किया
ख़ेमा लगा न नहर पे अहमद की आल का
पानी भी बंद कर दिया जहरा के लाल का
लाशों को भांजों की लहू में सजा के लाए
टूटे हुए बहिश्त के तारे उठा के लाए
आया किसी को पास ना रूह ए रसूल का
गुल कर दिया चराग़ मज़ार ए बतूल का
क़ासिम की मौत तोड़ गई आस, उफ़ न की
प्यासे शहीद हो गए अ़ब्बास उफ़ की
सूखे गले पे तीर लगा ख़ूं में भर गए
अकबर तड़पते कांपते हाथों में मर गए
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
———— कुछ और शेर ————-
पी के ‘साइम’ झूमता था जिसको करबल का शहीद
बादा ए इश्क नबी ﷺ तेरी ख़ुमारी को सलाम
दस्तार है हुसैन के सर पर रसूल की
थी मौत भी कुबूल तो ऐसी कुबूल थी
चेहरे पे जिसके मौला अली का जलाल है
क़ब्जे में जिसके भाई हसन का कमाल है
मैं क्या कहूं मैं कौन मेरी क्या मजाल है
सब जानते है फ़ातिमा ज़हरा का लाल है
चेहरा रसूल का लब ओ लहजा रसूल का
आंखों में खिंच रहा है सरापा रसूल का
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
शहसवार ए कर्बला की शहसवारी को सलाम
Salami Karbala Mein Lyrics |सलामी कर्बला में लिरिक्स
Shaheed-e-Karbala Ki Mominoñ Jab Yaad Aati hai,
Tadap Jaati Hai Duniya, Khoon Ke Aansoon Bahaati Hai,
शहीदे कर्बला की मोमिनो जब याद आती है
तड़प जाती है दुनिया खून के आंसू बहाती है
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन ..
Shah Hast Hussain, Baadshah Hast Hussain
Deen Ast Hussain, Deen Pana Hast Hussain
Sar Daad Na Daad Dast Dar Dast-e-Yazeed
Haqqa Ke Binaaye La-ila Hast Hussain
शाह हस्त हुसैन, बादशाह हस्त हुसैन
दीं अस्त हुसैन, दीं पनाह हस्त हुसैन
सर दाद, न दाद दस्त, दर दस्ते यज़ीद
हक्का के बिनाए ला-इलाह हस्त हुसैन
Sajde Mein Sar Kataane Ko Aakhir Kata Dia
Lekin Khuda Ke Naam Ka Danka Baja Dia
सजदे में सर कटाने को आख़िर कटा दिया
लेकिन ख़ुदा के नाम का डंका बजा दिया
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन ..
Deed Ki Gar Talaash Hai Sar Ko Jhuka Namaaz Mein,
Dil Se Khudi Ko Bhool Kar Khud Ko Mita namaaz mein
दीद की गर तलाश है सर को झुका नमाज़ में
दिल से ख़ुदी को भूल कर ख़ुद को मिटा नमाज में
Aayega Tujh Ko Jab Nazar Roo-e-Khuda Namaaz Mein
Pahle Hussain Ki Tarah Sar Ko Kata Namaaz Mein,
आएगा तुझको जब नज़र रूए ख़ुदा नमाज़ में
पहले हुसैन की तरह सर को कटा नमाज़ में,
Aur Keh, और कह,
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन..
Kis Ki Majaal Ai Hussain Jis Ko Ho Tujh Se Ham-Sari,
Baap Ke Ghar Imamateñ, Naana Ke Ghar Payambari,
किसकी मजाल ऐ हुसैन, जिसको हो तुझसे हमसरी
बाप के घर इमामतें, नाना के घर पयंबरी,
Shakl-e-Hussain Dekh Kar Haq Bhi Kahega Hashr Mein,
Ai Mere Mustafa Ke Laal Ummat-e-Mustafa Bari
शक्ल ए हुसैन देखकर हक़ भी कहेगा हश्र में
ऐ मेरे मुस्तफ़ा के लाल उम्मते मुस्तफ़ा बरी
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन..
Salami Karbala Mein Kya Qayamat Ki Ghadi Hogi..
सलामी कर्बला में क्या क़यामत की घड़ी होगी..
