Falak par chand zami par jo phool hota hai Lyrics in Hindi
फ़लक पर चांद ज़मी पर जो फूल होता है
रसूले पाक के क़दमों की धूल होता है
उसी मकान में होती है नूर की बारिश
कि जिस मकान में ज़िक्र ए रसूल होता है
बात कर मदीने की
रा-रा, रा-रा, रा-रा, रा-रा
बात कर मदीने की
नबी नबी नबी नबी नबी नबी नबी नबी
बात कर मदीने की
बात कर मदीने की
ज़िक्र कर मदीने का
मेरे सीने की धड़कन हैं मेरी आंखों के तारे हैं
सहारा बे-सहारों का हलीमा के दुलारे हैं
फ़कत अपना समझ कर तुम उन्हें तकसीम ना करना
नबी जितने तुम्हारे हैं, नबी उतने हमारे हैं
तो बात कर मदीने की
ज़िक्र कर मदीने का
एक यही सहारा है इस जहां में जीने का
एक यही सहारा है इस जहां में जीने का
गली-गली का वोह मंज़र बड़ा अजीब लगा
के बादशाह भी गुज़रा तो वोह ग़रीब लगा
बस एक शहरे मदीना है सारी दुनिया में
जहां पहुंच के ख़ुदा भी बहुत करीब लगा
बात कर मदीने की
ज़िक्र कर मदीने का
बस यही सहारा है इस जहां में जीने का
बस यही सहारा है इस जहां में जीने का
वो तुझे बचाएंगे पार भी लगाएंगे
वो तुझे बचाएंगे पार भी लगाएंगे
आक़ा मदीने वाले
वो तुझे बचाएंगे पार भी लगाएंगे
कयूं?
उन पे छोड़ दे कश्ती, ग़म ना कर सफ़ीने का
उन पे छोड़ दे कश्ती, ग़म ना कर सफ़ीने का
मिटाने वाले तो कब का मुझे मिटा देते
मिटाने वाले तो कब का मुझे मिटा देते
बचाने वाला मेरे साथ साथ रहता है
उन पे छोड़ दे कश्ती ग़म ना कर सफ़ीने का
उन पे छोड़ दे कश्ती ग़म ना कर सफ़ीने का
क्यूँ भटकता फिरता है पूछ अपने मुर्शिद से
क्यूँ भटकता फिरता है पूछ अपने मुर्शिद से
क्यूँ भटकता फिरता है पूछ ताज वाले से
क्यूँ भटकता फिरता है पूछ ताज वाले से
ये बतायेंगे सबको रास्ता मदीने का
बात कर मदीने की
ज़िक्र कर मदीने का