Salaami Karbala Mein Kya Qayamat Ki Ghadi Hogi
Chhuri Shabbir Ki Gardan Pe Jis Dam Chal Rahi Hogi
सलामी कर्बला में क्या क़यामत की घड़ी होगी
छुरी शब्बीर की गर्दन पे जिस दम चल रही होगी
Kaleja Thaam Kar Peer-e-Falak Bhi Rah Gaya Hoga.
Kaleje Per Ali Akbar Ke Barchhi Jab Lagi Hogi
कलेजा थाम कर पीर ए फ़लक भी रह गया होगा
कलेजे पर अली अकबर के बर्छी जब लगी होगी
Mujhe Jaane Do Paani Bhar Ke Ye Abbas Kahte The,
Kayi Din Ki Pyaasi Hai Sakina Ro Rahi Hogi
मुझे जाने दो पानी भर के ये अब्बास कहते थे
कई दिन की प्यासी है सकीना रो रही होगी
Luti Hai Jaise Duniya Karbala Mein Ibn-e-Haider Ki,
Kisi Mazloom Ki Duniya Na Duniya Mein Luti Hogi
लुटी है जैसे दुनिया कर्बला में इब्ने हैदर की
किसी मज़लूम की दुनिया ना दुनिया में लुटी होगी
Mohammad ﷺ Ke Nawaase Ne Jo Ki Teighoñ Ke Saaye Mein,
Bashar To Kya Farishtoñ Se Na Aise Bandagi Hogi
मोहम्मद के नवासे ने जो की तेग़ों के साए में
बशर तो क्या फरिश्तों से ना ऐसी बंदगी होगी
Nabi Se Peshtar Mahshar Meiñ Ummat Bakhshwane Ko
Hussain Ibn-e Ali Aayeñge Duniya Dekhti Hogi
नबी से पेशतर महशर में उम्मत बख़्शवाने को
हुसैन इब्ने अली आएंगे, दुनिया देखती होगी
Hamare Khoon Ke Badle Meiñ Ummat Bakhsh De Ya Rab,
Khuda Se Hashr Mein Ye Iltijaa Shabbir Ki Hogi
हमारे ख़ून के बदले में उम्मत बक्श दे या रब
ख़ुदा से हश्र में यह इल्तिजा शब्बीर की होगी
Bade Ghamkhwar Haiñ Woh Gham Na Kar Bakhshish Ka Ai ‘Purnam’,
Karam Se PanjTan Ke Hashr Meiñ Bakhshish Teri Hogi
बड़े ग़मख़्वार हैं वोह ग़म न कर बख़्शिश का ऐ पुरनम
करम से पंजतन के हश्र में बख़्शिश तेरी होगी
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन ..
Jab Jaan Tan Se Nikle Lab Par Mere Ho, Kya..
जब जान तन से निकले लब पर मेरे हो, क्या..
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन ..
Ishq Ki Ibtada Hai Kaun !
Husn Ki Intaha Hai Kaun !
इश्क की इब्तिदा है कौन ! हुस्न की इंतहा है कौन !
Ya Hussain Ya Hussain ..
या हुसैन या हुसैन ..
Aa Gham e Shabbir Aa Lyrics in Hindi
वफ़ा का नूर दुनिया में कभी मधम नहीं होता
गम-ए-शब्बीर बढ़ता जा रहा है कम नहीं होता
वो दिल, दिल ही नहीं पत्थर के टुकड़े से भी बदतर है
के जिस दिल में नबी के लाडले का गम नहीं होता
आ गम-ए-शब्बीर आ
आ गम-ए-शब्बीर आ सीने लगा कर चूम लूं
कर्बला की खाक को आंसू पिला कर चूम लूं
आ ग़म-ए-शब्बीर आ..
आ ग़म-ए-शब्बीर आ..
ज़ैग़म अली का ज़ुल्म के जंगल में घिर गया
ज़हरा का चाँद शाम के बदल में घिर गया
आ गम-ए-शब्बीर आ..
आ गम-ए-शब्बीर आ..
था गुल-इज़ारे फ़ातिमा ख़ारों में घिर गया
तनहा अली का लाल हजारो में घिर गया
आ गम ए शब्बीर आ..
आ गम ए शब्बीर आ..
आ गम-ए-शब्बीर आ सीने लगा कर चूम लूं
कर्बला की खाक को आंसू पिला कर चूम लूं
आ मेरे असग़र सदा देती थी सुग़रा रात दिन
आ तेरी रहो को मैं पलकें बिछा कर चूम लूं
यूँ मुख़ातिब लाशा-ए-असग़र से थे इब्न-ए-अली
उठ मेरे बेटे तुझे दिल में बिठा कर चूम लूं
जब चले मैदान को क़ासिम तो सय्यद ने कहा
रुक ज़रा दुल्हा तुझे सेहरे सजा कर चूम लूं
रोक कर औन ओ मोहम्मद को ये ज़ैनब ने कहा
आख़री बार आओ सीने से लगा कर चूम लूं
तुम भी मेरे चाँद असगर पानी पी कर आ गए
आंख तो खोलो तुम्हे लोरी सुना कर चूम लूं
जिसने बचाया ख़ल्क़ को दोज़ख़ की आग से
अफ़सोस उसकी आल के ख़ेमे भी जल गए
असग़र की हिचकी आख़री गरचे थी बे सदा
फिर भी ज़मीन-ओ-असमां के दिल दहल गए
साईम कमाल-ए-ज़ब्त की कोशिश तो की मगर
पलकों का हल्क़ा तोड़़ कर आंसू निकल गए
कैसे क़लम रक़म करे आयात-ए-कर्बला
ये बोलती किताब के पारे की बात है
पलकों का हल्का तोड़़ कर आंसू निकल गए..
पलकों का हल्का तोड़़ कर आंसू निकल गए..
छाए थे बादल ज़ुल्म-ओ-तश्द्दुद के आल पर
पत्थर बरस रहे थे मुहम्मद ﷺ के लाल पर
दर्द-ओ-अलम अज़ल से था हिस्सा हुसैन का
ग़म से भरा हुआ है सब क़िस्सा हुसैन का
पलकों का हल्क़ा तोड़़ कर आंसू निकल गए..
पलकों का हल्का तोड़़ कर आंसू निकल गए..
तेग़ों से बंद बंद जुदा था जनाब का
शीराजे खुल गए थे ख़ुदा की किताब का
( मीर अनीस का ये शेर इस तरह है:
मिलता था फ़स़्ल का न ठिकाना न बाब का
शीराज़ह खुल गया था सितम की किताब का
ملتا تھا فصل کا نہ ٹھکانا نہ باب کا
شیرازہ کھل گیا تھا ستم کی کتاب کا)
पलकों का हल्क़ा तोड़़ कर आंसू निकल गए..
पलकों का हल्का तोड़़ कर आंसू निकल गए..
लाशे पड़े थे दस्त-ए-मुसीबत में इस तरह
सहन-ए-चमन में फूल बिखरते है जिस तरह
पलकों का हल्क़ा तोड़ कर आंसू निकल गए..
पलकों का हल्का तोड़ कर आंसू निकल गए..
तुम भी मेरे चाँद असग़र पानी पी कर आ गए
आंख तो खोलो तुम्हें लोरी सुना कर चूम लूं
जब चले मैदान को क़ासिम तो सय्यद ने कहा
रुक ज़रा दुल्हा तुझे सेहरे सजा कर चूम लूं
रात दिन जो आंख रोती है ग़म-ए-शब्बीर में
क्यूँ न मैं साईम उसे आंखे झुका कर चूम लूं
आ गमे शब्बीर आ
सीने लगा कर चूम लू
आ गमे शब्बीर आ
सीने लगा कर चूम लू
Zainab Zainab Noha Lyrics Hindi | Farhan Ali Waris
ख़ैमों में अलम आया, अलमदार ना आया
शब्बीर ने ज़ैनब को ये ही नौहा सुनाया
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
टूटी है मेरी कमर ज़ैनब लुट गई सरकार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
हाथों में कूज़ा लिए बैठे हैं प्यासे
है सबको आस ज़ैनब उस बा-वफ़ा से
मुंह हमसे मोड़ गया ग़ुर्बत में छोड़ गया
दिल मेरा कहता है अब जीना है बेकार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
कहती थी मेरी बच्ची आएगा पानी
उसको सुना दो ज़ैनब ग़म की कहानी
मारा गया सक़्क़ा कुनबा रहा प्यासा
प्यासों पे हो गया क़ुर्बान वो सालार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
मश्क ए सकीना छिदी कट गए शाने
कैसे ज़मीं पर आया अल्लाह ही जाने
गुर्ज़ था सर पे लगा आंख में तीर भी था
उठना चाहा तो ना उठ पाया वो जर्रार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे जब मैं पहुंचा लाशा उठाने
की थी मुझसे वसीयत उस बा-वफ़ा ने
लाशा ख़ैमों में मेरा आक़ा लेकर ना जाना
ये कह के छोड़ गया मुझको वफ़ादार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
मुझ पे चलेगा ख़न्जर ख़ैमे जलेंगे
चादर छिनेगी तेरी बाज़ू बंधेंगे
सबका ग़मख़्वार होगा, मेरा बीमार होगा
अब तक अब्बास था, अब तू ही है सालार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब.. ज़ैनब
मौला का नोहा था ये फ़रहान ओ मज़हर
फ़र्श ए अज़ा बिछाओ ऐ मेरी ख़्वाहर
पाओ अब ज़ेरे अलम बर्पा करें मातम
हम हैं उस बा-वफ़ा के पहले अज़ादार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
दरिया पे मारा गया
तेरा अलमदार ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
ज़ैनब ज़ैनब ज़ैनब
Noha Title | Yateem Hona Bhi Baba Badi Qayamat Hai |
Reciter Name | Ali Akbar Ameen |
Poetry By | Waiz Sultanpuri |
Released On | Ali Akbar Ameen YouTube Channel |
Released By | NA |
Category | Noha |
Released Year | Muharram 1443 |
Posted By | Noha Lyrics |
Soz/Composition | Waiz Sultanpuri |
Hum Azadar Hain Lyrics
Hussain Ya Hussain Ya Hussain Ya Hussain
Labaik Ya Hussain Labaik Ya Hussain
Ya Hussain Ya Hussain Ya Hussain
Ya Hussain Labaik Ya Hussain Labaik Ya Hussain
Hum Azadar Hain Hum Azadar Hain,
Shah E Mazloom Ke
Hum Azadar Hain, Hum Azadar Hain,
Kin Hamaray Liye Aap Zahra Dua,
Hum Hain Sab Se Alag
Hum Hain Sab Se Juda Haathoun Me
Apnay Hay Alam E Shah E Wafa,
Darsghah He Hamari Tu Bas Karbala
Jis Ne Kalma,Ye Quran Hum Ko Dia
Us Mabi Ke Nawasay Ke Ghum Khawr Hn
Hum Azadar Hain, Hum Azadar Hain
Ye Khuda Ki Khudai Ke Hain Razdan
Banay Pajtan Ke Sadqay Dono Jahan
He Nabi Ki Zaban Hi Khuda Ki Zaban
Taabay In Kay Amar Kay He Kon O Makan
Dastaras Me Inhi Ke Hn Loh O Qalam
Bakhuda Ye Hi Jannat Ke Sardar Hain
Hum Azadar Hain, Hum Azadar Hain
Aao Haq E Mawadat Ada Hum Karain
Ali Asghar Ka Akbar Ka Matam Karain
Mil Ke Qasim Ka Abbas Ka Ghum Karain
Yaad Me Apni Aankhoun Ko Pur Nam Karain
San E Zahra Ke Jo Thay Palay Huay
Sar Kiye Jin Ke Nazoun Pe Akhwar Hain
Hum Azadar Hain, Hum Azadar Hain
Allah Janay Wo Kesay Musalman Thay
Kalma Go Thay Magar Na Pasheman Thay
Qatl Un Ko Kia He Jo Mehman Thay
Ban Gay Jan Kar Bhi Jo Anjan Thay
Rona Khursheed Hy Sirf Is Bat Ka
Laay Aal E Nabi Ko Wo Hain
Hum Azadar Hain Hum Azadar Hain
Shah E Mazloom Ke Hum Azadar Hain
Shah E Mazloom Ke Hum Azadar Hain
~ Hassan Sadiq
नोहा लिरिक्स इन हिंदी | Noha Lyrics in Hindi
हुसैन या हुसैन या हुसैन या हुसैन
लबैक या हुसैन लब्बैक या हुसैन या हुसैन
या हुसैन या हुसैन या हुसैन
लबैक या हुसैन लब्बैक या हुसैन
हम आज़ादर हैं, हम आज़ादर हैं
शाह ए मजलूम के हम आज़ाद हैं,
हम आज़ादर है हम आज़ादर है